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मुजफ्फरपुर में जेइ के टीके के बाद दो बच्चों की मौत, नौ बीमार

मुजफ्फरपुर जिले के पटोरी गांव में शनिवार को जैपनीज इंसेफ्लाइटिस व मिजिल्स के टीके के बाद दो बच्चों की मौत हो गयी. नौ बच्चे गंभीर रूप से बीमार हो गये. शुक्रवार को स्वास्थ्यकर्मियों ने सभी को टीका दिया था, जिसके बाद से बच्चों को दस्त होने लगी. बच्चों की हालत बिगड़ती देख परिजनों ने पीएचसी […]

मुजफ्फरपुर जिले के पटोरी गांव में शनिवार को जैपनीज इंसेफ्लाइटिस व मिजिल्स के टीके के बाद दो बच्चों की मौत हो गयी. नौ बच्चे गंभीर रूप से बीमार हो गये. शुक्रवार को स्वास्थ्यकर्मियों ने सभी को टीका दिया था, जिसके बाद से बच्चों को दस्त होने लगी. बच्चों की हालत बिगड़ती देख परिजनों ने पीएचसी में डॉक्टर को दिखाया. वहां जब स्थिति कंट्रोल में नहीं आयी, तो बच्चों को एसकेएमसीएच रेफर कर दिया गया.

मुजफ्फरपुर : औराई के पटोरी गांव में शुक्रवार को 20 बच्चों को कई तरह के टीके दिये गये थे, जिनमें सात बच्चों को जैपनजी इंसेफ्लाइटिस , मिजिल्स व अन्य बच्चों को पेंटावैंलेट का टीका दिया गया था. टीके के बाद दो बच्चों की गांव में ही मौत हो गयी. इन दोनों की उम्र डेढ़ साल है. जिन बच्चों की हालत टीका लगने के बाद बिगड़ी है उनकी उम्र तीन माह से लेकर डेढ़ साल
मुजफ्फरपुर में जेइ…
तक है. एसकेएमसीएच में भरती बच्चों की हालत खतरे से बाहर बतायी गयी है. जिन बच्चों की मौत हुई है, उन्हें मिजिल्स व जैपनीज इंसेफ्लाइटिस का टीका पड़ा था. इस टीके से पांच बच्चे बीमार हुए. अन्य चार बच्चे पेंटावेंलेंट के टीके से बीमार हुए हैं. टीके के बाद मौत की सूचना पर स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया. विभाग की टीम शनिवार की सुबह ही गांव पहुंच गयी. इसके बाद प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर पहुंचने लगे.
डीएम धर्मेंद्र सिंह भी बच्चों की स्थिति का जायजा लेने के लिए गांव पहुंचे. उन्होंने अधिकारियों से बात की. पटना से स्वास्थ्य सचिव शशिभूषण कुमार भी हालात का जायजा लेने के लिए मुजफ्फरपुर पहुंचे. उनके साथ स्वास्थ्य निदेशक आजाद हिंद प्रसाद भी थे. स्वास्थ्य सचिव ने मेडिकल में भरती बच्चों का हाल भी जाना. विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम व राज्य स्वास्थ्य समिति की टीम भी जांच के लिए पहुंची. टीकाकरण की जिम्मेवारी पीएचसी प्रभारी की है.
वहीं, प्रखंड स्तर पर इसकी मॉनीटरिंग भी करते हैं. घटना के बाद डीएम धर्मेंद्र सिंह ने जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी को मामले की जांच का जिम्मा सौंपा है और उनसे त्वरित रिपोर्ट देने को कहा है. सिविल सर्जन डॉ ललिता सिंह भी पटोरी गांव में कैंप कर रही हैं. शनिवार की देर शाम तक जांच जारी थी, लेकिन इस बात का पता नहीं चल सका था कि बच्चों की मौत की वजह क्या रही. अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है, उससे कुछ खुलासा हो सके.
पटोरी गांव में मचा कोहराम
टीकाकरण के बाद दो बच्चों की मौत से पटोरी गांव में कोहराम मचा हुआ है. लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि आखिर बच्चों की मौत कैसे हुई. वह उस घड़ी को कोस रहे हैं, जब उन्होंने बच्चों का टीकाकरण कराया. शनिवार को दिन भर गांव में अधिकारियों का आना-जाना लगा रहा.
एइएस से बचाव को लेकर हो रहा टीकाकरण
मुजफ्फरपुर व आसपास के जिलों में हर साल गरमी के दिनों में एइएस नाम की बीमारी फैलती है, जिससे अब तक सैकड़ों बच्चों की मौत हो चुकी है. इसी से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से जेइ का टीकाकरण पिछले कई सालों से कराया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से आयी केंद्रीय व राज्यस्तरीय टीमों ने इससे संबंधित रिपोर्ट सरकार को दी थी, जिसके बाद से टीकाकरण शुरू किया गया. हालांकि जेइ के टीके को लेकर सवाल उठते रहे हैं.
इनकी गयी जान
राजा बाबू, सोनू कुमार
इनका चल रहा इलाज
अनन्या कुमारी,अंश कुमार,अंश कुमार दास,पुनीता कुमारी,मनीष कुमार, निशा कुमारी, दीपक कुमार,सोनी कुमारी
टीके से बच्चों की मौत की बात सामने आ रही है. हालांकि किस कारण से बच्चों की मौत हुई है, यह अभी तक स्पष्ट नहीं है. विशेषज्ञों की टीम जांच कर रही है. रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का कारण पता चलेगा.
धर्मेंद्र सिंह, डीएम, मुजफ्फरपुर

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