जलस्तर नीचे जाने से बिजली को झटका, घंटों रहती गुल

मुजफ्फरपुर : गरमी के तेवर बढ़ने के साथ बिजली भी अपना रंग दिखाने लगी है. सबसे अधिक परेशानी वोल्टेज के उतार – चढ़ाव को लेकर है. लो व हाइवोल्टेज के कारण बिजली रहने के बावजूद लोग इलेक्ट्रोनिक उपकरण का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं. बिजली की आंखमिचौनी का खेल शहर से लेकर गांव तक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 8, 2017 9:33 AM
मुजफ्फरपुर : गरमी के तेवर बढ़ने के साथ बिजली भी अपना रंग दिखाने लगी है. सबसे अधिक परेशानी वोल्टेज के उतार – चढ़ाव को लेकर है. लो व हाइवोल्टेज के कारण बिजली रहने के बावजूद लोग इलेक्ट्रोनिक उपकरण का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं. बिजली की आंखमिचौनी का खेल शहर से लेकर गांव तक के उपभोक्ताओं के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है.
तकनीकी जानकारों के अनुसार जल स्तर के नीचे चले जाने से ट्रांसफॉर्मर की अर्थिंग कमजोर हो जाने से यह स्थिति है. पीक ऑवर (सुबह व शाम ) में लोड बढ़ने के साथ वोल्टेज डीम हो जाता है. इस दौरान ट्रांसफॉर्मर से कभी हाइ तो कभी लो वोल्टेज सप्लाइ होता है. वोल्टेज कम होते ही मोटर, कूलर व एसी आदि काम करना बंद कर देते हैं.
खासतौर पर जिन उपभोक्ताओं के घर की दूरी ट्रांसफॉर्मर से अधिक है, उनको वोल्टेज की समस्या से जूझना पड़ रहा है. यही नहीं लो-हाइ वोल्टेज के कारण उपकरण भी खराब हो रहे हैं. अर्थिंग नहीं मिलने के कारण ट्रांसफाॅर्मरों में भी तकनीकी खराबी आने लगी है. जल स्तर नीचे खिसकने के कारण ट्रांसफार्मर को लगभग 10 – 20 प्रतिशत अर्थ की कमी हो गयी है. ट्रांसफॉर्मर की अर्थिंग की गहराई कम होने कारण गरमी आते हर साल यह समस्या आती है.
ट्रांसफॉर्मर का नहीं हो रहा मेंटेनेंस
ट्रांसफॉर्मर का मेंटेनेंस नहीं होने के कारण पावर उपलब्ध रहने के बाद भीलोगों को बिजली नहीं मिल पाती है. ट्रांसफाॅर्मरों में खराबी आ जाने से कई-कई घंटे बिजली का इंतजार करना पड़ता है. इसकी वजह समय से ट्रांसफॉर्मर के तेल का नहीं बदला जाना व मोटे फ्यूज तार का उपयोग है.
एलटी लाइन में मानक के अनुसार फ्यूज तार नहीं रहने के कारण लोड बढ़ने से एचटी फ्यूज उड़ जाता है. अगर देर रात में ट्रांसफॉर्मर में खराबी आ गयी तो पूरे रात ब्लैक आउट की स्थिति झेलनी होती है. आम तौर पर सुबह में बिजली बहाल हो पाता है. दूसरा वजह ट्रांसफॉर्मर पर क्षमता से अधिक लोड भी है. गांव की बात तो दूर शहरी क्षेत्र में दर्जनों ट्रांसफॉर्मर ओवर लोड चल रहे है. हालांकि, एस्सेल की ओर से लगातार दावा किया जा रहा है कि ट्रांसफॉर्मर की क्षमता बढ़ा दी गयी है.

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