मुजफ्फरपुर : मातृ दिवस के ठीक एक दिन पहलेबिहारमें मुजफ्फरपुरस्थित केजरीवाल अस्पताल में ऐसा हुआ, जिसने एक साथ कई सवाल खड़े कर दिये. आखिर उस मां की क्या मजबूरी रही होगी, जिसने नौ माह तक अपने गर्भ में रखने और सवा महीने तक देखभाल करने के बाद नवजात को अस्पताल के टॉयलेट में छोड़ दिया. बच्चे को छोड़ कर मां, तो चली गयी, लेकिन जब दूसरी मां (महिला) टॉयलेट पहुंची, तो वहां की स्थिति देख कर चिल्लाते हुये बाहर की ओर भागी. आखिर ये कैसी बिडंबना है, जो एक मां ने ऐसा कदम उठाया.
केजरीवाल अस्पताल में जब टॉयलेट में नवजात बच्चा होने की सूचना फैली, तो सुरक्षाकर्मी सक्रिय हुये और वो बच्चे को लेकर अस्पताल प्रशासक डॉ बीबी गिरी के कार्यालय में पहुंचे. प्रशासक ने बिना देरी किये बच्चे का इलाज करने सवा माह के का निर्देश डॉक्टरों को दिया. शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ बीएन तिवारी ने बच्चे की जांच की. वजन कम होने व सांस तेज चलने के कारण उन्होंने उसे आइसीयू में भरती करा दिया. देख-रेख में कंपाउंडर मुकुंद लग गये. रात तक बच्चे की हालत में सुधार होने लगा, तो स्वास्थ्य कर्मियों के चेहरे पर मुस्कान आयी.
रात में भी डॉक्टर बच्चे की निगरानी कर रहे थे. उनका कहना था कि हालत तेजी से सुधर रही है. हो सकता है कि देर तक टॉयलेट की फर्श पर पड़े होने की वजह से बच्चे की हालत बिगड़ी हो. इधर, देर राततक किसी ने नवजात को लेकर दावेदारी नहीं की थी.
स्वास्थ्यकर्मी कर रहे हैं बच्चे की देखभाल
हॉस्पिटल मैनेजर अनिरुद्ध कुमार ने कहा कि किसने बच्चे को टॉयलेट में छोड़ा है, इसकी जानकारी नहीं मिल पायी. पैथेलॉजी के समीप टॉयलेट के आसपास सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा है. इस कारण इसका फुटेज नहीं मिल पाया. एक-दो दिन तक इसके परिजनों के आने का इंतजार करेंगे. इसके बाद हॉस्पिटल प्रबंधन बैठक कर निर्णय लेगा.