जेल बना ऐशगाह, पैसे से हर सुविधा उपलब्ध!

मुजफ्फरपुर : शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा में पैसे के बल पर कैदियों को हर सुविधा उपलब्ध है. जेल में नशे के सामान से लेकर मोबाइल तक मुहैया हो जाता है, बस इसकी कीमत चुकानी होती है. यह सब जेल प्रशासन के नाक के नीचे होता है, लेकिन कारा प्रशासन की इस पर नजर नहीं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 21, 2017 4:20 AM

मुजफ्फरपुर : शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा में पैसे के बल पर कैदियों को हर सुविधा उपलब्ध है. जेल में नशे के सामान से लेकर मोबाइल तक मुहैया हो जाता है, बस इसकी कीमत चुकानी होती है. यह सब जेल प्रशासन के नाक के नीचे होता है, लेकिन कारा प्रशासन की इस पर नजर नहीं पड़ती. केंद्रीय कारा के पहले गेट पर सुरक्षा व्यवस्था लुंजपुंज है,

तो दूसरे गेट पर तैनात सुरक्षाकर्मी वसूली में लगे रहते हैं. बंदी गोलू ठाकुर पहला बंदी नहीं है, जिसने केंद्रीय कारा के अंदर से फोन कर धमकी दी है. इससे पहले भी जेल के अंदर से फोन कर रंगदारी, हत्या की धमकी, गिरोह संचालन और फेसबुक अपडेट होते रहे हैं. लेकिन जेल प्रशासन हर बार यह कह कर पल्ला झाड़ लेता है कि जेल के अंदर मोबाइल नहीं है.

जेल सूत्रों के अनुसार, शनिवार को जेल प्रशासन ने जब गोलू ठाकुर से पूछताछ की, तो उसने इस बात का खुलासा किया कि जब भी उसे मोबाइल की जरूरत होती थी, उसे वार्ड नंबर 10 से मिल जाया करता था. उसने इस बात का भी खुलासा किया कि जेल के अंदर से फेसबुक पर जो तसवीर अपलोड की जाती है, वह बंदियों के साथ ली गयी सेल्फी होती है.

खुली सुरक्षा की पोल
केंद्रीय कारा एक बार फिर सवालों के घेरे में है. बंदियों को जेल के अंदर ले जाने के लिए दो जगहों पर चेकिंग की व्यवस्था है. पहले मुख्य द्वार पर फिर दूसरे गेट पर. ऐसे में यह समझ से परे है कि वार्ड में मोबाइल कैसे पहुंच जाता है. कुछ दिन पहले एक वॉर्डन पर आरोप लगा था. उसने 10 हजार रुपये लेकर मोबाइल अंदर पहुंचाया था.
प्रकाश में आये मामले
4 अप्रैल: बंदी हिमांशु कुमार का फोटो फेसबुक पर अपडेट हुआ
11 अप्रैल: राकेश कुमार गांजा के साथ जेल गेट से पकड़ा गया
19 मार्च: टुल्लू सिंह का फेसबुक पर फोटो अपडेट हुआ
5 फरवरी: बांका में व्यवसायी को फोन कर जेल से मांगी रंगदारी
27 फरवरी: जेल गेट पर शराब ले जाते सुरक्षाकर्मी पकड़ा गया
10 अप्रैल: अनिल ओझा ने जेल से केस उठाने के लिए धमकी दी थी
जेल में सख्ती बरती जा रही है. वार्ड तक मोबाइल कैसे पहुंचा, इसकी जांच करायी जा रही है.
सत्येंद्र कुमार, जेल अधीक्षक
शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा

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