इवीएम की ‘पीऽऽऽ’ से खिले चेहरे, लगा सुरक्षित है लोकतंत्र
मतदान. वार्ड नंबर 35, 36, 37, 38, 46, 47, 48, 49 लाइव मुजफ्फरपुर : रविवार, सुबह के साढ़े आठ बजे का समय. जिला स्कूल में वार्ड-37 के बूथ नंबर एक पर मतदान जारी है. करीब 19-20 साल की एक लड़की अपना वोट डालने के लिए मतदान कक्ष में जा चुकी है. वहीं, बाहर करीब सात-आठ […]
मतदान. वार्ड नंबर 35, 36, 37, 38, 46, 47, 48, 49 लाइव
मुजफ्फरपुर : रविवार, सुबह के साढ़े आठ बजे का समय. जिला स्कूल में वार्ड-37 के बूथ नंबर एक पर मतदान जारी है. करीब 19-20 साल की एक लड़की अपना वोट डालने के लिए मतदान कक्ष में जा चुकी है. वहीं, बाहर करीब सात-आठ साल का एक बच्चा साइकिल लेकर खड़ा है. आदर्श आचार संहिता के तहत किसी भी व्यक्ति को मतदान स्थल के समीप साइकिल या कोई और वाहन ले जाने की मनाही है. लेकिन, वह बच्चा साइकिल लेकर उस बरामदे तक पहुंच गया है,
जहां मतदान कर्मी बैठे हैं. बावजूद न तो उस बच्चे को पुलिस टोकती है, न मौके पर मौजूद मजिस्ट्रेट, पीठासीन पदाधिकारी या कोई अन्य मतदान कर्मी. वह तब तक वहां खड़ा रहता है, जब तक लड़की अपना वोट डाल कर वापस नहीं निकलती है. पूछने पर मासूमियत के साथ बोलता है, यह मेरी दीदी है. पर, जैसे ही उससे उसका नाम पूछा जाता है, वह मुस्कुराता है और बिना कुछ कहे अपनी बहन के साथ वहां से चल देता है.
कहने को यह सामान्य घटना हो सकती है. पर, जिस तरह शांत, एकाग्रचित होकर वह अपनी बहन को वोट डालते देख रहा था, महसूस हुआ, आने वाले समय में भी अपने यहां लोकतंत्र को कोई खतरा नहीं है. यह सोच कन्हौली खादी भंडार चौक स्थित मध्य विद्यालय नयी तालीम स्कूल पहुंचते-पहुंचते और पुख्ता हो गयी. यहां पिता अरविंद झा के साथ उनकी छह वर्षीया पुत्री नाव्या झा व सात वर्षीय पुत्र वैभव झा भी केंद्र पर थे. पूछने पर नाव्या कहती है, पापा के साथ आये हैं. हमको भी देखना है, वोट कैसे डालते हैं! ये वोट क्यों डाला जा रहा है, पूछने पर वैभव कह उठता है पार्षद चुनने के लिए. हालांकि, पार्षद का क्या काम है, पूछने पर वह मुस्कुरा भर देता है. इसी केंद्र पर कुछ कदम आगे जाने पर पांच साल की सुरभि भी दिखायी पड़ती है. वह अपनी मां की अंगुली थाम कर आगे बढ़ रही है, जो चंद सेकेंड पहले ही वोट गिरा कर निकली है. कुछ आगे जाने पर लाइन में उसके पिता दिखायी पड़ते हैं. वह मां की अंगुली छोड़ कर पिता की अंगुली थाम लेती है. मां टोकती है, तो सुरभि मासूमियत से कहती है, एक बार और देखूंगी. अहसास हुआ, शायद वह इवीएम का बटन दबाये जाने से निकलने वाली ‘पीऽऽऽ’ की आवाज से आकर्षित हो चुकी थी.
114 मत पड़ने के बाद इवीएम खराब
सुबह 9:05 बजे तक जिला स्कूल स्थित वार्ड-37 के बूथ नंबर एक पर 114 मत पड़ चुके थे. एक बुजुर्ग अगला मत डालने के लिए गये. लेकिन, जैसे ही उन्होंने इवीएम का बटन दबाया, कंट्रोल यूनिट पर ‘इनवैलिड वोट’ शो करने लगा. काफी कोशिश के बावजूद उसे सुधारा नहीं जा सका. इस बीच कुछ मतदाता केंद्र से वापस भी लौटते दिखे. इसके बाद पीठासीन पदाधिकारी ने तत्काल इसकी सूचना कंट्रोल रूम को दी. आनन-फानन में धर्म समाज संस्कृत कॉलेज से नया इवीएम मंगवाया गया. इस बीच 45 मिनट गुजर चुके थे. सुबह करीब 9:50 बजे दुबारा मतदान शुरू हुआ. यहां के दोनों इवीएम के मतों की गिनती होगी.
बूथ तक ऑटो, तो कहीं 10 कदम की दूरी पर
बंट रही थी परची
कई केंद्रों पर नियम टूटते भी दिखायी दिये. वार्ड-49 के मध्य विद्यालय मिठनपुरा उर्दू स्थित बूथ नंबर तीन से महज आठ से दस कदम की दूरी पर प्रत्याशियों के समर्थक वोटर परची लेकर बैठे थे. वे मतदाताओं को बारी-बारी से परची भी बांट रहे थे. राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार, केंद्र के 200 मीटर दायरे तक किसी भी प्रत्याशी का कैंप नहीं हो सकता है. देर शाम सेक्टर दंडाधिकारी वहां गश्त करने आये. उस समय भी केंद्र के आस-पास काफी भीड़ थी. दंडाधिकारी के निर्देश पर पुलिस बल ने उन्हें खदेड़ना शुरू किया, तो वहां जमे लोग सड़क की दूसरी ओर भागने लगे. वहीं, वार्ड-49 में वैशाली रूरल बिजनेस मैनेजमेंट कॉलेज स्थित केंद्र संख्या पांच पर एक प्रत्याशी की ओर से वोटरों को केंद्र तक पहुंचाने के लिए ऑटो सुविधा मुहैया करायी गयी थी. ऑटो दिन में कई बार मतदान केंद्र के गेट पर आकर रुकी. इस बात को लेकर एक अन्य प्रत्याशी के समर्थक से ऑटो चालक की बकझक भी हुई. वहीं, इसी केंद्र से चंद कदम की दूरी पर दोपहर तीन बजे दो प्रत्याशियों के समर्थक के बीच, वोटर को परची कौन देगा, इसको लेकर विवाद हो गया. काफी देर तक तू-तू-मैं-मैं होती रही. शोर सुन कर वहां काफी संख्या में वोटर भी जमा हो गये. लोगों के बीच-बचाव
के बाद मामला शांत हुआ.