मुजफ्फरपुर : बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में मानवीय संवेदना को झकझोर देने वाला एक मामला प्रकाश में आया है. हालांकि, बिहार के अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में सुविधाओं के अभाव को लेकर आये दिन हंगामा होते रहता है, लेकिन जिले के एसकेएमसीएच के अस्पतालकर्मियों की लापरवाही ने एकयुवक को अपनी सास के शव के साथ ऐसा करने पर मजबूर कर दिया, जिसके बारे में जानकर लोग सकते में हैं. घटना रविवार की है, जब एक दामाद को अस्पताल से वाहन की सुविधा नहीं मिलने पर अपनी सास के शव को पीठ से बांधकर बाइक पर लादकर ले जाना पड़ा. अस्पताल से घर की दूरी लगभग 16 किलोमीटर है. दामाद ने 16 किलोमीटर तक शव को अपनी पीठ से बांधे रखा और उसे लेकर घर गया. इस दौरान रास्ते में दामाद लोगों के लिएचर्चा का विषय बना रहा.
एसकेएमसीएच की है घटना
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह घटना एसकेएमसीएच में हुई है. घटना की जानकारी मिलने के बाद अस्पताल प्रबंधक ने कर्मचारियों से पूरे घटना की रिपोर्ट तलब की है. वहीं यह घटना मुजफ्फरपुर में चर्चा का विषय बनी हुई है. बताया जा रहा है कि अस्पताल के आपातकालीन विभाग में कांटी प्रखंड के सुकल साह की पत्नी रामो देवी को भरती कराया गया था. 65 वर्षीय रामो देवी सांस की बीमारी से पीड़ित थीं. रविवार को उनकी अस्पताल में मौत हो गयी. शव को ले जाने के लिए परिजनों ने कई जगह हाथ-पांव मारे लेकिन, उन्हें एंबुलेंस नहीं मिली. निजी एंबुलेंस वालों का किराया उनके बस में नहीं था. उसके बाद उन्होंने अस्पताल प्रबंधन से शव को पहुंचाने की अपील की, लेकिन वहां भी कोई व्यवस्था नहीं हो पायी.
दोषियों पर होगी सख्त कार्रवाई
बताया जा रहा है कि बाद में परिजनों ने रामो देवी के दामाद को बुलाया. उन्होंने किसी तरह मोटरसाइकिल से एक और व्यक्ति के सहयोग से शव को पीठ के सहारे बांधा और गांव तक पहुंचाया. हालांकि, परिजनों ने गुस्से में किसी भी व्यक्ति से बात करने से इनकार कर दिया. वहीं मामले में अस्पताल के हेल्थ मैनेजर ने मीडिया को बताया कि रामो देवी के परिजनों ने संपर्क नहीं किया है. जबकि, एसकेएमसीएच के प्रबंधक डॉ. जी के ठाकुर ने पूरे मामले की जांच करने की बात कहते हुए, दोषियों पर सख्त कार्रवाई की बात कही है.
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