उमस भरी गरमी से बच्चों पर टूटा बीमारियों का कहर

मौसम. तीन दिनों में डायरिया व बुखार के 90 बच्चे हुए भरती मुजफ्फरपुर : सर, बच्चे का पेट खराब है, उल्टी भी कर रहा है. ओआरएस पिला रहे हैं, लेकिन बच्चा सुस्त होता जा रहा है. कल अच्छा-भला था, अचानक सुबह से इसकी तबीयत खराब हो गयी. यह कहानी एक बच्चे की नहीं. सैकड़ों बच्चे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 5, 2017 4:40 AM

मौसम. तीन दिनों में डायरिया व बुखार के 90 बच्चे हुए भरती

मुजफ्फरपुर : सर, बच्चे का पेट खराब है, उल्टी भी कर रहा है. ओआरएस पिला रहे हैं, लेकिन बच्चा सुस्त होता जा रहा है. कल अच्छा-भला था, अचानक सुबह से इसकी तबीयत खराब हो गयी. यह कहानी एक बच्चे की नहीं. सैकड़ों बच्चे के माता-पिता डॉक्टर को यही कह कर बच्चे को दिखा रहे हैं. रविवार को एसकेएमसीएच व केजरीवाल अस्पताल में इलाज के लिए सैकड़ों बच्चों को लेकर लोग पहुंचे. सुबह से शाम तक यहां बीमार बच्चों का तांता लगा रहा.
अधिकतर बच्चे डायरिया से पीड़ित थे. दस्त व उलटी की समस्या कॉमन थी. पिछले तीन दिनों में उमस भरी गरमी के कारण मरीजों की संख्या काफी बढ़ गयी है. गरमी जनित बीमारियों की चपेट में आने से विभिन्न अस्पतालों में बच्चों को भरती किया जा रहा है. पिछले तीन दिनों में केजरीवाल व एसकेएमसीएच में 90 बच्चों की भरती की गयी. इनमें अधिकतर बच्चे डायरिया व बुखार से पीड़ित थे. डॉक्टरों का कहना है कि ऐसे मौसम में बच्चों को ताजा भोजन कराना चाहिए. पानी उबाल कर ठंडा कर पिलाना चाहिए. बच्चों में सफाई का विशेष ख्याल रखना चाहिए. ऐसे मौसम में थोड़ी सी असावधानी बच्चों को बीमार कर रही है. इस मौसम में बच्चों को बाहर की तली-भुनी खाद्य पदार्थ नहीं देना चाहिए.
केजरीवाल व एसकेएमसीएच में लग रहा मरीजों का तांता
डायरिया
गरमी बढ़ने से डायरिया का प्रकोप काॅमन हो गया है. खाने-पीने में असावधानी के कारण बच्चे बीमार हो रहे हैं. अधिकतर बच्चों को पहले दस्त होता है फिर उलटी शुरू हो जाती है. डॉक्टर कहते हैं कि ऐसी स्थिति में बच्चों को ओआरएस पिलाना चाहिए व डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. डायरिया का तुरंत इलाज जरूरी है. देर करने पर बच्चा सीरियस हो सकता है.
बुखार
इस मौसम में बच्चे बुखार से पीड़ित हो रहे हैं. वायरल फीवर से ग्रसित होने पर बच्चों को तेज बुखार हो रहा है. बच्चे को तेज बुखार होने पर उसके बदन को ठंडे पानी से पोंछना चाहिए. बच्चे को हवादार जगह पर रखना चाहिए. उसे सूती कपड़ा पहनाना चाहिए. तेज बुखार की स्थिति में डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है.
जांडिस
अशुद्ध पानी के सेवन से बच्चों में जांडिस का प्रकोप भी बढ़ा है. बच्चों की भूख कम हो रही है. बच्चों का यूरिन पीला होने व उसके सुस्त होने पर डॉक्टर से दिखाना चाहिए. जांच में जांडिस की पुष्टि होने पर डॉक्टर के परामर्श के अनुसार बच्चों को दवाएं देनी चाहिए. उसे तली-भुनी चीजें नहीं देनी चाहिए. शुद्ध व सादा भोजन कराना चाहिए.

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