Chhath Puja: बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के काली बाड़ी रोड की निवासी सायरा बेगम (40) पिछले आठ वर्षों से छठ पर्व का उपवास रख रही हैं. यह उनका एक विशेष संकल्प है, जो उन्होंने अपनी मन्नत के पूरे होने के बाद से शुरू किया. सायरा बेगम की छठ पर्व के प्रति निष्ठा और आस्था उनके परिवार के लिए एक प्रेरणा बनी हुई है, जो इस पर्व को एक खास महत्व प्रदान करती है.
मनोकामना पूरा होने के बाद छठ व्रत शुरू किया
सायरा बेगम ने बताया कि मेरे पति की तबियत बहुत खराब थी, और मैं उन्हें ठीक करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही थी. डॉक्टरों से लेकर घरेलू उपचार तक, लेकिन कुछ भी काम नहीं कर रहा था। तब मैंने छठ पर्व के दौरान छठी मैया से प्रार्थना की. मन्नत मांगी कि अगर मेरी इच्छा पूरी होती है तो मैं हर साल छठ का व्रत रखूंगी. मेरी मन्नत पूरी हो गई और मेरे पति की सेहत में सुधार आ गया.
छठ पूजा के प्रति श्रद्धा लगातार बढ़ा है
छठ पर्व के प्रति उनका समर्पण तब से लगातार बढ़ा है. उन्होंने अपने परिवार के अन्य सदस्यों के लिए भी मन्नतें मांगी. जब उनकी बहू को संतान सुख नहीं मिल रहा था, तो सायरा ने फिर से छठी मैया से प्रार्थना की. उनकी बहू की इच्छा भी पूरी हुई, और अब उनके परिवार में पोता-पोती हैं.
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विभिन्न समुदायों के बीच सहयोग और आस्था का प्रतीक है
सायरा की यह कहानी यह दर्शाती है कि छठ पर्व केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह विभिन्न समुदायों के बीच सहयोग और आस्था का प्रतीक है. इस पर्व को न केवल हिंदू, बल्कि मुस्लिम परिवार भी उतनी ही श्रद्धा से मनाते हैं, जो आपसी भाईचारे का संदेश देती है. सायरा बेगम ने बताया कि छठ पर्व के लिए मेरी खुशी रमजान से भी ज्यादा होती है. यह सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि हमारे परिवार के लिए एक विशेष अवसर है. हम इस दिन मिलकर तैयारियां करते हैं और इसे पूरे श्रद्धा के साथ मनाते हैं.