मुजफ्फरपुर यौन शोषण कांड: टारगेट पूरा नहीं करने पर सीनियर करते हैं मारपीट, पूछताछ में मास्टरमाइंड ने खोले कई राज

मुजफ्फरपुर जिला पुलिस की विशेष टीम ने पीड़िता से पूछताछ के आधार पर कार्रवाई करते हुए मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने बताया कि कंपनी से जुड़ी किसी अन्य लड़की का यौन शोषण नहीं किया गया. पुलिस ने बखरी स्थित कंपनी के कार्यालय से दस्तावेज और हर्बल उत्पाद जब्त किए हैं

By Anand Shekhar | June 18, 2024 11:00 PM
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मुजफ्फरपुर यौन शोषण कांड: मुजफ्फरपुर में नेटवर्क मार्केटिंग की जाल में फंसाकर सारण की युवती से यौन शोषण करने के मुख्य आरोपी तिलक कुमार सिंह को गोरखपुर से गिरफ्तार किया गया है. वह सीवान जिला के मैरवा थाना के कोडरा गांव का रहने वाला है. नगर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी टू के नेतृत्व में गठित एसआइटी ने सोमवार की देर रात यह कार्रवाई की है. आरोपी अपने गोरखपुर स्थित अपने फ्लैट में छिपा हुआ था. पुलिस ने आरोपी से पूछताछ की है तो उसने कंपनी से जुड़ी कुछ अहम जानकारियां शेयर की है. पुलिस उससे पूछताछ के आधार पर आगे की कार्रवाई में जुट गयी है.

इस कांड में फरार चल रहे नामजद आरोपी कंपनी के डायरेक्टर यूपी के नोएडा सेक्टर टू के रहने वाले मनीष सिन्हा उर्फ मनीष कुमार सिंह, पूर्वी चंपारण जिले के रमगढ़वा थाना के बेला निवासी एनामुल अंसारी, पूर्णिया जिला के बड़ा रोहुआ के अहमद रजा , वैशाली जिला के हाजीपुर के विजय कुशवाहा, सीवान जिला के सिअरी के कन्हैया कुशवाहा, गोपालगंज जिला के फुलवरिया थाना के हरेराम कुमार राम , सीवान जिला के मौरवां थाना के मैदनिया निवासी हृदयानंद सिंह और सुपाैल जिला के लौध के रहने वाले मो. इरफान की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस टीम छापेमारी कर रही है.

सिटी एसपी अवधेश सरोज दीक्षित ने पूरे मामले पर प्रेसवार्ता कर कहा कि बीते दो जून को सारण जिले की एक युवती ने नेटवर्क मार्केटिंग की जाल में फंसाकर उससे रुपये ठगी करने व यौन शोषण का आरोप लगाकर कोर्ट परिवाद के आधार पर अहियापुर थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. मामले को गंभीरता से लेते हुए टीम में नगर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी टू विनिता सिन्हा, अहियापुर थानेदार रोहन कुमार, डीआइयू प्रभारी लाल किशोर गुप्ता को शामिल किया था. युवती ने जिस व्यक्ति तिलक कुमार सिंह पर यौन शोषण का आरोप लगायी थी उसको गोरखपुर से गिरफ्तार किया गया है. वह अपने फ्लैट में छिपा हुआ था. इधर, पुलिस पीड़ित युवती का मेडिकल जांच कराने के साथ- साथ कोर्ट में 164 का बयान दर्ज कराने की कवायद में जुट गयी है.

नेशनल लेवल पर हर्बल प्रोडक्ट व मेडिसिन बेचने का काम करती है कंपनी

सिटी एसपी ने कहा कि डीबीआर कंपनी एक रजिस्टर्ड कंपनी है. यह नेशनल लेवल पर काम करती है. यह हर्बल प्रोडक्ट व मेडिसिन डिस्ट्रीब्यूटर से लेकर रिटेलर तक बेचती है. सिटी एसपी ने बताया कि इस कंपनी से लाखों लड़के- लड़कियां देश भर में जुड़े हुए हैं. इनको प्रोपर सैलरी देने की बात भी सामने आयी है. पिछले पांच से छह साल से कंपनी काम कर रही है. प्राथमिकी के बाद डीएसपी विनिता सिन्हा के नेतृत्व में पुलिस टीम बखरी स्थित कार्यालय पहुंची थी. जहां पिछले साल 19 मई 2023 को छापेमारी की गयी थी. वह कंपनी फंक्शनिंग नहीं थी. लेकिन, उसके लॉज के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा था. वहां करीब 40 से 50 की संख्या में लड़के लड़कियां मिली. जिनका बयान दर्ज किया गया.

परफॉर्मेंस और टारगेट पूरा नहीं करने पर सीनियर करते है मारपीट

गिरफ्तार तिलक कुमार सिंह से पुलिस ने लड़कियों व लड़के को बेल्ट से मारपीट के वायरल वीडियो के बारे में पूछताछ की तो उसने बताया कि कंपनी से जुड़े लड़के व लड़कियों को टारगेट दिया जाता था. जो टारगेट पूरा नहीं करता था या कामचोरी करता था. जिनका परफॉर्मेंस खराब रहता था उसको कंपनी के सीनियर कर्मचारियों के द्वारा मारपीट की जाती थी. उनकी बेल्ट से पिटाई की जाती थी. सिटी एसपी ने बताया कि मारपीट के बिंदु पर अगल से जांच की जा रही है.

कंपनी के सीएमडी पर भी दर्ज है पूर्व से एफआईआर

सिटी एसपी ने बताया की कंपनी का सीएमडी मनीष सिन्हा नोएडा में रहता है. वह भी सीवान का रहने वाला है. उसके खिलाफ भी बीते वर्ष एफआईआर दर्ज हुई थी.यूपी के महराजगंज जिला के धुधरी थाना के भुवनी गांव निवासी ओंकार नाथ पांडेय के बयान पर अहियापुर थाने में यह प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. इस मामले में पुलिस ने आठ को गिरफ्तार करके जेल भी भेजा था. वहीं, सीएमडी मनीष सिन्हा व मो. इरफान ने जमानत ले लिया था. जबकि, इस बार भी उसके खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है. उसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है.

प्राथमिकी के डर से एक साल तक पुलिस के सामने नहीं आयी थी


सिटी एसपी ने बताया की पिछले साल जब बखरी स्थित कंपनी के कार्यालय में रेड की थी इसके बाद से सीवान की पीड़िता भी लापता हो गई थी. क्योंकि, उसे डर था की वह भी न फंस जाए. क्योंकि, उसने भी करीब 50 से 60 लड़के लड़कियों को कंपनी में जोड़ी थी. रेड होने के बाद से वह भी गायब थी. लेकिन, एक साल बाद उसने मामला दर्ज करवाया है. उसके बयान के आधार पर कार्रवाई की जा रही है. इस पूरे मामले में जिनकी भी भूमिका होगी, उनकी गिरफ्तारी की जायेगी.

कंपनी से जुड़ी दूसरी लड़कियों से यौन शोषण का नहीं मिला प्रमाण

डीएसपी टू विनिता सिन्हा ने बताया कि पुलिस की अब तक की जांच में किसी भी लड़की से यौन शोषण का कोई प्रमाण या साक्ष्य नहीं मिला है. और ना ही कोई पीड़ित लड़की पुलिस के सामने आकर यौन शोषण का शिकार होने की बात कही है. सिवान की युवती ने जो आरोपी तिलक कुमार सिंह पर शादी का झांसा देकर यौन शोषण का आरोप लगाया है. जब पीड़िता की उन्होंने बयान दर्ज किया तो उसने बताया कि दोनों एक ही कंपनी में कार्यरत थे.

आरोपी ने उसको शादी का झांसा देकर यौन शोषण किया था. फिर, उसको हाजीपुर में ले जाकर गोपनीय तरीके से शादी किया था. कुछ दिनों तक हाजीपुर में रखा और फिर उसको पटना में बुलाकर उसके मोबाइल से शादी का सारा फोटो व अन्य जो भी सबूत थे उसको डिलीट कर दिया. पुलिस का यह भी कहना है कि पीड़ित युवती आरोपी तिलक सिंह से शादी करने की जिद पर अड़ी थी. वह आरोपी के घर पर भी गयी थी. वहां पंचायत भी हुआ था. कंपनी में अब तक की जांच में किसी भी लड़की से यौन शोषण नहीं हुआ है.

दिसंबर माह में रांची के लड़की ने नेटवर्क मार्केटिंग से जुड़े 11 लोगों पर दर्ज करायी थी प्राथमिकी

सदर थाना क्षेत्र के गोबरसही डुमरी रोड में पिछले साल चार दिसंबर 2023 को पुलिस ने छापेमारी की थी. रांची के पाकुड़ जिले के पाकुड़िया थाना क्षेत्र की रहने वाली एक युवती के लिखित शिकायत पर यह कार्रवाई की गयी थी. इसमें पीड़िता ने सरकारी नौकरी के तर्ज पर नौकरी देने का झांसा देकर 20 हजार 600 रुपये लेकर ज्वाइन कराने और फिर बंधक बनाकर मारपीट करने का आरोप लगाया था. विरोध करने पर गैंगरेप की धमकी देने की भी बात कही थी.

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