Acharya Kishore Kunal Death: आचार्य किशोर कुणाल की अचानक मौत पर उनके पैतृक गांव मुजफ्फरपुर के बरुराज गांव में शोक की लहर है. गांव के लोगों ने कहा कि आचार्य किशोर की मौत ने उन्हें झकझोर कर रख दिया है. ग्रामीणों ने कहा कि हमारे गांव के लाल, बिहार के धरोहर अब हमारे बीच नहीं हरे. उनके छोटे भाई नंद किशोर शाही जो बरुराज में ही रहते हैं, किशोर कुणाल की मौत की खबर मिलते ही पटना के लिए निकल गए. पैतृक घर पर ताला लगा रहा और गांव में चारों तरफ सन्नाटा फैला हुआ है.
आचार्य किशोर के बचपन के दोस्त ने क्या कहा?
आचार्य किशोर कुणाल के सहपाठी और बचपन के दोस्त वीर बहादूर शाही ने बताया कि उनका इस तरह से अचानक जाना एक अपूरणीय क्षति है. बचपन से इंटर कॉलेज तक हम लोग साथ पढ़े. उनके व्यवहार में बहुत अपनापन था. बचपन की पढ़ाई बरुराज गांव के ही मिडिल स्कूल फिर हाई स्कूल से पूरी हुई थी. उसके बाद एलएस कॉलेज, मुजफ्फरपुर चले गए, जहां हम आर्ट्स ब्लॉक में थे और वे साइंस ब्लॉक में थे. इंटर की पढ़ाई पूरी करने के बाद वे पटना चले गए और साइंस की पढ़ाई छोड़ आर्ट्स की पढ़ाई करने लगे. साल 1972 में वह आईपीएस बने. गांव में पर्व, त्योहार या किसी फंक्शन पर वे जरूर आते थे. हमारे परिवार में हनुमान जी की पूजा होती थी, उसमें वे जरूर शामिल होते थे.
बचपन से ही गंभीर प्रवृति के थे किशोर
आचार्य किशोर के बचपन के दोस्त ने आगे कहा कि बचपन से ही कुणाल गंभीर प्रवृति के थे. पढ़ाई को लेकर उनका गहरा लगाव था. उनके बेटे सायन कुणाल गांव नहीं आते हैं, लेकिन किशोर कुणाल किसी की भी शादी के मौके पर गांव आते थे.
हाजीपुर के कोनहारा घाट पर होगा अंतिम संस्कार
बता दें, आज सुबह महावीर मंदिर न्यास के सचिव और अयोध्या मंदिर ट्रस्ट के संस्थापकों में से एक आचार्य किशोर कुणाल का कार्डियक अरेस्ट से निधन हो गया. आज सुबह की उन्हें कार्डियक अरेस्ट हुआ, जिसके बात उन्हें तुरंत महावीर वात्सल्य अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. आचार्य कुणाल की अंतिम यात्रा सोमवार सुबह 9 बजे उनके आवास से शुरू होगी. घर से महावीर वात्सल्य अस्पताल होते हुए महावीर मंदिर में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा. हाजीपुर के कोनहारा घाट पर उनका अंतिम संस्कार होगा.