मुजफ्फरपुर जिले के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की लापरवाही के खिलाफ शिक्षा विभाग का एक्शन जारी है. बीते छह महीने में जिले के दो हजार से अधिक शिक्षकों के खिलाफ शिक्षा विभाग ने कार्रवाई की है. इसमें बिना सूचना के गायब रहने वाले शिक्षक, स्कूल आने के बाद हाजिरी बनाकर चले जाने वाले से लेकर अन्य स्तर पर लापरवाही के मामले सामने आये हैं.
बिना सूचना अनुपस्थित शिक्षकों का काटा गया वेतन
अप्रैल में जिले के विभिन्न प्रखंडों में 346 शिक्षक बिना सूचना के अनुपस्थित पाये गये. विभाग के आदेश पर अनुपस्थिति की तिथि का वेतन काटा गया है. साथ ही संबंधित शिक्षकों से स्पष्टीकरण मांगा गया है. जो शिक्षक उत्तर नहीं देंगे उनके खिलाफ विभाग कार्रवाई की तैयारी कर रहा है.
शिक्षा विभाग की सख्ती का स्कूलों में दिख रहा असर
बता दें कि शिक्षा विभाग की ओर से बरती जा रही सख्ती का असर स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति पर दिखने लगा है. जहां कक्षाओं में बच्चाें की उपस्थिति 25 से 30 प्रतिशत थी. उन स्कूलों में अब 50 से 60 प्रतिशत बच्चों की उपस्थिति होने लगी है. कई स्कूलों में 20 प्रतिशत या इससे कम उपस्थिति मिलने पर प्रधानाध्यापक समेत सभी शिक्षकों का वेतन 60 प्रतिशत से अधिक उपस्थिति होने तक रोका गया तो एक सप्ताह में ही यहां सकारात्मक परिणाम दिखने लगा.
अमर्यादित टिप्पणी पर पारू के शिक्षक पर प्राथमिकी का आदेश
पारू प्रखंड के राजकीय मध्य विद्यालय पारू कन्या के शिक्षक सज्जाद आलम पर ग्रीष्मावकाश के दौरान स्कूल में छुट्टी की जगह कक्षाओं के संचालन को लेकर शिक्षा विभाग के आदेश के विरोध में अमर्यादित टिप्पणी की गई थी. इसके विरुद्ध शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने अमर्यादित टिप्पणी करने और आमरण अनशन की धमकी देने के मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई जाए.
शिक्षा विभाग के आदेश पर रोस्टर बनाकर अधिकारियों के माध्यम से स्कूलों का प्रतिदिन निरीक्षण हो रहा है. जो शिक्षक बिना सूचना के स्कूल से अनुपस्थित मिलते हैं. उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. कक्षाओं में उपस्थिति का प्रतिशत बढ़ाने को लेकर लगातार स्कूल के प्रधानाध्यापकों को बच्चों और अभिभावकों से संवाद करने को कहा गया है. स्कूलों में प्रत्येक शनिवार को सुरक्षित शनिवार के तहत गतिविधियों का आयोजन हो रहा है. इससे बच्चों का रूझान स्कूल की ओर बढ़ा है.
– अजय कुमार सिंह, डीइओ, मुजफ्फरपुर