मुजफ्फरपुर.
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा 18 मार्च 2020 को सभी राज्यों को अपने पंचायती राज संस्थाओं व नगर निकाय द्वारा जैव विविधता प्रबंधन समिति पीपुल्स बायोडायवर्सिटी रजिस्टर (पीबीआर) तैयार किया जाने का निर्देश है. इन दोनों कार्य के अधूरे होने के कारण केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को प्रतिमाह दस लाख रुपये जुर्माना भरने का निर्देश के तहत जुर्माना भरना पड़ रहा है.लगातार वरीय अधिकारियों द्वारा शिकायत करने के बाद भी इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. मामले में पंचायती राज विभाग के संयुक्त सचिव ने सूबे के सभी डीएम को इस संबंध में पत्र लिखकर बताया है कि मामले में विभाग द्वारा सरकार से याचना की गयी है कि इन दोनों काम में दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की जाये. इसको लेकर उक्त याचिका का उत्तर प्रतिवेदन पूरक सामग्री सहित अतिशीघ्र उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है. विधायक पवन कुमार जायसवाल द्वारा संबंधित याचिका के संबंध में उत्तर सामग्री उपलब्ध कराने को लेकर विभाग पत्र मिला है. जिसके आलोक में विभाग द्वारा सभी जिलों से इस संबंध में रिपोर्ट मांगी है. पत्र में बताया है कि गोवा, उत्तराखंड, केरल आदि राज्यों में स्थानीय निकाय में दोनों कार्य पूरे हो चुके हैं, लेकिन बिहार में कार्य अधूरा होने के कारण हर माह दस लाख रुपये का जुर्माना राज्य सरकार को देना पड़ रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है