वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर गर्मी की धमक तेज हुई तो स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड में आ गया है. जिले के 16 पीएचसी में एइएस को लेकर 33 प्रकार की दवाएं व उपकरण उपलब्ध तो करा दिये लेकिन एइएस से पीड़ित होने वाले बच्चे को सीधे एसकेएमसीएच रेफर किया जा रहा है. एसकेएमसीएच के पीकू में जो भी एइएस पीड़ित बच्चे भर्ती हुए हैं, उसका प्रारंभिक इलाज प्राइमरी अस्पताल नहीं किया गया है. इन बच्चों को एंबुलेंस तक की सुविधा नहीं दी गयी है. पीड़ित बच्चाें के परिजन निजी वाहन से पीकू लेकर पहुंचे हैं. मुख्यालय ने सिविल सर्जन को निर्देश दिया था कि एइएस की जंग में पांच बातों का ख्याल रखें. जिले के हर गांव कस्बों में एइएस को लेकर जागरूकता, हर अस्पताल में दवा, बेड और एंबुलेंस की पूरी व्यवस्था रखें. इसके अलावा हर पंचायत में आशा व आंगनबाड़ी सेविका को एइएस के लक्षण वाले बच्चों पर नजर रखने को कहा गया था. सिविल सर्जन डॉ अजय कुमार ने बताया कि सभी प्रभारियों को निर्देश दिया गया है कि अगर सेंटर स्टोर में दवा उपलब्ध नहीं है तो स्थानीय स्तर पर दवा खरीद कर रखें. प्रभारी एसीएमओ डाॅ सतीश कुमार ने बताया कि जिस प्रकार जिलास्तर पर काेर कमेटी की बैठक होती है, उसी प्रकार प्रखंड स्तर पर भी काेर कमेटी की बैठक की जा रही है. काेर कमेटी में सीडीपीओ, बीईओ समेत सभी 31 विभाग के प्रखंड स्तरीय अधिकारी शामिल हो रहे हैं.
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