-सरगना मनीष सिन्हा समेत आठों नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी को छापेमारी जारी-गोपालगंज, गोरखपुर से हिरासत में लिये गये तीनों संदिग्ध को पीआर बांड पर छोड़ा -कोर्ट में 164 का बयान दर्ज होने के बाद सारण की पीड़िता को भेजा गया घर मुजफ्फरपुर.नेटवर्क मार्केटिंग की जाल में फांस कर बेरोजगार लड़के- लड़कियों से शोषण करने के मामले में पुलिस ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. कंपनी के डायरेक्टर मनीष सिन्हा समेत आठों नामजद आरोपियों के ठिकाने पर एसआइटी लगातार छापेमारी कर रही है. पटना, भागलपुर, नोएडा, बलिया,गोरखपुर, रक्सौल समेत एक दर्जन से अधिक शहरों में पुलिस टीम ने छापेमारी की है. लेकिन, सभी आरोपी गिरफ्तारी के डर से अंडरग्राउंड हो चुके हैं. इधर,अहियापुर पुलिस ने कंपनी के हॉस्टल में बेल्ट से पिटाई करने के वीडियो वायरल के मामले में गोरखपुर से गिरफ्तार किये गये अजय प्रसाद से पुलिस टीम की पूछताछ पूरी हो गयी है. अजय प्रसाद कंपनी के हॉस्टल के का इंचार्ज था. वहां कंपनी के द्वारा बनाये गये नियम को तोड़ने वाले लड़के व लड़कियों को बेल्ट से पीटता था. वहीं, टारगेट पूरा नहीं करने वाले को भी बेरहमी से पीटता था. पुलिस ने अजय प्रसाद को गुरुवार को कोर्ट में प्रस्तुत कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. वहीं, गोपालगंज, गोरखपुर व अहियापुर के बखरी से हिरासत में लिये गये तीनों संदिग्धों को पूछताछ के बाद पीआर बांड पर छोड़ दिया गया है. वहीं, यौन शोषण का आरोप लगानेवाली सारण जिले की युवती का कोर्ट में 164 का बयान दर्ज होने के बाद उसको देर रात अपने भाई के साथ घर भेज दिया गया. हाजीपुर स्थित कार्यालय में जाकर पुलिस करेगी छानबीन पुलिस हाजीपुर स्थित कार्यालय में जाकर छानबीन करेगी. सिटी एसपी ने बताया कि हाजीपुर में जहां सारण की युवती ने जबरन शादी करने व पत्नी बनाकर रखने की बात कही थी वहां भी जाकर पुलिस टीम जांच करेगी. पुलिस उस कार्यालय में कौन- कौन से लोग कार्यरत थे इसकी भी जानकारी जुटाएगी. – अहियापुर थाने की पुलिस अब तक चार गवाहों का कर चुकी है बयान दर्ज अहियापुर थाने में सारण जिले की युवती ने जो नेटवर्क मार्केटिंग की जाल में ठगी करने व यौन शोषण का आरोप लगाया था इस केस में उनके द्वारा जो चार गवाहों के नाम दिये गये थे उनमें से तीन का बयान दर्ज कर चुकी है. तीनों ने मार्केटिंग कंपनी की आर में ठगी व तरह- तरह की यातनाएं देने की बात कही है. – मनीष सिन्हा अपने फेसबुक पर मंत्री व डीएम के साथ डाली थी तस्वीर सीएमडी मनीष सिन्हा ने अपने फेसबुक पर हाल में ही एक केंद्रीय मंत्री व एक जिले के डीएम के साथ तस्वीर डाली थी. वह हमेशा फेसबुक पर बड़े- बड़े राजनेता, पुलिस व प्रशासन के वरीय पदाधिकारी के साथ तस्वीर डालकर अपना धौंस दिखाता था. वहीं, दूसरा मुख्य आरोपी एनामुल भी अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर मंत्री और पुलिस व प्रशासन के बड़े पदाधिकारियों के साथ तस्वीर डालता था. – पुलिस ने कहा अगर कोई पीड़िता और है तो सामने आये, डरे नहीं पुलिस का कहना है कि अब तक की जांच में यौन शोषण का कोई मामला सामने नहीं आया है. सिटी एसपी ने बताया कि कोई भी लड़की सामने नहीं आयी है. अगर किसी के साथ घटना हुई है तो डरे नहीं सामने आये. पुलिस हर संभव मदद करेगी. : दबदबा दिखाने के लिए दबंग व्यक्ति के घर में किराये पर लेता था कमरा ::: कंपनी का कार्यालय शहर या उससे सटे इलाके में दबंग व्यक्ति के घर में लेता था. उसको मोटी रकम इसके लिए महीने देता था. ताकि कोई विरोध नहीं कर सके. स्थानीय जनप्रतिनिधि को भी कंपनी से जुड़े अधिकारी मैनेज करके रखते थे. अगर कोई मामला भी हो जाता था तो ये लोग स्थानीय स्तर ही मैनेज कर देते थे. रक्सौल कार्यालय में लड़कियों से यौन शोषण को लेकर 2023 में पॉक्सो एक्ट में हुई थी प्राथमिकी – झारखंड की एक नाबालिग छात्रा को नशीली दवा देकर की गयी थी हैवानियत – एनामुल अंसारी समेत आधा दर्जन लोगों को बनाया गया था नामजद आरोपी मुजफ्फरपुर. नेटवर्क मार्केटिंग की आड़ में यौन शोषण का पहला मामला 2023 के मई माह में सामने आया था. झारखंड के दुमका जिला के रहने वाले एक मजदूर ने अपनी नाबालिग बेटी के साथ हुए अमानवीय हरकत को लेकर रक्सौल थाने में पॉक्सो एक्ट में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. इसमें कंपनी के बिहार के सेल्स हेड कहे जाने वाले पूर्वी चंपारण जिले के रमगढ़वा के एनामुल अंसारी समेत चार लोगों को नामजद आरोपी बनाया था. रक्सौल थाने में दर्ज प्राथमिकी में झारखंड के दुमका थाना के रहने वाले व्यक्ति ने बताया था कि उसकी 16 वर्षीय पुत्री जो 12 वीं में पढ़ती थी. वह अपनी कक्षा में पढ़ने वाली दूसरी लड़की के संपर्क में आयी. उसने बताया था कि वह कंपनी की ओर से रक्सौल में संचालित कंप्यूटर कोर्स व मार्केटिंग का काम करती है. अच्छी इनकम भी होती है. उससे प्रभावित होकर उसकी बेटी जाने की जिद करने लगी. चार मई 2023 को अपनी बेटी को लेकर रक्सौल स्टेशन पहुंचा. जहां, उसकी बेटी को लेने के लिए कंपनी से जुड़े चार लोग आये. उसके द्वारा आग्रिम तीन हजार रुपये कंपनी में जमा कराया गया. इसके बाद बेटी से मिलने नहीं दिया गया.उसको जबरन ट्रेन में बैठा कर वापस घर भेज दिया गया. चार दिन बाद उसको बच्ची से बात करायी गयी. 10 मई को उसकी बेटी अपने साथी को फोन करके बोली कि उसको यहां नहीं रहना है. जब वह जाने को कहती है तो वहां कंपनी के निदेशक के एनामुल अंसारी समेत आधा दर्जन से अधिक लोग मारपीट करते हैं. ये लोग 12 हजार रुपये की मांग करते हैं. उसको नशीला देवा दी जाती है. इसके बाद जल्दी नींद आ जाती है. जब वह सुबह उठती है तो कपड़े अस्त- व्यस्त रहते हैं. उसके साथ- साथ अन्य लड़कियों के साथ नाजायज संबंध बनाया जाता है. पीड़ित ने मानव तस्करी रोधी इकाई की मदद से अपनी बेटी की जान बचायी थी. फिर, थाने में उसके साथ हुए हैवानियत की प्राथमिकी दर्ज करायी थी. इस घटना के तुरंत बाद रक्सौल से स्थित सेंटर से भेजी जा रही एक दर्जन से अधिक बच्चियों को मुजफ्फरपुर जंक्शन पर उतारा गया था. यहां उनका बयान दर्ज किया गया था.
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