Loading election data...

रजिस्ट्री ऑफिस : सरकारी के चक्कर में निजी जमीन भी रोक, पब्लिक की बढ़ी परेशानी

पब्लिक की परेशानी के साथ रजिस्ट्री भी हो रहा प्रभावित

By Prabhat Khabar News Desk | July 10, 2024 8:49 PM

वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर जिले में खासमहाल, गैरमजरूआ आम, गैरमजरूआ खास, इकोनॉमिक ऑफेंस व कोर्ट के आदेश पर जमीन के खेसरा की खरीद-बिक्री पर लगी रोक अब पब्लिक व प्रशासन के लिए सिर दर्द बन गया है. सरकारी के चक्कर में बड़ी संख्या में निजी (पुश्तैनी) जमीन पर भी रोक लग गयी है. इससे 100 रुपये के नन ज्यूडिशियल स्टांप पर पारिवारिक बंटवारा सहित खरीद-बिक्री करना जमीन की मालिकाना हक रखने वाले व्यक्ति के लिए परेशानी का सबब बन गया है. बावजूद, प्रशासनिक स्तर पर बनी जिला स्तरीय कमेटी रोक सूची में शामिल खेसरा की समीक्षा के लिए मीटिंग बीते छह माह से नहीं कर रही है. इससे परेशानी दिनों-दिन बढ़ती ही जा रही है. कारण कि जमीन की रजिस्ट्री के दौरान जब इसका पता चलता है कि जिस खेसरा से जमीन की वह पारिवारिक बंटवारा व बिक्री करना चाह रहे हैं. वह रजिस्ट्री ऑफिस की रोक सूची में शामिल है. तब उसे हटाने के लिए मालिकाना हक रखने वाले व्यक्ति को आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराने के साथ ही अंचल ऑफिस से लेकर एडीएम ऑफिस तक का चक्कर लगाना पड़ता है. कभी-कभी तो चक्कर लगाते-लगाते महीनों का समय बीत जाता है. लेकिन, रोक सूची से उनकी पुश्तैनी जमीन नहीं हटता. वहीं, कभी-कभी अंचल ऑफिस सहित अन्य जगहों पर बतौर नजराना मुंहमांगी राशि पेश करते ही तुरंत ही रोक सूची से जमीन को हटा खरीद-बिक्री भी संभव हो जाता है. बिना थाना व वार्ड नंबर खेसरा की इंट्री कर लॉक से परेशानी रोक सूची में सबसे बड़ी समस्या है कि जिला प्रशासन ने पूर्व में जो सूची जारी किये हुए है. वह अधूरा है. जमीन रोक सूची में शामिल करने के लिए खेसरा नंबर तो सूची में दिया गया है. लेकिन, उसका खाता, थाना व वार्ड नंबर नहीं दिया गया है. इसके कारण एक खेसरा लॉक करते ही सभी खातों व वार्ड के उक्त खेसरा लॉक हो जाता है. इस तरह की जमीन पर सबसे ज्यादा है रोक निबंधन विभाग द्वारा जिन जमीनों के निबंधन पर रोक लगाई है, उसमें गैर मजरुआ, सीलिंग, गैरमजरूआ खास, सीलिंग हिंद, खास महाल, मंदिर, न्यास बोर्ड के अलावा अन्य सरकारी जमीन, अपर समाहर्ता या न्यायालय द्वारा लगी रोक वाली जमीन शामिल है. रोक सूची में व्यक्ति का नाम, उस खेसरा में कितना जमीन व इसका कितना रकबा है. इसकी जानकारी ही नहीं दी गई है. क्या कहते हैं अधिकारी रोक सूची ऑनलाइन है. सरकारी जमीन के साथ-साथ कोर्ट के आदेश पर भी हर सप्ताह बड़ी संख्या में खेखरा को लॉक किया जाता है. खरीद-बिक्री में परेशानी होने पर पब्लिक की शिकायत जब मिलती है. तब अंचल ऑफिस से रिपोर्ट लेकर जिला स्तर पर गठित कमेटी की मंजूरी के बाद उक्त जमीन की खरीद बिक्री की जाती है. मनीष कुमार, जिला अवर निबंधक, मुजफ्फरपुर

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version