Loading election data...

रेलवे में नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का लाइजनर अमित उर्फ लव बोकारो से गिरफ्तार

रेलवे में नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का लाइजनर अमित उर्फ लव बोकारो से गिरफ्तार

By Prabhat Khabar News Desk | September 17, 2024 1:17 AM

:: शातिर को रिमांड पर लेकर मुजफ्फरपुर पुलिस ने की पूछताछ, उसके पास से बरामद हुआ स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया का फर्जी आइकार्ड

:: सासाराम समेत बिहार के कई जिलों में पुलिस ने की छापेमारी, शातिर अमित उर्फ लव पर थी मेडिकल क्लियर कराने की जिम्मेदारी

वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर

रेलवे, एफसीआइ, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया समेत अन्य विभागों में सरकारी नौकरी लगवाने के नाम पर उत्तर बिहार के बेरोजगार युवाओं से करोड़ों रुपये की ठगी मामले में पुलिस ने झारखंड के बोकारो से लाइजनर को गिरफ्तार किया है. शातिर लाइजनर की पहचान अमित कुमार उर्फ लव के रूप में की गयी है. वह बोकारो जिले के थाना सेक्टर-12 के 61-डी आदर्श काेऑपरेटिव कॉलोनी का रहने वाला है. इसपर पूर्व में फर्जीवाड़ा के तीन मामले दर्ज हैं. दिल्ली के लाजपत नगर में एक और बोकारो में दो फर्जीवाड़ा के मामले में यह आरोपित था. शातिर की गिरफ्तारी की जानकारी सोमवार को एएसपी टाउन भानु प्रताप सिंह ने दी. उन्होंने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने टेक्निकल इनपुट के आधार पर बिहार और अन्य राज्यों में भी एसआइटी का गठन कर छापेमारी की. इस दौरान झारखंड के बोकारो से लाइजनर की गिरफ्तारी हुई. वहीं सासाराम से भी पुलिस को कई साक्ष्य बरामद हुए हैं.

एएसपी भानु प्रताप सिंह ने बताया कि बोकारो में छापेमारी कर पुलिस ने अमित कुमार उर्फ लव को गिरफ्तार किया. उसके पास से स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया का फर्जी आइकार्ड भी मिला है. ठगी के इस गिरोह में अमित की भूमिका अभ्यर्थियों को मेडिकल पास कराने की थी. वह अभ्यर्थी और ठगों के बीच कड़ी के रूप में जुड़ा था. उस पर पूर्व में दिल्ली के लाजपत नगर और बोकारो के बीएस सिटी थाना और हरला थाना में भी फर्जीवाड़ा का मामला दर्ज है. पुलिस ने शातिर अमित उर्फ लव को 48 घंटे तक रिमांड पर लेकर पूछताछ की है. इस दौरान उसने मामले में संलिप्तता स्वीकार करने के साथ ही इस गैंग को ऑपरेट करने के पैटर्न और लाइजनिंग में अपनी भूमिका समेत अन्य कई राज पुलिस को बताया है.

उसने बताया कि स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया का जो फर्जी आइ कार्ड मिला है. इसी का इस्तेमाल कर ये स्टील अथॉरिटी परिसर में प्रवेश करते और बाहर निकलते थे. इस आइकार्ड को सचेंद्र शर्मा ने जारी किया था.

सासाराम से संचालित होता था ट्रेनिंग सेंटर

पुलिस की दूसरी टीम जो सासाराम में छापेमारी करने गयी थी. यहां से भी पुलिस को मामले से जुड़े कई साक्ष्य मिला है. रैकेट के मास्टरमाइंड ब्रह्मपुरा थाना के मेहंदी हसन चौक किला बांध रोड के सचेंद्र शर्मा उर्फ दादा यहां ट्रेनिंग सेंटर को ऑपरेट करता था. इस ट्रेनिंग सेंटर से पुलिस को रेलवे के सील-मुहर, चेकबुक, रेलवे की परीक्षा के पैटर्न का प्रश्नपत्र और अन्य कई कागजात मिले हैं. सेंटर की वीडियोग्राफी कर पुलिस ने इन साक्ष्यों को संग्रहित किया है. इसे न्यायालय में उपस्थापन के लिए भेजा जाएगा. एएसपी ने बताया कि इन साक्ष्यों से यह स्पष्ट हो गया है कि सचेंद्र शर्मा और अन्य आरोपितों ने बेरोजगार युवकों को नौकरी के नाम पर ठगी का शिकार बनाने के लिए पूरा सेटअप बिठा रखा था. इस गिरोह में अलग-अलग शहरों के दर्जनों शातिर जुड़े थे. ये बेराेजगारों को नौकरी के नाम पर जाल में फंसाते थे. इसके बाद इनसे लाखों रुपये की ठगी की जाती थी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version