स्वास्थ्य विभाग ने फेस रिकग्निशन अटेंडेंस सिस्टम पर की सख्ती, ANM ने शुरू कर दिया विरोध
बिहार स्वास्थ्य विभाग ने सदर से लेकर रेफरल अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तक फेस रिकग्निशन अटेंडेंस सिस्टम जरूरी कर दिया है. जिसके बाद एएनएम ने मुजफ्फरपुर में सोमवार को प्रदर्शन किया.
Bihar Health Department: बिहार स्वास्थ्य विभाग ने फेस रिकग्निशन अटेंडेंस सिस्टम के जरिए समय पर हाजिरी नहीं लगाने वालों पर सख्ती शुरू की तो एएनएम ने इसका विरोध शुरू कर दिया. सोमवार को एएनएम मुजफ्फरपुर के जिला स्वास्थ्य समिति कार्यालय पहुंच गईं और विरोध प्रदर्शन करने लगीं. एएनएम ने कार्यालय के गेट पर बैठकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया.
धरना प्रदर्शन के बाद मिला आश्वासन
एएनएम का कहना था कि यह नियम महज उनके लिये ही क्यों है, चिकित्सक भी देरी से आते हैं. उनका पहले फेस रिकग्निशन अटेंडेंस सिस्टम से हाजिरी बनाने की प्रक्रिया शुरू की जाये. उसके बाद सभी कर्मी बनाने लगेंगे. इधर, घंटे एएनएम का धरना प्रदर्शन के बाद उन्हें आश्वासन दिया गया कि सभी फेस रिकग्निशन अटेंडेंस सिस्टम से हाजिरी बनायेंगे. इसके बाद एएनएम धरना प्रदर्शन समाप्त किया.
कैसे काम करेगा फेस रिकग्निशन अटेंडेंस सिस्टम
सिविल सर्जन डॉ अजय कुमार ने कहा कि विभाग की ओर से सरकारी अस्पतालों में काम करने वाले चिकित्सक समेत सभी कर्मियों की उपस्थिति की सख्ती से मॉनिटरिंग की तैयारी हो गई है. सदर से लेकर रेफरल अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तक के सभी कर्मियों की हाजिरी बायोमेट्रिक के अलावा अब फेस के माध्यम से दर्ज की जाएगी.
कर्मचारी जैसे ही अस्पताल में आएंगे, वह फेस रिकग्निशन अटेंडेंस सिस्टम (एफआरएएस) के सामने खड़े होंगे. उनके चेहरे का स्कैन समय के साथ रिकॉर्ड हो जाएगा. इसके आधार पर ही उनकी उपस्थिति और अनुपस्थिति दर्ज की जाएगी. अभी यह सिस्टम आधार के साथ लिंक बायोमीट्रिक उपस्थिति से अलग है. इसमें बिना चेहरा दिखाए उपस्थिति दर्ज ही नहीं होगी. इसके साथ ही कोई कर्मचारी दूसरे की हाजिरी भी नहीं बना सकते हैं. अभी तक यह मॉडल पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में चल रहा है.
बहाना बनाकर अनुपस्थित नहीं रह सकेंगे स्वास्थ्यकर्मी
इधर विभाग से मिली जानकारी के अनुसार सरकारी अस्पतालों के चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ सहित अन्य कर्मी जो पहले बायोमेट्रिक काम नहीं करने का बहाना बनाकर या किसी अन्य माध्यम से अस्पताल की ड्यूटी से गायब हो जाते थे, अब ऐसे कर्मी किसी भी तरह से अनुपस्थित नहीं रह सकेंगे.