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असामाजिक तत्त्वों का डीएसडब्ल्यू कार्यालय के बाहर हंगामा, कर्मचारियों ने रोका काम

असामाजिक तत्त्वों का डीएसडब्ल्यू कार्यालय के बाहर हंगामा, कर्मचारियों ने रोका काम

कन्या उत्थान योजना

-नाम अवैध तरीके से अपलोड करने के लिए बना रहे थे दबाव

-90 हजार छात्राओं का डेटा हुआ अपलोड, नाम मिला लें छात्राएं

मुजफ्फरपुर.

बीआरएबीयू में असामाजिक तत्त्वों ने डीएसडब्ल्यू कार्यालय के बाहर हंगामा किया. वे कुछ छात्राओं के नाम अवैध तरीके से अपलोड करने के लिए दबाव बना रहे थे. इसपर कर्मचारियों ने काम रोक दिया. स्थिति बेकाबू होती देख विवि प्रशासन को इसकी खबर दी गयी. गार्ड्स पहुंचे और उन्होंने मोर्चा संभाला. उन्होंने युवकाें को वहां से हटा दिया. 90 हजार छात्राओं का डेटा अपलोड हो गया है. छात्राएं इससे नाम मिला सकती हैं.मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के लिए पोर्टल पर डेटा अपलोड करवाने के लिए सुबह से ही छात्राओं की भीड़ थी. 11 जनवरी तक ही पोर्टल पर डेटा अपलोड करने की अंतिम तिथि है. ऐसे में बेतिया, मोतिहारी, सीतामढ़ी, बगहा, हाजीपुर से लेकर जिले के विभिन्न जिलों से छात्राएं कागजात लेकर पहुंची थीं. बड़ी संख्या में छात्राओं का नाम पोर्टल पर पहले से था, लेकिन ठीक तरीके से सर्च नहीं करने पर उन्हें रिकॉर्ड नॉट फाउंड दिख रहा था. इसी बीच कुछ असामाजिक तत्त्वों ने अवैध तरीके से छात्राओं का नाम पोर्टल पर जोड़ने के लिए हंगामा शुरू कर दिया. डीएसडब्ल्यू कार्यालय के बाहर अफरातफरी की स्थिति हो गयी. छात्राओं का डेटा अपलोड होने के कारण कक्ष को भीतर से बंद किया गया था. ऐसे में बाहर से इन युवकों ने दरवाजे को पीटना शुरू कर दिया. इससे स्थिति बेकाबू हो गयी. 90 हजार छह छात्राओं का डेटा पोर्टल पर अपलोड हो गया है. कॉलेज व छात्रा के नाम, रजिस्ट्रेशन नंबर से इसे ढूंढ सकते हैं. डीएसडब्ल्यू डॉ आलाेक प्रताप सिंह ने बताया कि छात्राएं पोर्टल पर अपना नाम देख सकती हैं. उन्हें विवि आना नहीं पड़ेगा.

नाम लिस्ट में नहीं, तो काउंटर पर दर्ज करा लें

विवि ने छात्राओं की सूची जारी की है. जिन छात्राओं का नाम पोर्टल पर अपलोड सूची में नहीं है, वे शुक्रवार व शनिवार को विवि के ऑडिटोरियम के पास बने दोनों काउंटर पर आवेदन दे सकती हैं. इसमें मूल अंकपत्र व आधार कार्ड की छायाप्रति जमा करनी पड़ेगी.

झांसे में नहीं आएं, खुद कराइये काम

कन्या उत्थान योजना को लेकर सत्र 2018-21, 2019-22 व 2020-23 में स्नातक उत्तीर्ण हुई छात्राओं का 11 जनवरी तक पोर्टल पर डेटा अपलोड करना है. ऐसे में जिन छात्राओं का नाम पोर्टल पर नहीं दिख रहा है, वे परेशान हैं. विवि में आवेदन लेकर आने वाली कई छात्राओं से डेटा अपलोड कराने के नाम पर बिचौलिये पैसे ले रहे हैं. वे पोर्टल पर नाम अपलाेड कराने का दावा कर रहे हैं.ऐसे में विवि प्रशासन ने छात्राओं को काउंटर से ही कागजात जमा कराने को कहा है. गुरुवार को दो छात्राओं ने पांच-पांच हजार रुपये मांगे जाने की शिकायत की.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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