सौर ऊर्जा से सिंचाई कर मुजफ्फरपुर की अनु बनीं लखपति दीदी, एक साल पहले शुरू किया काम, अब 25 बीघा खेतों में कर रही पटवन
मुजफ्फरपुर की अनु देवी ने सिंचाई के लिए सुर ऊर्जा का इस्तेमाल कर रोजगार का नया ट्रेंड शुरू किया है. इस कार्य से उनकी अच्छी आमदनी भी हो रही है.
मुजफ्फरपुर. जीविका से जुड़ी बोचहां प्रखंड के सरफुद्दीनपुर गांव की निवासी अनु देवी ने सौर ऊर्जा से सिंचाई कर रोजगार का नया ट्रेंड विकसित किया है. इस प्रयास से वे लखपति दीदियों के समूह में शामिल हो गयीं. एक दिन पूर्व पीएम ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये ऐसी दीदियों की तारीफ की, जिसने कम संसाधन में स्व रोजगार के नये क्षेत्र को चुना है और सफल रही हैं. इस मौके पर जिला प्रशासन की ओर से अनु देवी को सम्मानित किया गया.
अनु ने एक साल पहले शुरू किया सौर ऊर्जा का उपयोग
अनु देवी जिले की छह लाख दीदियों में पहली महिला हैं, जिसने सौर ऊर्जा से सिंचाई को अपनाया है और इसका विस्तार कर रही हैं. पिछले साल जून में अनु ने सौर ऊर्जा का प्लांट लगा कर इसकी शुरुआत की थी. अब वे पाइप लाइन बिछा कर सौर ऊर्जा से 25 बीघा खेतों में पटवन कर रही हैं. सौर प्लेट स्थापित करने में इन्हें करीब एक लाख खर्च करने पड़े और पाइप के लिये इन्हें डेढ़ लाख आगा खां फाउंडेशन ने दिया.
अनु की महिला समूह को बैंक ने दिया 35 लाख का लोन
गांव में जहां डीजल से चलने वाले पंप से प्रति कट्ठा सिंचाई का 50 रुपये लिया जाता है, वहीं अनु सौर ऊर्जा से पटवन में तीन कट्ठा के लिये 100 रुपये लेती हैं. इससे कृषकों को फायदा हो रहा है और अनु को भी अच्छी आय हो रही है. इसके अलावा अनु ने अपनी नर्सरी भी बनायी है और वर्मी कंपोस्ट खाद बना कर बेच रही हैं. इसके अलावा दस जीविका दीदियों के साथ मशरूम कलस्टर भी स्थापित कर रही हैं. अनु के कार्यों को देखते हुए इस महिला समूह को बैंक ने 35 लाख का ऋण भी दिया है.
कृषि विभाग से प्रशिक्षण लेकर शुरू किया काम
अनु ने 2022 के दिसंबर में कृषि विभाग से 21 दिनों का प्रशिक्षण लेकर सौर ऊर्जा से सिंचाई सहित नर्सरी का काम शुरू किया था. शुरुआत में उन्होंने आस पास के कुछ खेतों में सिंचाई करनी शुरू की. इसके बाद इनके कार्यों का विस्तार होता गया. करीब 25 बीघा तक इन्होंने पाइप पहुंचाया और लगातार इसका विस्तार कर रही हैं. सौर ऊर्जा से सिंचाई करने में किसानों को फायदा हो रहा है.
एक साल पहले गृहिणी थी अनु
अनु बताती हैं कि एक साल पहले तक वह भी गृहिणी थी. रोजगार का कोई साधन नहीं था, लेकिन जीविका से जुड़े होने के कारण कार्यक्रम में जाया करती थीं. जब सौर ऊर्जा से सिंचाई के बारे में जानकारी हुई तो उसने खुद को तैयार किया. एक डर था कि कहीं इस प्रयोग में सफलता नहीं मिले तो रुपया डूब जायेगा, लेकिन पूरे विश्वास से काम शुरू किया. प्रयोग सफल रहा और इससे अच्छी आमदनी होने लगी. वे सारा काम खुद करती हैं. पति मनीष कुमार चौधरी उनके कार्यों में सहयोग करते हैं.