गर्मी बढ़ी तो मानसिक रोगियों की परेशानी भी बढ़ी
गर्मी बढ़ी तो मानसिक रोगियों की परेशानी भी बढ़ी
:: मानसिक ओपीडी में 10 से 12 फीसदी नये मरीज इलाज कराने पहुंच रहे
वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुरगर्मी बढ़ने के साथ लोगों के स्वास्थ्य पर भी असर पड़ रहा है. गर्मी जैसे-जैसे अपना प्रभाव दिखा रही है वैसे मानसिक रोगियों की परेशानी बढ़ रही है. मानसिक रोगियों को नींद नहीं आ रही है तो चिड़चिड़ापन बढ़ रहा है. छोटी-छोटी बात पर उग्र हो रहे हैं. यहां तक भूख भी नहीं लग रही है और काम में भी मन नहीं लग रहा है. सदर अस्पताल की मनोचिकित्सक ओपीडी में 10 से 12 फीसदी नये मरीज इलाज कराने पहुंच रहे हैं. ओपीडी के मनोचिकित्सक के पास रोजाना 25 से 28 मरीज आ रहे हैं. इस साल जनवरी से जुलाई माह तक ही 740 मरीज आ चुके हैं. चिकित्सकों के मुताबिक गर्मी के कारण रोगियों की मानसिक स्थिरता प्रभावित होती है. पहले ठीक हो चुके रोगियों पर भी असर पड़ रहा है.
एंग्जाइटी के बढ़ रहे केस
सदर अस्पताल के मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. रवियांस कुमार का कहना है कि गर्मी के कारण ओपीडी में घबराहट वाले मरीजों की संख्या ज्यादा है. गर्मी में ही इस तरह की बीमारियां सामने आती है, जिसे एंग्जाइटी कहा जाता है. अचानक हाथ कांपना, पसीना आना, घबराहट, मन में उलझन होना, बिना बात के रोना बेचैनी के लक्षण हैं. मनोचिकित्सक का कहना है कि अगर घबराहट रहती है, डर लगता है, बेचैनी, शरीर में कंपन रहना, दिल की धड़कन बढ़ना, तनाव महसूस करना, सिर में दर्द, हाथ-पैर में पसीना आता है या फिर बार-बार ये मन में आता है कि बुरा होने वाला है तो डॉक्टर से जरूर सलाह लें.
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