बिहार को मिलेंगी 2 नई सड़कें, बहादुरगंज-गलगलिया और मुजफ्फरपुर बाईपास का निर्माण इसी साल होगा पूरा

बिहार में इस साल दिसंबर तक दो नई सड़कों का निर्माण पूरा हो जाएगा. ये सड़कें हैं बहादुरगंज-गलगलिया फोरलेन नेशनल हाइवे और मुजफ्फरपुर बाईपास. इनके बनने से लोगों को आवागमन में सहूलियत होगी.

By Anand Shekhar | August 16, 2024 5:10 PM

Bihar News: बिहार में बहादुरगंज-गलगलिया और मुजफ्फरपुर बाईपास का निर्माण इस साल दिसंबर तक पूरा होने की उम्मीद है. दोनों परियोजनाओं में रेल ओवरब्रिज का निर्माण मुख्य रूप से अधूरा है. इसे रेलवे के माध्यम से पूरा किया जा रहा है. इन दोनों सड़कों के निर्माण से आम लोगों को आवागमन में सुविधा होगी.

मुजफ्फरपुर बाइपास का निर्माण

मुजफ्फरपुर बाईपास का निर्माण करीब 17 किलोमीटर की लंबाई में करीब 180 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है. इस बाईपास को बनाने का फैसला 2010 में लिया गया था, लेकिन इस पर काम 2012 में शुरू हुआ. इसके बाद भूमि अधिग्रहण और अन्य तकनीकी बाधाओं के कारण इसमें देरी हुई. यह बाईपास हाजीपुर-मुजफ्फरपुर नेशनल हाइवे 77 का हिस्सा है.

मुजफ्फरपुर बाइपास का क्या होगा फायदा?

बाइपास के निर्माण से मुजफ्फरपुर शहर में यातायात का दबाव कम होगा. साथ ही नेपाल, पूर्णिया और गोपालगंज होते हुए पटना से उत्तर प्रदेश जाने वाले लोगों को सुविधा होगी. सीतामढ़ी से सोनबरसा की कनेक्टिविटी विकसित होगी. ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर के फोरलेन की कनेक्टिविटी राजधानी पटना और मुजफ्फरपुर को मिलेगी. मझौली से नेपाल को जोड़ने वाली सड़क एनएच-527 सी से आने वाले वाहनों के लिए पटना आना-जाना आसान हो जाएगा.

दो पैकेज में हो रहा अररिया-गलगलिया फोरलेन का निर्माण

अररिया-गलगलिया फोरलेन एनएच का निर्माण करीब 94 किमी लंबाई में दो पैकेज में हो रहा है. इसमें से पहले पैकेज में गलगलिया से बहादुरगंज तक करीब 49 किमी लंबाई में करीब 800.23 करोड़ की लागत से फोरलेन सड़क बन रही है. इसका निर्माण दिसंबर तक पूरा हो जायेगा. दूसरे पैकेज में बहादुरगंज से अररिया तक करीब 45 किलोमीटर लंबाई में करीब 799.14 करोड़ की लागत से सड़क बन रही है. इसका अगले साल तक निर्माण पूरा होने की संभावना है.

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अररिया-गलगलिया फोरलेन का क्या होगा फायदा?

इस परियोजना के पूरा होने से पश्चिम बंगाल और बिहार के बीच बेहतर संपर्क सुविधा उपलब्ध होगी. साथ ही बिहार-नेपाल के समानांतर एक सड़क उपलब्ध होगी जो आपातकालीन स्थिति में एनएच 57 के विकल्प के रूप में काम करेगी.

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