– सुबह से शाम चार पांच बजे तक शहर की अधिकांश दुकानें रही बंद मुजफ्फरपुर.सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में भारत बंद को लेकर बुधवार की सुबह से ही मुजफ्फरपुर से गुजरने वाली एनएच को बंद समर्थकों ने बांस-बल्ला लगा का जाम कर दिया. भगवानपुर में यादव नगर, बैरिया गोलंबर, अहियापुर में एनएच 57 को बेंच-डेस्क से जाम कर प्रदर्शनकारियों ने जम कर नारेबाजी की. वहीं शहर में उपद्रव के भय के कारण लोगों ने स्वेच्छा से शाम तक अपनी दुकानें बंद रखी. सरैयागंज, सदर अस्पताल रोड सहित टन्य जगहों पर छिटपुट दुकानें खुली हुई थी. शहर में मिठनपुरा चौक के पास दुकानों को अंबेडकर विचार मंच के सदस्यों ने बंद करा दिया. शाम तीन चार बजे के बाद दुकानों का खुलना शुरू हुआ. बंदर के दौरान मधुबनी से परीक्षा देने आये मेडिकल स्टूडेंट की गाड़ी भी फंस गयी थी. बंदी से व्यापार जगत को करीब 60 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है. बंद के दौरान बस, ऑटो का आवागमन पूरी तरह से प्रभावित रहा. चैंबर ऑफ कॉमर्स के महामंत्री सज्जन कुमार शर्मा ने बताया कि व्यापार जगत पर अभी इसका कोई व्यापक असर नहीं पड़ा. बाहर से आने वाले व्यापारी नहीं आ सके, दुकानें खुली लेकिन अभी बाजार पहले से ही मंदी चल रही है. भीम सैनिक दल के राष्ट्रीय संयोजक चंदन कुमार पासवान ने कहा कि जिले के सभी प्रखंड व शहर क्षेत्र में शांतिपूर्ण तरीके से बंद रहा. अगर आरक्षण में क्रीमीलेयर सरकार नहीं हटाती है तो इससे भी बड़ा जेल भरो आंदोलन राष्ट्रव्यापी होगा. बैरिया से सुबह में खुली बसें रास्ते में खड़ी रह गयी बंद की सूचना बस संचालकों को पहले से जानकारी थी. इमली-चट्टी स्थित सरकारी बस स्टैंड से सुबह में गाड़ी नहीं खुली. वहीं बैरिया स्थित प्राइवेट बस स्टैंड से कुछ बस खुली जो 10 से 15 किमी जाते ही रास्ते को जाम देख किनारे खड़ी हो गयी. बाहर से आये यात्री बस पकड़ने को लेकर घंटों इंतजार में बैरिया व इमली-चट्टी बस स्टैंड में बैठे रहे. इस कारण बाहर से आने वाले यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. बीएसआरटीसी के क्षेत्रीय प्रबंधक आशीष कुमार ने बताया कि सुबह में गाड़ियां नहीं चली. शाम चार बजे के बाद बस खोली गयी. वहीं मोटर फेडरेशन के प्रवक्ता कामेश्वर महतो ने बताया कि सुबह में खुली बस रास्ते में रूक गयी शाम चार बजे के बाद गाड़ी खुली. सुबह सात बजे ही जानकारी मिल गयी कि पटना, मोतिहारी, सीतामढ़ी, दरभंगा, समस्तीपुर में कई जगह एनएच जाम हो चुका है. सुबह में कई सरकारी कर्मचारी डयूटी के लिए बस से दूसरे जगह जाते है जो बैरंग वापस लौट गये. पेट्रोल डीजल की बिक्री मुश्किल से 20 से 25 हजार लीटर जिले में प्रतिदिन करीब सात लाख लीटर डीजल व पांच लाख लीटर से अधिक से पेट्रोल की बिक्री होती है. लेकिन हड़ताल के कारण 12 लाख लीटर की जगह मुश्किल से 20 से 25 हजार लीटर पेट्रोल व डीजल की बिक्री हो सकी. कॉमर्शियल व निजी सभी तरह के वाहनों का आवागमन करीब करीब बंद ही था, ऐसे में पेट्रोल पंप पर बिक्री नहीं हुई. शाम चार पांच बजे से पंप पर वाहन ईंधन भराने के लिए पहुंचे. जिला पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रामाधार पांडेय ने बताया कि सामान्य दिनों की तुलना में पांच प्रतिशत भी बिक्री नहीं हुई. एनएच पर वीरानगी छायी हुई थी. गिने चुने इक्के दुक्के वाहन ही चले. पंप व्यवसाय को इससे काफी नुकसान हुआ. एक तो पहले से ही पड़ोसी राज्यों में ईंधन सस्ता होने के कारण यहां का पंप व्यवसाय प्रभावित है ऊपर से इस तरह के बंद से इसका और व्यापाक असर इसपर पड़ता है. भारत बंद के समर्थन में माले कार्यकर्ता भी सड़कों पर उतरे भारत बंद के समर्थन में माले कार्यकर्ताओं ने भी जुलुस निकाला और कई जगह एन एच और मुख्य मार्गों को घंटों जाम रखा. एनएच 57 पर माले नेता जितेन्द्र यादव व विवेक कुमार के नेतृत्व में जाम हुआ, जिसमें एक मंत्री फंसे रहे. माले जिला सचिव कृष्णमोहन ने कहा कि एससी-एसटी में क्रीमीलेयर और उपवर्गीकरण दलितों के बीच विभाजन डालने और आरक्षण खत्म करने की साजिश है. बैंक शाखा व एटीएम पर दिखा असर बंद का पूरा असर बैंक के व्यवसाय पर देखने को मिला. बैंक शाखाओं में जहां प्रतिदिन 15 करोड़ रुपये से अधिक के चेक की क्लीयरिंग होती थी, जो प्रभावित रही. क्योंकि व्यवसायी मंडी में सन्नाटा पसरा हुआ था. वहीं एटीएम से कैश निकासी भी बहुत कम रही. बंद को लेकर शहर के सटे क्षेत्र व ग्रामीण इलाकों में एटीएम में कैश लोडिंग नहीं की जा सकी. वहीं शहरी क्षेत्र में जो एटीएम कैशलोड थे वहां भी निकासी ना के बराबर रही. चूंकि शहर की सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ था. सेंट्रल बैंक अधिकारी संघ के प्रदेश महामंत्री मृत्युंजय मिश्रा ने बताया कि बंद के कारण बैंकिंग सेवा पूरी तरह से प्रभावित रही. जब व्यापार ही नहीं हुआ, लोग भी सड़कों पर नहीं निकले तो इसका असर पड़ेगा. शहर की शाखाओं में इक्के दुक्के ग्राहक पहुंचे भी, लेकिन ग्रामीण शाखाओं में पूरी तरह सन्नाटा था. इस बंद का व्यापक असर बैंकिंग व्यवसाय पर पड़ा. बंद को इन्होंने बताया सफल बंद को सफल करते हुए भीम सैनिक दल भीम आर्मी एवं अनुसूचित जाति के विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ता ज्ञानमोहन( अनुसूचित जाति जनजाति कर्मचारी संघ सचिव) ,मंजय पासवान , अरुण कुमार,विकास पासवान रोशन चौधरी, अवधेश पासवान , ललन पासवान,अभिषेक पासवान, सोनू पासवान, मुकेश पासवान, रंजीत राम, मनोज पासवान, डबलू कुमार, धनेश्वर पासवान, राजू पासवान, नरेश राम, संतोष अम्बेडकर उर्फ सानू , पप्पू रजक, प्रमोद दास, प्रेम पासवान, सनत कुशवाहा, संजय पासवान एवं हजार सांख्य में भीम सैनिक दल , भीम आर्मी, ठक्करबप्पा अम्बेडकर कल्याण छात्रावास के छात्रगण आदि इसमें शामिल रहे. वहीं महामहिम राष्ट्रपति को डीएम के माध्यम से ज्ञापन सौंपा गया.वही अंबेडकर विचार मंच के रामनरेश राम, मृत्युंजय कुमार, संतोष कुमार, विकास कुमार आदि ने भी बंद कराया.
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