रीवर फ्रंट बनाने से पहले होगा मुजफ्फरपुर के अधिकारियों का टूर, नगर निगम के एक्सपर्ट जायेंगे गुजरात

River Front: पुराना बसावट होने से मुजफ्फरपुर में जाम की समस्या से लोग हलकान हैं. ऐसे हालात में रीवर फ्रंट के जरिए शहर के विभिन्न इलाकों की कनेक्टिविटी बेहतर होगी. बिना जाम में फंसे दूसरे मार्गों से गंतव्य तक जाने का बेहतर विकल्प मिलेगा.

By Ashish Jha | January 24, 2025 11:30 AM
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River Front: मुजफ्फरपुर. शहर में रीवर फ्रंट बनाने से पहले मुजफ्फरपुर नगर निगम के अधिकारियों का टूर होगा. रीवर फ्रंट के अध्ययन के लिए नगर निगम के अधिकारियों व एक्सपर्ट की टीम गुजरात और दिल्ली भेजी जाएगी. साबरमती व यमुना रीवर दोनों रीवर फ्रंट अंतरराष्ट्रीय स्तर के माने जाते हैं. उनकी तकनीक से लेकर खूबियों तक के हर पहलू को देखा जाएगा. फिर उसके आधार पर मुजफ्फरपुर रीवर फ्रंट का डिजाइन बनाया जाएगा. रीवर फ्रंट के निर्माण कार्यपर 735 करोड़ रुपये खर्च होंगे.

डीपीआर बनाने में होगी सहूलियत

नगर निगम का कहना है कि इस अध्ययन यात्रा से प्रोजेक्ट का डीपीआर फाइनल करने से लेकर निर्माण तक के काम में आसानी होगी. निगम की योजना के तहत बूढ़ी गंडक नदी के किनारे दादर कोल्हुआ घाट से लेकर बीएमपी 6 तक करीब आठ किलो मीटर लंबे एलिवेटेड रोड का निर्माण करने है. इस यात्रा के बाद दो साल पहले राष्ट्रीय स्तर पर गठित नदी-शहर गठबंधन के तहत भी संबंधित निगमों से अहम टिप्स मिलेंगे. निर्माण या अन्य प्रक्रियाओं से जुड़ी चुनौती का पता चलने के साथ ही समस्या के समाधान का रास्ता भी मिलेगा.

रोजगार के अवसर बनेंगे

योजना के संबंध में शहर के आयुक्त कहते हैं कि रीवर फ्रंट को पर्यटन स्थल के रूप में भी विकसित किया जाएगा. बूढ़ी गंडक से जुड़े घाटों को संवारा जाएगा. घाटों या आसपास के इलाकों में नियमित साफ-सफाई से लेकर लाइटिंग तक के इंतजाम किए जाएंगे. नदी के पानी को निर्मल-स्वच्छ व प्रदूषण मुक्त करने पर भी फोकस होगा. मछली बाजार से लेकर वेंडिंग जोन तक बनाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि इससे रोजगार के अवसर भी मिलेंगे.

पिछले सप्ताह भेजा गया है प्रस्ताव

नगर आयुक्त विक्रम विरकर ने कहा कि मानकों के स्तर पर साबरमती या यमुना रीवर फ्रंट आदर्श है. उसे देखने-समझने को टीम जाएगी. हर पहलू की समीक्षा कर के डिजाइन बनेगा. नदी-शहर गठबंधन के तहत संबंधित शहरों से सीख रहे हैं. रीवर फ्रंट में फिशिंग एक्टिविटी व अन्य सुविधाएं भी होंगी. इसको लेकर पिछले सप्ताह निगम के स्तर से नगर विकास व आवास विभाग को प्रस्ताव भेजा जा चुका है.

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