पटना : केन्द्र से हरी झंडी मिलने के बाद देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे प्रवासी मजदूरों और छात्रों के बिहार वापस लौटने का सिलसिला जारी है. इसी कड़ी में मंगलवार को गुजरात के अहमदाबाद से 1208 प्रवासियों को लेकर बिहार के मुजफ्फरपुर एक श्रमिक स्पेशल ट्रेन पहुंच गई है. इन यात्रियों का यहां पर मेडिकल परीक्षण किया गया और इसके बाद प्रशासन इनके घर के पास बने क्वारंटाइन सेंटर में रखेगा. इन सभी प्रवासियों को 21 दिन क्वरंटाइन सेंटर में रहना होगा.
Muzaffarpur: We welcome our migrants brothers to Mzp, 1st train arrived today at 4 AM from Ahmedabad. Registration and medical screening done, food packets and drinking water have been provided. They left for their Districts and blocks with Government buses.@DM_Muzaffarpur pic.twitter.com/FA37xFFAua
— IPRD Bihar (@IPRD_Bihar) May 5, 2020
बता दें कि बिहार सरकार इनके आने-जाने का खर्चा खुद उठा रही है इसके साथ ही 21 दिन बाद इनको 500 रुपये की अतिरिक्त मदद की जाएगी.बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को स्पष्ट किया था कि उनकी सरकार लॉकडाउन के चलते राज्य के बाहर फंसे विद्यार्थियों एवं प्रवासी मजदूरों की गृह वापसी यात्रा का पूरा खर्च उठायेगी.
सोमवार को नीतीश कुमार ने कहा था कि उनकी सरकार विद्यार्थियों के ट्रेन भाड़े का सीधे रेलवे को भुगतान कर रही है, जबकि प्रवासी मजदूरों को लौटने में लगे किराये का पैसा 21 दिनों का पृथक-वास पूरा करने के बाद लौटाया जायेगा. उन्होंने कहा कि हर प्रवासी मजदूर को उसके किराया का पूरा खर्चा लौटाया जायेगा और 500-500 रुपये की अतिरिक्त सहायता भी दी जायेगी तथा इस प्रकार हर श्रमिक को न्यूनतम 1000 रुपये मिलेंगे.
बता दें कि सोमवार को 11 और नए मरीजों के साथ आंकड़ा 528 पहुंच गया है. रविवार को भी राज्य में 36 नये कोरोना मरीज मिले थे. वहीं, समस्तीपुर जिला कोरोना संक्रमित होनेवाला राज्य का 32वां जिला बन गया है. सोमवार को राज्य के चार जिलों में कुल नौ नये कोरोना पॉजिटिवों की पहचान की गयी है. जिन जिलों में कोरोना पॉजिटिव के नये मामले पाये गये हैं, उसमें पश्चिम चंपारण, मधुबनी, बेगूसराय और समस्तीपुर शामिल हैं. राज्य के पांच जिले रेड जोन में हैं. बाकी सभी जिले ऑरेंज जोन में हैं. बिहार में एक भी ग्रीन जोन नहीं है.