फिरोज अख्तर: औराई प्रखंड की 16 पंचायत के 86 गांवों के हजारों परिवार एक बार फिर दहशत में हैं. विगत पांच वर्षों से औराई के 16 पंचायतों के लिए अभिशाप बन चुकी लखनदेई नदी के जर्जर तटबंध को बाढ़ के समय प्रत्येक वर्ष युद्ध स्तर पर बांधने की नाकाम कोशिश की जाती है. प्रत्येक वर्ष लखनदेई नदी के तटबंध की मरम्मत बाढ़ के समय की जाती है जिस पर करोड़ों रुपये बहाया जाता है.
वहीं बाढ़ समाप्त होने के उपरांत प्रशासन व जल संसाधन विभाग सो जाता है. वर्तमान में लखनदेई नदी के कोरियाही, राजखंड, घघरी, छोटी सिमरी, धसना समेत आधा दर्जन स्थानों पर खुले रहने के कारण एक बार फिर से प्रखंड के औराई, राजखंड उत्तरी, राजखंड दक्षिणी, रतवारा पश्चिमी, रतवारा पूर्वी, नयागांव, बभंगामा, भरथुआ, भलूरा, आलमपुर सिमरी, मथुरापुर बुजुर्ग, बिशनपुर गोखुल, रामपुर समेत प्रखंड के 16 पंचायतों के 86 गांव के हजारों परिवारों की नींद हराम हो गई है.
लखनदेई नदी औराई के बीचों बीच से निकलती है मगर विगत कई वर्षों से तटबंध की मरम्मत नहीं होने से प्रखंड के किसान प्रत्येक वर्ष इसकी मार झेलते हैं. बाढ़ आने पर प्रशासन प्रत्येक वर्ष पीड़ित परिवारों को बाढ़ राहत की राशि देकर निश्चिंत हो जाता है. तत्कालीन जिलाधिकारी डॉ चंद्रशेखर सिंह के आदेश पर इस वर्ष जल संसाधन विभाग ने लखनदेई नदी के औराई गोट गांव व बिशनपुर में खुले तटबंध की मरम्मत की है, मगर अन्य छह स्थानों को खुले छोड़ देने के कारण एक बार फिर लोगों में बाढ़ की आशंका है.
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भूमि सुधार राजस्व मंत्री रामसूरत राय ने खुले स्थानों को जल्द मरम्मत के लिये विभाग को लिखा था, मगर इस दिशा में प्रशासन ने कोई पहल नहीं की. समाजसेवी दीनबंधु क्रांतिकारी ने बताया कि बाढ़ राहत की राशि यहां के किसानों के लिए भीख के समान है. यहां के मेहनतकश किसान को प्रशासन का भीख नहीं चाहिए, बांध का निर्माण जल्द हो.
राजखंड के किसान कृष्णकांत शाही, औराई के अंजनी कुमार यादव, ससौली के मो. नेयाज, सीमरी के राजदेव महतो, चहुंटा के गणेश सिंह, जगदीश सिंह ने बताया कि प्रखंड के किसान बार बार यहां के राजनेताओं से दया की भीख मांग रहे हैं, फिर भी लखनदेई नदी पर तटबंध की मरम्मत नहीं हो रही है. अंचलाधिकारी ज्ञानानंद ने बताया कि लखनदेई नदी के टूटे तटबंध की मरम्मत के लिए अंचल प्रशासन जिला को कई बार अवगत करा चुका है.
वहीं दूसरी ओर लगातार हो रही वर्षा से बागमती तटबंध के अंदर बसे विस्थापित बभनगामा पश्चिमी, महुआरा, हरणी टोला, बाराखुर्द, बारा बुजुर्ग, मधुबन प्रताप समेत एक दर्जन गांव के लोग बाढ़ की आशंका से सहमे है. विस्थापित शिक्षक मो. शाहिद ने बताया कि वर्षा को देख विस्थापित परिवार अन्य स्थानों पर शरण लेने की तैयारी करने लगे हैं.
गायघाट प्रखंड मुख्यालय में एसडीओ पूर्वी कुंदन कुमार ने बाढ़ पूर्व तैयारी को लेकर समीक्षा बैठक की. उन्होंने अधिकारियों को अलर्ट मोड में रहने का निर्देश दिया. अधिकारियों से बाढ़ पूर्व तैयारियों की जानकारी ली.उन्होंने बीडीओ, अंचल अधिकारियों को निर्देश दिया कि पिछले साल जिन पंचायत व गावों में बाढ़ आया था. उस पंचायत और गांव के पीड़ित परिवारों के आधार का सत्यापन करके अविलंब आपदा पोर्टल पर अपलोड करा दें. बलौर निधि पंचायत के बलौर गांव स्थित ग्राम सुरक्षा बांध में कटाव रोकने को लेकर एसडीओ ने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को जल्द से जल्द मरम्मत कराने का निर्देश दिया. मौके पर बीडीओ डॉ विमल कुमार, सीओ राघवेन्द्र राघवन व पंचायत प्रतिनिधि आदि थे. तेजी से बढ़ रहा बूढ़ी गंडक का जलस्तर तथा Hindi News से अपडेट के लिए बने रहें।
औराई थाना क्षेत्र अंतर्गत लखनदेई नदी के टूटे तटबंध की मरम्मत को लेकर ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से आवेदन देकर सीओ, बीडीओ, एसडीओ व डीएम को त्राहिमाम संदेश भेजा है. स्थानीय आलमपुर सिमरी के ग्रामीण दिलीप सहनी, शिवकुमार, धड़कन सहनी, ब्रह्मदेव प्रसाद, महेंद्र वर्मा, लालबाबु सहनी के साथ ही वार्ड सदस्य वीभा देवी समेत दर्जनों लोगों ने लिखित आवेदन देकर जिलाधिकारी से कार्रवाई की मांग की है.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan