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Bihar Board 10th Result: गांव की गलियों से निकले सितारे, शहर के बड़े स्कूलाें में रहा सन्नाटा

Bihar Board 10th Result जारी कर दिया गया है. मुजफ्फरपुर जिला के टॉप थ्री छात्र गांव के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले हैं. वहीं अगर शहरी क्षेत्र के स्कूल के बच्चों की बात करें तो टॉप करने वालों में उनके नाम नहीं हैं.

Bihar Board 10th Result: बिहार बोर्ड की मैट्रिक परीक्षा 2024 के सितारे गांव की गलियों से निकले हैं. मुजफ्फरपुर जिले के टॉप थ्री में चार बच्चों का नाम है, जो मीनापुर, कुढ़नी, सकरा व गायघाट प्रखंड के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले हैं. वहीं, शहर के बड़े स्कूल इस बार भी कोई टॉपर नहीं दे सके. शहरी क्षेत्र में करीब दर्जनभर माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालय है, जिनके परिणाम पर सबकी नजर थी. लेकिन जब परिणाम आया, तो मायूसी ही हाथ लगी. हालांकि प्रधानाध्यापकों का कहना है कि शहरी क्षेत्र के स्कूलों के बच्चों ने भी अच्छे अंक से सफलता हासिल की है.

रविवार को बोर्ड ने दोपहर में परिणाम जारी किया, तो शहर से लेकर गांव तक उत्सव का माहौल बन गया. रिजल्ट जारी होने से घंटाभर पहले से ही बच्चे साइबर कैफे पर भीड़ लगाए थे. दोपहर 1.30 बजे परिणाम जारी होते ही विद्यार्थी अपना रिजल्ट जानने के लिए बेचैन हो गये. अच्छे नंबरों से उत्तीर्ण बच्चे जश्न में डूब गये. वहीं, तमाम बच्चों ने मोबाइल पर ही अपना परिणाम देख लिया. स्कूल-कोचिंग के साथ ही तमाम घरों में भी उत्साह दिखा.

बच्चों की सफलता पर अभिभावकों ने भी खुशी मनायी. बच्चों को मिठाई खिलाकर सफलता की बधाई दी. छाता चौक स्थित एक साइबर कैफे पर सुबह से ही बच्चों की भीड़ लगी थी. वहां पहले से ही नंबर लगा था. परिणाम जारी होने के बाद कैफे संचालक उसी क्रम में रिजल्ट निकालकर बच्चों को दे रहा था, ताकि अफरा-तफरी का माहौल न बने. बता दें कि इस बार जिले में छात्रों से अधिक छात्राओं ने हाइस्कूल की परीक्षा दी थी. जिले में कुल 76797 परीक्षार्थी, जिसमें 41714 छात्राएं रहीं.

  • कुल परीक्षार्थी- 76797
  • छात्रा- 41714
  • छात्र- 35083

टॉपर घोटाले के बाद सुधरती गयी शिक्षा व्यवस्था

वर्ष 2016 में हुए टॉपर घोटाले के बाद बिहार बोर्ड की स्थिति में लगातार सुधार हो रहा है. बाेर्ड ने सख्ती की, तो वर्ष 2017 में केवल 38.9 प्रतिशत बच्चे ही सफल हो सके. हालांकि इसके बाद लगातार रिजल्ट में सुधार हो रहा है. इस बार 82 प्रतिशत से अधिक बच्चे मैट्रिक परीक्षा में सफल हुए हैं.

बिहार की शिक्षा व्यवस्था पर टॉपर घोटाला एक कलंक के रूप में सामने आया, लेकिन मेधावियों ने अपनी क्षमता से उसे धो दिया. शिक्षा विभाग के साथ ही बोर्ड ने भी पूरे सिस्टम में बदलाव किया था. नकल पर पूरी तरह नकेल लगा दी. इसके बाद भी वर्ष 2018 में 61 प्रतिशत से अधिक बच्चों ने सफलता हासिल की. लगातार सातवें साल 2024 की मैट्रिक परीक्षा में राज्य के साथ ही जिले के छात्र-छात्राओं ने भी शानदार सफलता हासिल की है. खास बात यह है कि अब 80 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले बच्चों की संख्या भी बढ़ी है. ग्रामीण इलाकों के स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर होने के बाद परिणाम भी अच्छा आया है.

10 वर्षों का सफरनामा

  • वर्ष- रिजल्ट % में
  • 2015- 56
  • 2016- 42
  • 2017- 38.9
  • 2018- 61.22
  • 2019- 78.36
  • 2020- 80.59
  • 2021- 78.17
  • 2022-75
  • 2023- 80
  • 2024- 82

लगातार दूसरे साल 10वें स्थान से जिले को संतोष करना पड़ा

जिले को लगातार दूसरे साल 10वें स्थान से ही संतोष करना पड़ा. वर्ष 2023 की परीक्षा में पारू प्रखंड के खुटाहीं के रहने वाले सिबतैन को राज्य में 10वां स्थान मिला था. उसे 500 में 476 अंक मिले थे. वहीं, इस बार मीनापुर प्रखंड के रहने वाले सुशील कुमार ने टॉप 10 में जगह बनायी है. बोर्ड ने टॉप 10 में 51 बच्चों की लिस्ट जारी की है, जिसमें मुजफ्फरपुर से केवल सुशील का नाम है. उसे 500 में 479 अंक मिले हैं. वहीं मध्य विद्यालय महेशवारा की छात्रा विशाखा एक अंक से टॉप 10 में जगह बनाने से चूक गयी है. उसे 478 अंक ही मिले हैं.

90% से अधिक अंक है तो बिहार बोर्ड करायेगा मेडिकल-इंजीनियरिंग की निशुल्क तैयारी

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने मैट्रिक परीक्षा 2024 में 90 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले बच्चों को मेडिकल व इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा की निशुल्क तैयारी कराने की घोषणा की है. मुजफ्फरपुर सहित राज्य के नौ प्रमंडल मुख्यालयों पर जेइइ व नीट की तैयारी के संचालित केंद्र पर उनका नामांकन होगा. इसके लिए बच्चों को नौ अप्रैल तक आवेदन करने को कहा गया है. इसके साथ ही टॉप 20 में शामिल बच्चों के लिए बीएसइबी सुपर 50 आवासीय शिक्षण केंद्र में पढ़ने की सुविधा मिलेगी.

समिति ने रविवार को मैट्रिक परीक्षा का परिणाम जारी करने के साथ ही मेधावियों के लिए विशेष योजनाओं की घोषणा की. टॉप 20 में शामिल बच्चों के लिए पटना में संचालित आवासीय शिक्षण केंद्र में पढ़ाई के लिए चार अप्रैल तक विकल्प देने को कहा गया है. शिक्षण केंद्र में आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध है. साथ ही उच्च कोटि के शिक्षक पढ़ाने के लिए रखे गये हैं.

वहीं 90 प्रतिशत यानि 450 से अधिक अंक लाने वाले बच्चों को प्रमंडल स्तरीय शिक्षण केंद्र में नामांकन मिलेगा. मुजफ्फरपुर में बीबी कॉलेजिएट प्लस टू स्कूल में प्रशिक्षण केंद्र संचालित है. यहां जेइइ व नीट की तैयारी निशुल्क करायी जायेगी. साथ ही सभी विद्यार्थी को एक हजार रुपये प्रति माह छात्रवृत्ति दो वर्ष तक मिलेगी. प्रतिदिन पढ़ाई के साथ ही डाउट क्लियरिंग के लिए अलग से क्लास चलेगी.

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