18.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बेटा-बेटी परदेश में, असहाय पड़े कोरोना पॉजीटिव माता-पिता के लिए भोजन भी बनी समस्या, जानें कैसे बयां किया दर्द

कोरोना संक्रमण के इस दौर में ऐसे बुजुर्ग दंपत्ति जो कोरोना पॉजीटिव हो गये हैं, उनकी देखभाल सही तरीके से नहीं हो रही है. इनके लिए न कोई दवा लाने वाला है और न भोजन का इंतजाम करने वाला. परदेश में रहने वाले बेटे-बेटी माता-पिता को फोन कर स्वास्थ्य की जानकारी तो ले रहे हैं, लेकिन उनकी देखभाल की व्यवस्था नहीं हो पा रही है. इनके यहां काम करने वाले नौकरों ने भी इन्हें बीमार देख कर काम छोड़ दिया है. पॉजीटिव बुजुर्गों के लिए बड़ी समस्या भोजन की है. विदेश में रहने वाले बेटे-बेटियां अब शहर के स्वयंसेवी संगठनों का मोबाइल नंबर लेकर उनसे दवा और खाने पहुंचाने की अपील कर रहे हैं.

कोरोना संक्रमण के इस दौर में ऐसे बुजुर्ग दंपत्ति जो कोरोना पॉजीटिव हो गये हैं, उनकी देखभाल सही तरीके से नहीं हो रही है. इनके लिए न कोई दवा लाने वाला है और न भोजन का इंतजाम करने वाला. परदेश में रहने वाले बेटे-बेटी माता-पिता को फोन कर स्वास्थ्य की जानकारी तो ले रहे हैं, लेकिन उनकी देखभाल की व्यवस्था नहीं हो पा रही है. इनके यहां काम करने वाले नौकरों ने भी इन्हें बीमार देख कर काम छोड़ दिया है. पॉजीटिव बुजुर्गों के लिए बड़ी समस्या भोजन की है. विदेश में रहने वाले बेटे-बेटियां अब शहर के स्वयंसेवी संगठनों का मोबाइल नंबर लेकर उनसे दवा और खाने पहुंचाने की अपील कर रहे हैं.

शहर के एक बुजुर्ग दंपत्ति ने कहा कि बेटा न्यूयॉक में है. हमलोगों के कोरोना पॉजीटिव होने की बात जानकर वह परेशान है, लेकिन वहां से क्या कर सकता है. यहां एक स्वयंसेवी संगठन के लोग हमें दिन व रात का खाना पहुंचा रहे हैं. उन्होंने डॉक्टर के परामर्श से लिखी दवाएं भी पहुंचायी हैं. कोरोना मरीजों के घर तक खाना पहुंचा रहे पंकज पटवारी ने कहा कि शहर के ऐसे कई लोग बीमार है, जिनके बेटे-बेटी विदेश में रहते हैं. ऐसे बुजर्गों की देखभाल करना बड़ी समस्या है. हमलोग तो खाना पहुंचा रहे हैं, लेकिन इनकी देखभाल करना मुश्किल है.

नयाटोला निवासी एक बुजुर्ग तीन दिनों से कोरोना पॉजीटिव हैं, इनके बेटे फ्लोरिडा में रहते हैं. पहले इनकी देखभाल एक स्टाफ करता था, जो हमेशा इनकी पास रहता था, लेकिन इनके बीमार पड़ने के बाद वह भी बीमारी की बात कहकर चला गया. खाना ये टिफिन सिस्टम से मंगवा रहे हैं, लेकिन इनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है.

Also Read: बिहार: ऑक्सीजन सिलिंडर रखा था सामने, अस्पताल में किसी ने नहीं लगाया, तड़पते हुए दो की गयी जान

ब्रह्मपुरा पुलिस लाइन रोड निवासी एक बुजुर्ग दंपत्ति भी कोरोना से संक्रमित हैं. इनका बेटा बांग्लादेश में सॉफ्टवेयर इंजीनियर है. इनकी देखभाल करने वाला भी कोई नहीं है. एक स्वयंसेवी संगठन इनके पास खाना पहुंचा रहा है. ये अपने बेटे को रोज वीडियो कॉन्फ्रेंस कर अपने स्वास्थ्य की जानकारी देते हैं.

POSTED BY: Thakur Shaktilochan

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें