प्रभात/देवेश,मुजफ्फरपुर: शहर से गुजरने वाली बूढ़ी गंडक नदी में ऊफान आना शुरू है. एक दो दिनों में नदी के पेटी में बसे बस्ती में पानी भी घुसने की संभावना है. हालांकि बांध पर फिलहाल पानी पर दबाव नहीं है. वही दूसरी ओर रेन कट और मिट्टी धंसने से कई जगह बांध क्षतिग्रस्त हो गया है. कांटी, मुशहरी,बंदरा,मीनापुर में कई जगह बांध पर बड़े- बड़े गड्डे है. शहरी क्षेत्र से गुजरने वाली बांध की बात करें तो रेन कट तो अधिक नहीं है.लेकिन, बांध के उपर से कई जगह स्लोपिंग है.बारिश होने पर इससे मिट्टी खिसक जाता है.
दरअसल, बांध के अतिक्रमण कर दुकान व मवेशी का बथान बना लिया गया है. बांध से नीचे उतरने के लिए कई जगह स्लोप है. बारिश में यह खतरनाक हो जाता है. सिकंदरपुर नाका से एसएसपी आवास तक के बांध वाली सड़क जर्जर है.जबकि बाढ़ के दौरान शहर के मद्देनजर यह सबसे संवेदनशील एरिया है. पानी का दबाव यहां काफी होता है. इधर, विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बांध के रेन कट को मोटरेबल कार्य पहले शुरु होता. लेकिन बारिश के वजह से बोरा में मिट्टी नहीं भरा जा सका. फिलहाल 5000 हजार बोरा में बालू डाल रेन कट को ठीक करने के लिए तैयार किया जा रहा है.
यह तस्वीर शहर से सटे कन्हौली मोहन सहनी टोला बांध की है. बांध की दूसरी तरफ शहरी क्षेत्र का फैज कॉलोनी, रामबाग कन्हौली, बीएमपी छह आदि मोहल्ला है. पिछली दफा मुशहरी के मनिका मन के समीप जब स्लुइस गेट का बांध टूटा था, तब मोहन सहनी टोला बांध से सटे शहरी क्षेत्र के मोहल्ला में भी बाढ़ का पानी बीएमपी छह की तरफ से प्रवेश कर गया था.
Also Read: मुजफ्फरपुर में भर्ती नहीं हो सकेंगे ब्लैक फंगस के मरीज, पटना IGIMS और AIIMS किए जाएंगे रेफर, जानें SKMCH की मजबूरीयह तस्वीर कांटी प्रखंड के मिठनसराय गांव पर बने बूढ़ी गंडक बांध की है. बांध के ऊपर आने-जाने के लिए सड़क बनी है, जो माॅनसून के पहले हुई बारिश में ही जर्जर हो गयी है. पानी के हुए बहाव के कारण बांध भी जगह-जगह धंस गया है. माॅनसून के दौरान होने वाली बारिश में और ज्यादा धंसने की संभावना है. इससे बूढ़ी गंडक नदी में पानी बढ़ने पर टूटने की आशंका है.
यह तस्वीर मुशहरी प्रखंड के एसकेएमसीएच जमालाबाद गांव में बने बूढ़ी गंडक बांध की है. तस्वीर देखने से अंदाज़ा लगा सकते हैं कि इस बांध की स्थिति कितनी जर्जर है. बूढ़ी गंडक नदी में जब पानी बढ़ता है, तब जमालाबाद के इस बांध पर पानी का सबसे ज्यादा दबाव रहता है. इस बांध के टूटने से सीधे एसकेएमसीएच व इसके आसपास का इलाका डैमेज होगा. इसलिए मॉनसून से पूर्व इसकी मरम्मत आवश्यक है.
यह तस्वीर कांटी प्रखंड के पहाड़पुर बूढ़ी गंडक बांध पर बनी सड़क की है. पिछले वर्ष ही सड़क का निर्माण हुआ था, जो बारिश के कारण जगह-जगह टूट गयी है. बांध भी कई जगहों पर धंस गया है,जो बारिश के कारण जगह-जगह टूट गयी है. बांध भी कई जगहों पर धंस गया है.
यह तस्वीर शहर से सटे बूढ़ी गंडक नदी के चंदवारा बांध की है. बारिश के कारण बांध में जगह-जगह सुरंग बन गया है. बांध के दूसरी तरफ शहरी क्षेत्र में चंदवारा विद्युत सब स्टेशन है. यहां भी बांध की स्थिति काफी खराब है, जिसकी मरम्मत शहरी क्षेत्र को बचाने के लिए बहुत ही जरूरी है.
बूढ़ी गंडक बांध के रेनकट को डिटेक्ट कर लिया गया है. अगले दो तीन दिन में मरम्मत का काम शुरू हो जायेगा. यास तूफान के कारण रेन कट का काम नहीं हो पाया, अभी हमलोगों के पास काफी समय है. बांध को पूरी तरह से सुरक्षित किया जायेगा.
विमल कुमार नीरज, कार्यपालक
अभियंता, बूढ़ी गंडक प्रमंडल
POSTED BY: Thakur Shaktilochan