Bihar Flood: बिहार में लाल निशान से ऊपर बह रही बागमती और गंडक, मुजफ्फरपुर जिले में बाढ़ से टापू बन गए कई गांव

बिहार में बाढ़ से तबाही शुरू हो गयी है. जल संसाधन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, बागमती नदी का जलस्तर कटौझा में खतरे के निशान से ऊपर है. वहीं गंडक नदी भी रेवा घाट में लाल निशान से उपर बह रही है. बूढी गंडक का जलस्तर भी खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है. मुजफ्फरपुर में बाढ़ ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है.

By Prabhat Khabar News Desk | July 6, 2021 2:54 PM

बिहार में बाढ़ से तबाही शुरू हो गयी है. जल संसाधन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, बागमती नदी का जलस्तर कटौझा में खतरे के निशान से उपर है. वहीं गंडक नदी भी रेवा घाट में लाल निशान से उपर बह रही है. बूढी गंडक का जलस्तर भी खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है. मुजफ्फरपुर में बाढ़ ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है.

बागमती के साथ लखनदेई व मनुषमारा नदी के जलस्तर में वृद्धी से परेशानी बढ़ती ही जा रही है. बागमती तटबंध से विस्थापित गांव मधुवन प्रताप में करीब साठ घरों मे बाढ का पानी प्रवेश कर गया है. वहीं सबसे ज्यादा परेशानी महेशवारा पंचायत के चैनपुर गांव में है. शंभु राय ने बताया कि बांध पर लोग तेजी से भाग रहे हैं. स्कूल परिसर भी डूब चुका है. मवेशी को निकालने की समस्या बनी हुई है.

बभनगावां पश्चिमी हरणी,बाड़ा , महुआरा, राघोपुर तरवन्ना, चहुंटा टोला भरथुआ टोला समेत सभी विस्थापित गांवों में पचास प्रतिशत घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. सोमवार की संध्या से बभनगामवां बांध पर सामुदायिक किचेन शुरू कर दिया गया. किचेन का काम संभालने वाले शिक्षक मो.शाहिद ने बताया कि सोमवार की शाम करीब 600 बाढ़ पीड़ितों ने किचेन में खान खाया है.

वहीं लखनदेई नदी का पानी भी पश्चिमी तटबंध से पश्चिम के एक दर्जन गांव के चौर में फैल चुका है. बभनगामा पश्चिमी से डाकबंगला चौक तक दो माह पूर्व बनी सड़क पर विस्थापितों को पैदल जाना संभव नहीं हो पा रहा है. सत्यनारायण चौधरी, विदेशी दास ने बताया कि संवेदक बाढ़ का ईंतजार कर रहे हैं जिससे बचने में आसानी होगा.

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मनुषमारा नदी के पानी से धरहरवा व घनश्यामपुर पंचायत के एक दर्जन गांव में आवागमन प्रभावित हुआ है. किसानों की सैकड़ों एकड़ में लगी मक्के व सब्जी की फसल नष्ट हो चुकी है. सिमरी पुल से लखनदेई नदी का पानी रतवारा की ओर फैलने लगा है. सीओ ज्ञानानंद ने बताया कि बागमती तटबंध उत्तरी व दक्षिणी पर एसडीओ पूर्वी कुंदन कुमार के आदेश पर सामुदायिक किचेन की व्यवस्था कर दी गई है.

कटरा प्रखंड के प्रमुख नदी बागमती के जल स्तर में आंशिक कमी होने के बाद भी लोगों में भय व दहशत का माहौल व्याप्त है. बकुची निवासी धर्मेन्द्र कमती ने कहा कि लोगों को पीने की पानी व भोजन की समस्या उत्पन्न हो गयी है . प्रखंड के लगभग 18 पंचायत बाढ़ से प्रभावित है. सोनपुर निवासी अंकित कुमार ने कहा कि हमलोगों के घरों में बाढ़ का पानी फैल जाने से जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. नवादा, पतारी, अनदामा, बर्री, भवानीपुर, गंगेया, सोनधनौर, पुर, गटोली, दरगाह, धनौर, बसंत, तेहबारा, बुधकारा, सहनौली, धोबौली सहित अन्य गावों में बाढ़ का पानी फैल जाने लोग घरों के छतों व उंचे स्थानों पर शरण लेने को विवश हैं.

बूढी गंडक नदी का तांडव मीनापुर में शुरू हो गया है. रघई में करीब एक सौ घरों में बाढ का पानी प्रवेश कर गया है. मुखिया चंदेश्वर प्रसाद ने इसकी पुष्टी की है. उन्होंने बताया कि वार्ड 14 के करीब 40 परिवार चौतरफा बाढ़ के पानी से घिर चुके हैं. इनके सामने जीवनयापन की समस्या उत्पन्न हो गयी है. नाव नहीं मिलने के कारण बाढ़ पीड़ितों की परेशानी बढ़ गयी है.

Posted By: Thakur Shaktilochan

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