बागमती में आये उफान ने अब कटरा व औराई क्षेत्र में तबाही शुरू कर दी है. रविवार की दोपहर तक औराई प्रखंड के चैनपुर व बहुआरा गांव के करीब 500 परिवार छोटे-छोटे बच्चों व महिलाओं के साथ कटौंझा से अतरार तक बने बांध पर पहुंच गए हैं. बांध पर एक तरफ लोग अस्थायी झोपड़ी बना रहे हैं, तो बच्चे खुले आसमान के नीचे बैठकर माता-पिता को झोपड़ी बनाते देख रहे हैं. इनमें से कुछ अपनी नन्हीं हाथों से उन्हें मदद करने की कोशिश भी करते हैं. बांध पर शरण लेने वालों के सामने खाने- पीने का भी संकट है. कई परिवार नदी के पानी से घिरे मकान से सामान को सुरक्षित निकालने में लगे हैं. बागमती का जलस्तर अचानक बढ़ने से दर्जनों गांवों के लोगों की दिनचर्या प्रभावित हो गयी है.
औराई प्रखंड के अतरार व बहुआरा में बना चचरी का पुल बह गया है. रविवार की सुबह बहुआरा के ग्रामीण खुद ही चचरी पुल की मरम्मत कर रहे थे. दोनों चचरी पुल टूट जाने से लोगों को तमाम तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बाजार से सामान लाने या खेत से चारा लाने में अब नाव का ही सहारा है. शासन-प्रशासन की तरफ से ग्रामीणों को शाम तक किसी तरह की मदद नहीं मिली थी. सभी लोग अपने निजी संसाधनों से ही अपनी जरूरतें पूरी करने में जुटे थे.
बहुआरा में चचरी पुल की मरम्मत को लेकर ग्रामीण खुद ही लगे थे. पुरुषों व युवकों के साथ बच्चे भी उनके काम में हाथ बंटा रहे थे. ग्रामीणों का कहना था कि चचरी पुल से उन्हें न जाने कब मुक्ति मिलेगी. कोई सरकारी या प्रशासनिक स्तर से मदद भी नहीं मिलती. यह पुल खुद से ही बनाये हैं. अब टूट गया तो मरम्मत भी खुद ही करना है.
Also Read: प्रभात पड़ताल: तबेला व ताश का अड्डा बना हुआ है अस्पताल, कोरोना की तीसरी लहर सामने पर व्यवस्था को ही वैक्सीन की जरुरतकटरा पीपा पुल के दोनों तरफ नदी की धारा से तेजी से कटाव हो रहा है. हालांकि दोपहर में ग्रामीण खुद ही पीपा पुल की मरम्मत में जुट गये थे, ताकि किसी तरह आवागमन चालू हो सके. पुल से पैदल, साइकिल या बाइक से आवागमन शुरू हुआ, जिससे लोगों को कुछ राहत मिल सकी. पुल क्षतिग्रस्त होने के कारण तीन पहिया व चार पहिया वाहनों का आवागमन रोक दिया गया है. बागमती में आये उफान ने शुरु की तबाही तथा News in Hindi से अपडेट के लिए बने रहें।
POSTED BY: Thakur Shaktilochan