नेपाल से पानी छोड़े जाने से जिले से गुजरने वाली तीनों नदियों के जलस्तर में वृद्धि जारी है. शहर से गुजरने वाली बूढ़ी गंडक नदी अखाड़ाघाट में झील नगर बस्ती के पास पहुंच गया है. हालांकि अभी पानी घरों में नहीं घुसा है. बुधवार दोपहर बाद तेजी से जलस्तर में वृद्धि हुई है. सिकंदरपुर में बूढ़ी गंडक 49.73 मीटर, कटौझा में बागमती 56.40 मीटर और रेवाघाट में गंडक 53.81 मीटर पर बह रही है. वहीं बागमती नदी पूरी तरह ऊफान पर है. कटौझा में यह खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर है. बाढ़ का पानी कटरा और औराई प्रखंड के कई गांवों में फैल चुका है. आधा दर्जन से अधिक पंचायतों का मुख्य सड़क से संपर्क भंग हो गया है. इससे बाढ़ प्रभावित इलाके के लोग ऊंचे स्थान की ओर माल-मवेशी के साथ पलायन करने लगे हैं. सबसे अधिक परेशानी बागमती बांध के अंदर रहने वाले लोगों को है. बांध पर तंबू लगा कर समय गुजार रहे हैं और नाव के सहारे गांव में आना-जाना कर रहे हैं. इधर, आपदा प्रबंधन ने अधिकारियों को बांध पर नजर रखने का निर्देश दिया है.
प्रखंड के प्रमुख नदी बागमती के जलस्तर में वृद्धि होने के बाढ़ का खतरा देख लोग अब ऊंचे स्थानों की खोज में जुट गये हैं. बाढ़ का पानी नये क्षेत्रों के निचले हिस्से में प्रवेश कर गया है जिसमें बसघट्टा, पतारी, अनदामा, तेहबारा, बर्री, भवानीपुर, चंदौली, बलुआ, कटरा, माधोपुर सहित अन्य गांव के हिस्से में बाढ़ का पानी फैल जाने लोगों को बाढ़ की चिंता सताने लगी है. बसघट्टा निवासी पूर्व मुखिया विनोद कुमार दास ने कहा कि जलस्तर में वृद्धि होने के पश्चात पीपा पुल से लोग पैदल ही जान जोखिम में डाल कर यात्रा करने को विवश हैं. बकुची धर्मेन्द्र कमती के घर के निकट से बकुची चौक तक सड़क पर लगभग दो से ढाई फीट पानी का बहाव हो रहा है.
औराई. बागमती नदी के जलस्तर में बुधवार की दोपहर से तेज गति के साथ बढ़ोतरी जारी है. कटौझा में बागमती नदी खतरे के निशान से करीब डेढ़ मीटर ऊपर बह रही है. जलस्तर में तेज़ गति से बढ़ोतरी को लेकर बभनगामवां पश्चिमी, तरबबना टोला, मधुबन प्रताप, हरणी टोला, चैनपुर, महुआरा, बाड़ा बुजुर्ग, बाड़ा खुर्द समेत दर्जन भर विस्थापित गांव के सैकड़ों परिवार दहशत में हैं. बाढ़ पीड़ित घरों को छोड़ सुरक्षित स्थानों पर अपना ठिकाना खोजते नजर आये. बभनगामवां पश्चिमी के पंचायत समिति सदस्य सत्यनारायण चौधरी, शिक्षक मो. शाहिद ने बताया कि नाव के सहारे लोग महफूज स्थानों तक पहुंच रहे हैं. मधुबन प्रताप के लाल बाबू सहनी ने बताया कि सबसे ज्यादा मवेशियों के चारे की समस्या बनी हुई है. अंचलाधिकारी रामानंद सागर ने कहा कि बाढ़ पर प्रशासन की नजर है. नाव की व्यवस्था कर दी गई है.