मनियारी. मूसलाधार बारिश व कदाने नदी के बढ़ते जलस्तर से मंगलवार को सोनबरसा बांध में टुनटुन सहनी, जगदेव सहनी, योगेंद्र सहनी, समेत दर्जनों परिवारों के आशियाने जमलमग्न हो गये हैं. मुखिया प्रतिनिधि अमरनाथ सिंह, दिलीप कुमार ठाकुर ने बताया कि कदाने के उफान से पूरा पंचायत प्रभावित है. वहीं सोनबरसा गढ़ में रणधीर सिंह, राजवीर सिंह समेत अन्य के मकान धराशायी हो गये हैं. सीओ रम्भू ठाकुर से पीड़ितों के लिए नाव व राहत सामग्री की मांग की है. छितरौली मुखिया प्रतिनिधि रहमते आलम रंगीले, सरपंच प्रतिनिधि आलोक यादव ने बताया कि पंचायत में पीड़ितों को रहने के लिए विद्यालय में व्यवस्था करायी गयी है. वहीं चारों तरफ मवेशियों के लिए संकट खड़ा हो गया है.
देवरिया कोठी थाना क्षेत्र के मोहब्बतपुर, सरैया, देवरिया पूर्वी, विशुनपुर सरैया पंचायत से होकर गुजरने वाली बाया नदी, चांदकेवारी व धरफरी पंचायत से होकर गुजरने वाली गंडक नदी लाल निशान को पार कर गयी है. मंगलवार को दोनों नदियां उफान पर थी. वहीं, झमाझम बारिश से भी जलस्तर बढ़ गयी है. अधिकांश सड़कें जलमग्न हो गयी. जिससे आवागमन की समस्या हो गयी है. बाढ़ की चपेट में आये हजारों परिवार बांध पर प्लास्टिक टांग कर शरण लिए हुए हैं. दो सप्ताह बाद भी अधिकारियों ने सुधि नहीं ली है. कोई मदद नहीं मिलने पर चांदकेवारी की मुखिया पति राजकुमार दास ने जनसहयोग से पिछले पांच दिनों से सामुदायिक किचन से 650 पीड़ितों का भोजन करा रहे है.
औराई गांव में लखनदेई नदी के तटबंध का मरम्मत मंगलवार को भी नहीं हो पाया. तटबंध टूटने का दायरा बढ़ता ही जा रहा है. अब जल संसाधन विभाग को संभाल पाना मुश्किल हो गया है. तमाम अधिकारी व कर्मी जायजा लेने के बाद वहां से चले गये. इधर, लखनदेई नदी के टूटे तटबंध की मरम्मत का कार्य जल संसाधन विभाग कर रहा थी. वहीं लखनदेई के टूटे तटबंध से पानी औराई की पूरब दिशा में तेजी से 16 पंचायतों मे फैल रहा है. वहीं भरथुआ पंचायत के अलीनगर टोला को जोड़ने वाली ग्रामीण सड़क टूट गयी है, जिससे आवागमन बंद हो गया है. वार्ड सदस्या पति लाल अंसारी ने उक्त स्थान पर तत्काल नाव देने की मांग प्रशासन से की है.
वहीं बागमती तटबंध के दक्षिण में सात पंचायत भी बागमती के पानी से डूबा हुआ है. बीडीओ विनोद कुमार प्रसाद ने बताया कि औराई में नौ जगहों पर सामुदायिक किचेन चल रहा है. उन्होंने बताया कि कुछ जरूरतमंदों को पॉलीथिन शीट भी जनप्रतिनिधि के माध्यम से दिया गया है. पीडब्लूडी के कनीय अभियंता कुमार गौतम ने बताया कि बागमती तटबंध उत्तरी पर बाढ पीडितों के लिए पांच चापाकल व बारह अस्थाई शौचालय बनाया गया है.
posted by ashish jha