मुजफ्फरपुर : तिरहुत नहर के तटबंध टूटने के साथ ही सकरा प्रखंड में बाढ़ की स्थिति भयावह हो गई है. सकरा प्रखंड के 25 गांवों में बाढ़ का पानी फैलने से करोड़ों रुपये की खरीफ की फसल बर्बाद हो गयी है. बाढ़ से अबतक 20 हजार की आबादी प्रभावित हुई है. प्रखंड मुख्यालय व रेफरल अस्पताल परिसर में भी बाढ़ का पानी पहुंच गया है. एक दर्जन गांवों का प्रखंड मुख्यालय से सड़क संपर्क भंग हो गया है. वहीं एक दर्जन गांवों में मुख्य सड़क पर तीन फीट पानी बह रहा है.
बताया जाता है कि तिरहुत नहर के तटबंध टूटने के साथ ही सकरा प्रखंड के बगाही, नरसिंहपुर, सकरा वाज़िद, तुलसी मोहनपुर, थतिया, गोवर्धनपुर, मथुरापुर, गोपालपुर खुर्द, भठंडी, दोनमा, वसंतपुर झिटकाही, रघुनाथपुर दोनमा, सबहा आदि गांवों में फैल गया है. उक्त सभी गांव के मुख्य सड़क पर तीन फीट पानी बह रहा है.बाढ़ से विस्थापित परिवार उत्क्रमित मध्य विद्यालय तुलसी मोहनपुर, ढोली रेलवे स्टेशन व एनएच 28 स्थित भठंडी से लेकर मुशहरी गांव तक एनएच किनारे तिरपाल तान कर रह रहे हैं.बाढ़ का पानी रेलवे लाइन पर बने पुल से होकर एन 28 के भठंडी व झिटकाही गांव स्थित पुल से दक्षिण कदाने नदी की ओर बढ़ रहा है. इससे बाजी बुजुर्ग, कटेसर, विशुनपुर बघनगरी, भरथीपुर आदि पंचायतों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है.
मुजफ्फरपुर. एनडीआरएफ 9 की टीम ने जमालाबाद पंचायत और महमदपुर कोठी में बचाव कार्य कर बाढ़ में फंसे लोगों को बाहर निकाला. सूचना मिली थी कि कटाव वाले स्थान के नजदीक कुछ स्थानीय निवासियों के घर में उनके परिजन फंसे हैं. नदी के पानी की रफ्तार से घर को क्षति हो रही है.मौजूद अधिकारी अवनीश कुमार शाही की निगरानी में टीम कमांडर मलिक कुमार ने शीध्र ही टीम को उक्त स्थान पर भेज फंसे लोगों को सुरक्षित निकाला.
मुरौल. तिरहुत कृषि महाविद्यालय के समीप बूढ़ी गंडक नदी के बांध में दो स्थानों पर हो रहे रिसाव को ग्रामीणों व प्रशासन ने कड़ी मशक्कत कर रोका. मौके पर स्थानीय मुखिया सच्चिदानंद सुमन व कृषि महाविद्यालय के वैज्ञानिक संजय सिंह उपस्थित थे. तिरहुत कृषि महाविद्यालय की चहारदीवारी भी टूट गयी.
इधर, लगातार हो रही बारिश से उफनायी बूढ़ी गंडक का जल स्तर अब नीचे आने लगा है. सोमवार को एक फीट जल स्तर में गिरावट आयी है.लेकिन जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है. कार्यपालक अभियंता ने बताया कि अगले तीन दिनों में बूढ़ी गंडक का पानी और घटेगा. चनपटिया में ये खतरे के निशान से नीचे चला आया है. धीरे-धीरे जिले में खतरे के निशान से नीचे आ जायेगी. नदी के कैचमेंट एरिया में बारिश नहीं होने से जलस्तर घट रहा है. जिला प्रशासन पानी घटने के बावजूद भी अलर्ट है. डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने कहा है कि एसकेएमसीएच मेडिकल कॉलेज को लेकर कोई खतरे की बात नहीं है.
बूढ़ी गंडक के जलस्तर में भले ही कमी आ गयी है. लेकिन अब मीनापुर की ओर से बागमती नदी की पानी का दबाव एसकेएमसीएच और उसके आसपास के रिहायशी इलाके डॉक्टर कॉलोनी,सहबाजपुर में पहुंच रहा है.सोमवार की सुबह भिखनपुर पावर ग्रिड के बगल में एनएच 77 पर बने पुल से पानी पूरब की तेजी से बहने लगी. इससे भिखनपुर गांव का मिठनपुरा गांव के एनएच से संपर्क टूट गया. देर शाम तक एसकेएमसीएच में भी पानी आ गया.कैंसर अस्पताल के निर्माणाधीन चहारदीवारी के साथ मिक्चर मशीन व अन्य समान पानी में डूब गया है. रसुलपुर सालिम, सहवाजपुर, सलेमपुर, राघोपुर में भी बाढ़ का पानी गिरने लगा है. सहवाजपुर पंचायत के मुखिया नासरा बानो व पैक्स अध्यक्ष मनीष बसंत शाही, राजद नेता जयशंकर प्रसाद यादव, मो एनायत ने सहवाजपुर पंचायत को बाढ़ ग्रस्त घोषित करने की मांग की है.
posted by ashish jha