इस गांव में चारों तरफ दिखता है पानी ही पानी, दाने-दाने को मोहताज लोग
कोरोना व लॉकडाउन की मार झेल रहे मुरौल व सकरा के लोग अब बाढ़ की विभीषिका से त्रस्त है. खाने के लिए दाने-दाने को मोहताज हैं. सकरा प्रखंड का अधिकांश पंचायत बाढ़ की पानी से घिरा हुआ है.बाढ़ से सभी फसलें डूब गयी.
मुरौल : कोरोना व लॉकडाउन की मार झेल रहे मुरौल व सकरा के लोग अब बाढ़ की विभीषिका से त्रस्त है. खाने के लिए दाने-दाने को मोहताज हैं. सकरा प्रखंड का अधिकांश पंचायत बाढ़ की पानी से घिरा हुआ है.बाढ़ से सभी फसलें डूब गयी. सिराजाबाद पंचायत के रहीमपुर रक्सा व गनीपुर बेझा पंचायत के मेहसी व बसंतपुर गौस गांव टापू बना हुआ है.
क्षेत्रफल के हिसाब से तो यह गांव बड़ा है. मगर उत्तर पश्चिम में कदाने नदी से घिरा है. इस वक्त नदी का दोनों बांध आंखों से ओझल है, सिर्फ पानी ही पानी दिखाई देता है. सोनघाट मेहसी के निकट कदाने नदी का बांध रिसाव के बाद टूट चुका है. इसका पानी रहीमपुर रकसा, बसंतपुर गौस, गनीपुर बेझा आदि में फैला हुआ है.
ग्रामीण आसिफ अली, मोहम्मद हसीब, मोहम्मद अशफाक, मकसुद आलम, डाॅ ओजैर अंजर, पैक्स अध्यक्ष संतोष चौधरी, महेश पासवान बताते हैं कि वैशाली जिले के पातेपुर प्रखंड का सरहदी क्षेत्र होने के कारण इस गांव को हमेशा अधिकारी अनदेखी करते हैं. आज भी सरकारी स्तर कोई सुविधा नहीं मिली.
मुखिया सरिता कुमारी ने अंचलाधिकारी को आवेदन देकर पंचायत को बाढ़ग्रस्त घोषित करने व नाव उपलब्ध कराने की मांग की है. वहीं गनीपुर बेझा गांव के बाढ़ पीड़ित अकलू सहनी, सुरज महतो, दीना पासवान, जिला पासवान, नरेश साह आदि ने गनीपुर बेझा पंचायत को बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र घोषित कराने की मांग की है.
posted by ashish jha