बेतिया: हरनाटांड़ कोरोना महामारी का कहर अभी गया नहीं कि वीटीआर क्षेत्र के सीमावर्ती गांव नौरंगिया क्षेत्र में पिछले दो सप्ताह से नदी के जल स्तर में लगातार परिवर्तन होने से कटाव जारी है. इससे वीटीआर पर भी खतरा मंडराने लगा है. वहीं जंगल के समीप बसे लोगों के साथ साथ वन्यजीवों के लिए भी चिंता का विषय बन गया है.
नौरंगिया थाना क्षेत्र के मिश्रौलिया और कोतरहा मौजा अंतर्गत 400 एकड़ फसल लगी जमीन गंडक नदी में विलीन हो गयी है. वहीं 20 घर भी नदी के कटाव में बह गये हैं. किसानों की माने तो 200 एकड़ गन्ना और 150 एकड़ धान की फसल नदी के कटाव में बह गयी है. वहीं अभी भी तेज गति से कटाव जारी है. किसान सीताराम मांझी, कन्हैया बिंद, गोपाल गोंड़, बिग्गु चौधरी, नागा साह, शंभु भर आदि ने बताया कि अगर इसी तरह कटाव होता रहा तो आने वाले समय में वन संपदा को भी काफी नुकसान होगा. वहीं वन्यजीवों के निवास स्थल को भी क्षति पहुंचेगा.
प्रखंड बगहा दो अंतर्गत नौरंगिया दरदरी पंचायत के मिश्रौलिया कोतरहा मौजा में सैकड़ों एकड़ फसल सहित खेत को गंडक नदी ने काट लिया है. जैसे-जैसे गंडक नदी का जलस्तर कम हो रहा है. वैसे वैसे गंडक नदी का कटाव क्षेत्र बढ़ते जा रहा है. वहीं स्थानीय पुरुषों द्वारा गंडक नदी के तट पर जाकर पूजा-पाठ और आरती किया जा रहा है. ताकि गंडक नदी के कटाव से बच सकें.
जदयू अति पिछड़ा वर्ग के बगहा जिलाध्यक्ष चंद्रशेखर बिंद ने बताया कि उन्होंने कटावस्थल का निरीक्षण किया है. उन्होंने पाया कि किसानों को काफी नुकसान हुआ है. इसको लेकर किसान काफी दुखी है. वहीं कटाव के रौद्र रुप को देखते हुए एसडीएम को सूचना दी गयी है. लेकिन अभी तक कोई भी सरकारी कर्मी इसकी सुधि लेने नहीं पहुंचा है.
इस संबंध में नौरंगिया पंचायत के मुखिया बिहारी महतो से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि सैकड़ों एकड़ खेती योग्य भूमि गंडक नदी के कटाव में विलीन हो चुका है. उक्त भूमि में किसान अपनी मेहनत से फसल लगाये हुए थे. लेकिन फसल लगी भूमि गंडक नदी में विलीन हो चुके हैं. उन्होंने बताया कि इस संबंध में वरीय अधिकारियों को सूचना भेजी जा रही हैं.
इधर, सेमरा के चिउटाहा थाना क्षेत्र के बरिअरवा गांव निवासी शहजान मियां के 10 वर्षीय पुत्र समीर आलम का शव गुरुवार को दोन नहर में तैरता मिला. चिउटाहा में बेली बेलवा चौक के पास नहर में तैर रहे इस बच्चे के शव को देखकर राहगीरों ने शोर मचाया. वहां जुटे लोगों ने शव को निकाला. इसकी सूचना मिलते ही उसके परिजन भी वहां पहुंच आये, जो बीते तीन दिन से उसे खोज-खोजकर बेहाल थे. मृतक के पिता शहजान मियां ने उसकी पहचान करने के बाद बिलखते हुए बताया कि तीन दिन पहले मछली मारने के लिए समीर घर से बाहर निकला था. जब वह देर शाम तक घर वापस नहीं लौटा, तो परिवार के सदस्य उसकी खोजबीन में जुटे थे. नहर में डूबने से उसकी मौत हो जाने की खबर मिलते ही परिजनों की चित्कार से माहौल कारुणिक हो चला.
posted by ashish jha