Bihar Land Registry: मुजफ्फरपुर में तीन दिनों के बाद आज खुलेगा ऑफिस, 500 से अधिक होंगे रजिस्ट्री कराने वालों की संख्या
Bihar Land Registry: 500 के आसपास बुक स्लॉट के एक भी जमीन दस्तावेज की रजिस्ट्री नहीं हुई. रजिस्ट्री ऑफिस में उमड़ने वाली भीड़ को कंट्रोल कर पाना प्रशासन के लिए मुश्किल हो रहा है.
Bihar Land Registry: मुजफ्फरपुर. जमीन सर्वे के बीच 24 सितंबर से रजिस्ट्री के नियम में बदलाव की संभावना को देखते हुए जमीन की खरीद-बिक्री की संख्या में अचानक वृद्धि हो गयी है. जैसे-जैसे 24 सितंबर की तिथि नजदीक आ रही है. इसके अनुसार, भीड़ बढ़ती जा रही है. इससे रजिस्ट्री ऑफिस में उमड़ने वाली भीड़ को कंट्रोल कर पाना प्रशासन के लिए मुश्किल हो रहा है. रजिस्ट्री के साथ-साथ पुराने रिकॉर्ड की तलाश के लिए भी बड़ी संख्या में लोग रोजाना रजिस्ट्री ऑफिस पहुंच रहे हैं. शनिवार को लिंक के काम नहीं करने के कारण एक भी जमीन दस्तावेजों की रजिस्ट्री नहीं हुई. जबकि, लगभग 500 लोगों ने ऑनलाइन तरीके से स्लॉट बुक करा अप्वाइंटमेंट ले चुके हैं. ऐसे में मंगलवार को रजिस्ट्री ऑफिस खुलने पर भीड़ के दो गुना होने की आशंका जतायी जा रही है. मुजफ्फरपुर रजिस्ट्री कार्यालय में पहले से 234 लोगों ने स्लॉट मंगलवार की रजिस्ट्री के लिए कराये हुए है. इतने ही लोग पहले से वेटिंग में है. ऐसे में मंगलवार को होने वाली दोगुना भीड़ को कंट्रोल कर पाना बड़ी मुश्किल होगा. रजिस्ट्री ऑफिस के अनुसार, इस सप्ताह में रजिस्ट्री के लिए स्लॉट बुक हाे चुका है. अगले सप्ताह के लिए ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट मिलेगा
सुप्रीम कोर्ट के फैसला पर टिकी है निगाहें
24 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में अंतिम सुनवाई के बाद फैसला आना है, जिस पर सभी की निगाहें टिकी हुई है. दरअसल, सरकार के नियम को सही करार देते हुए हाईकोर्ट ने कहा था कि जिसके नाम जमीन की जमाबंदी होगी. वहीं, व्यक्ति अपनी संपत्ति की बिक्री कर सकता है. यानी, माता-पिता के नाम जमाबंदी वाले जमीन की बिक्री पुत्र या पुत्री को भी करने का अधिकार नहीं है. इसके खिलाफ कुछ लाेग सुप्रीम कोर्ट चले गये थे. कोर्ट ने तत्काल हाईकोर्ट के फैसला पर रोक लगाते हुए पूर्व की तरह से ही जमीन रजिस्ट्री का आदेश दिया था. साथ ही 24 सितंबर को अंतिम सुनवाई की तिथि तय कर दिया गया था.
जमीन सर्वे के लिये घर आने वालों की ट्रेनों में बढ़ी भीड़, नौकरी की भी चिंता
गांवों में भूमि सर्वेक्षण का काम चल रहा है. सभी लोग अपने-अपने जमीन का सर्वे करवाने को लेकर काफी परेशान नजर आ रहे हैं. दूसरी ओर ट्रेनों में घर आने वाले अप्रवासी बिहार के लोगों की तादाद सबसे ज्यादा देखी जा रही है. अप्रवासी लोगों को डर है कि कहीं सर्वे के काम को छोड़ देते हैं, तो पैतृक जमीन को खोने का खतरा है. दूसरी ओर समय पर नौकरी ज्वाइन नहीं करने पर सर्विस खतरे में पड़ता दिख रहा है. दिल्ली से आने वाली सप्तक्रांति, वैशाली, स्वतंत्रता सेनानी, लिच्छवी, चंपारण हमसफर, सद्भावना एक्सप्रेस, बिहार संपर्क क्रांति सहित स्पेशल ट्रेन में टिकट वेटिंग की स्थिति में है, जबकि फिलहाल कोई पर्व या त्यौहार निकट नहीं है. सोमवार को वैशाली एक्सप्रेस से मुजफ्फरपुर जंक्शन पर उतरे राम जीवन कुमार, शिवेश कुमार, अखिलेश सिंह ने बताया कि वे दिल्ली में प्राइवेट जॉब करते है, और जमीन के सर्वेक्षण के काम के लिये आये है. सभी का घर सरैया है. बता दें कि बाहर आने वाले लोग कागज ढूंढने में लगे हुए है.