Bihar Land Registry: मुजफ्फरपुर जिला रजिस्ट्री कार्यालय में जमीन की रजिस्ट्री प्रक्रिया अब पूरी तरह बदलने जा रही है. 17 दिसंबर से ई-निबंधन सॉफ्टवेयर के जरिए जमीन की खरीद-बिक्री की प्रक्रिया शुरू होगी. इसके तहत रजिस्ट्री से पहले विक्रेता और खरीदार को ऑनलाइन आवेदन करना होगा. इस प्रक्रिया में आधार और बायोमेट्रिक सत्यापन अनिवार्य किया गया है. बिना सत्यापन के सॉफ्टवेयर रजिस्ट्री की प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ने देगा. यह कदम रजिस्ट्री में होने वाले फर्जीवाड़े पर रोक लगाने के लिए उठाया गया है.
17 दिसंबर से नए सॉफ्टवेयर के जरिए रजिस्ट्री प्रक्रिया शुरू
ई-निबंधन की शुरुआत से पहले 14 और 16 दिसंबर को जिला रजिस्ट्री कार्यालय में रजिस्ट्री का कार्य पूरी तरह बंद रहेगा. प्रशासन ने 17 दिसंबर से नए सॉफ्टवेयर के जरिए रजिस्ट्री प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी कर ली है. शुरुआती दिनों में एक दिन में अधिकतम 60 रजिस्ट्री की सीमा तय की गई है. समय के साथ प्रक्रिया में सुधार और गति लाने की योजना है.
पटना से अप्वाइंटमेंट बुक कराना होगा, तभी रजिस्ट्री हो सकेगी
ई-निबंधन प्रक्रिया में अब डीड राइटर (कातिब) द्वारा दस्तावेज तैयार करने और ऑफिस में जमा कराने की पुरानी प्रक्रिया खत्म हो जाएगी. जमीन से संबंधित सभी विवरण अब लोग खुद घर बैठे या साइबर कैफे से सॉफ्टवेयर में भर सकते हैं. इसके बाद पटना से अप्वाइंटमेंट बुक कराना होगा, तभी रजिस्ट्री हो सकेगी. इस बदलाव के चलते ऑफिस कर्मचारियों की सीधी भूमिका खत्म हो जाएगी, जिससे भ्रष्टाचार और सिफारिश की संभावना पर रोक लगाई जा सकेगी.
रजिस्ट्री ऑफिस में शुक्रवार को भारी भीड़
नई प्रक्रिया के चलते रजिस्ट्री ऑफिस में शुक्रवार को भारी भीड़ देखने को मिली. करीब 300 से अधिक दस्तावेजों की रजिस्ट्री की गई, जिससे सुबह से शाम तक अफरातफरी का माहौल बना रहा. प्रशासन का मानना है कि ई-निबंधन सॉफ्टवेयर की शुरुआत से यह समस्या समाप्त हो जाएगी और रजिस्ट्री प्रक्रिया पारदर्शी, सुरक्षित और सरल हो जाएगी.
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ई-निबंधन की शुरुआत कटरा रजिस्ट्री कार्यालय में 9 सितंबर को हुई
इससे पहले ई-निबंधन की शुरुआत कटरा रजिस्ट्री कार्यालय में 9 सितंबर को हुई थी. वहां पहले ही दिन 48 दस्तावेजों की रजिस्ट्री कर बिहार में रिकॉर्ड बनाया गया था. अब मुजफ्फरपुर में इस सॉफ्टवेयर के लागू होने से लोगों को फर्जीवाड़े और लंबी लाइनों से राहत मिलेगी.