School Reopen : बिहार में स्कूल खोलने से पहले शिक्षा विभाग ने बड़ा ऐलान किया है. शिक्षा विभाग ने लाभुक योजनाओं में विद्यार्थियों की 75 फीसदी हाजिरी की अनिवार्यता को इस बार के लिए हटाने का मन बनाया है. सरकारी स्कूलों में नामांकित सभी बच्चों को विभिन्न लाभुक योजनाओं की राशि मिलने का रास्ता साफ हो गया है. ऐसे में पहली से आठवीं तक में नामांकित करीब 6.50 लाख छात्र-छात्राओं को पोशाक व अन्य मद की अनुदान राशि का डीबीटी के माध्यम से भुगतान की कवायद तेज हो गयी है.
साथ ही नौवीं के सभी विद्यार्थियों को साइकिल के पैसे, जबकि नौवीं से 12वीं की सभी छात्राओं को पोशाक राशि मिलेगी. जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय सूत्रों ने बताया कि कोरोना के कारण राज्य के सभी स्कूल 14 मार्च से बंद हैं. इससे पिछले साल की वार्षिक मूल्यांकन परीक्षा भी नहीं हुई और बच्चे बिना परीक्षा ही अगली कक्षा में प्रमोट कर दिये गये हैं. 28 सितंबर से नौवीं से 12वीं की परामर्श कक्षाएं भी 33 फीसदी उपस्थिति के साथ आरंभ हुई तो उसमें भी अनुपस्थिति की अनिवार्यता नहीं है.
ऐसे में इस साल लाभुक योजनाओं के लिए हाजिरी को आधार बनाया ही नहीं जा सकता है. शिक्षा विभाग ने नामांकन के आधार पर लाभुक योजनाओं की राशि बच्चों के खाते में भेजने की अनुमति के लिए प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजा है. वित्त की मंजूरी के बाद इसे राज्य मंत्रिमंडल की स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा. जिला शिक्षा पदाधिकारी विनोद कुमार विमल ने भी इसकी पुष्टि की. बताया कि सरकार में शीर्षस्तर पर इसको मंजूरी देने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. इसके बाद छात्र-छात्राओं के खाते में राशि भेजने की शुरुआत विभाग स्तर पर शुरू कर दी जायेगी.
मेधा सॉफ्ट पर 15 तक में नामांकित बच्चों की सूचना अपलोड करने की समय सीमा तय- शैक्षिक सत्र के 09 माह बीतने बाद भी लाभुक योजनाओं की अनुदान राशि का भुगतान लटकने की खबरों के मीडिया की सुर्खी बनने के बाद विभाग के स्तर पर इसकी कवायद तेज होने के साथ इस दिशा में विभाग की सक्रियता बढ़ी है.
Posted By : Avinish Kumar Mishra