बिहार: मुजफ्फरपुर का मोतीझील-कल्याणी बनेगा स्ट्रीट फूड हब, शाम में रहेगा नो व्हीकल जोन

मुजफ्फरपुर के मोतीझील ब्रिज से कल्याणी चौक के बीच के हिस्से को स्ट्रीट फूड हब बनानया जायेगा. इसकी शुरुआत होने पर मोतीझील ब्रिज के गोलंबर व कल्याणी चौक के बीच गाड़ियों की आवाजाही पूरी तरह बंद कर दी जायेगी.

By RajeshKumar Ojha | April 4, 2024 1:06 PM

देवेश कुमार, मुजफ्फरपुर

बिहार. स्मार्ट सिटी का आकार ले रहे मुजफ्फरपुर शहर के मोतीझील-कल्याणी चौक के बीच जल्द ही राष्ट्रीय स्तर का ”स्ट्रीट फूड हब” बनेगा. स्वच्छ और स्वास्थ्यवर्धक भोजन परोसने के उद्देश्य से केंद्र सरकार से शुरू की गयी मॉडर्नाइजेशन ऑफ 100 फूड स्ट्रीट्स योजना को अब मुजफ्फरपुर में भी उतारने की कवायद तेज हो गयी है.

सरकार से मिले गाइडलाइन के बाद नगर निगम ने महामंथन के बाद इसके लिए कल्याणी-मोतीझील के बीच के हिस्से का चयन किया है, जहां शाम में पांच-छह घंटे के लिए गाड़ियों की आवाजाही बंद कर (नो व्हीकल जोन) घोषित करते हुए ब्रिज से लेकर कल्याणी चौक तक सड़क पर बीचो-बीच स्ट्रीट फूड का काउंटर खोला जायेगा, जहां शहरवासी तरह-तरह के पारंपरिक व मनचाहे जायका का लुफ्त उठा सकेंगे. इस बीच सड़क व दुकान के सामने कहीं कोई बाइक व साइकिल तक की पार्किंग नहीं होगी.

बताया जाता है कि लोकसभा चुनाव के बाद आवश्यक प्रशासनिक कार्रवाई को नगर निगम पूर्ण करेगा. योजना की शुरुआत जुलाई 2023 में शुरू हुई. राज्य स्तर पर एक मॉनिटरिंग कमेटी बनायी गयी है, जिसमें बतौर सदस्य नगर आयुक्त को भी शामिल किया गया है. बता दें कि सरकार से इसके लिए स्पेशल फंड भी मिलना है.


स्वास्थ्य मंत्रालय की होगी मॉनिटरिंग
स्वच्छ और स्वास्थ्यवर्धक भोजन प्रदान करने के उद्देश्य से देश के 100 जिलों में 100 फूड स्ट्रीट यानी पारंपरिक खानपान की गलियां विकसित करने की योजना है. इसके लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स मंत्रालय के सहयोग से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से अनुरोध किया है.


साफ-सुथरा स्ट्रीट फूड हब बनेगा
अहमदाबाद में 15वीं सदी की कांकरिया झील का किनारा 2018 में देश में पहला ”क्लीन स्ट्रीट फूड हब” बना है, जिसे भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने प्रमाणित किया है. इस पूरे क्षेत्र में करीब 60 वेंडर हैं, जो सालाना करीब 1.2 करोड़ लोगों को बेहद साफ-सुथरे तरीके से पाव भाजी, समोसा, ढोकला, पानी पुरी, भेल पुरी, दाबेली, खिचू, आइसक्रीम, कॉफी आदि व्यंजन परोसते हैं.

ये आते हैं स्ट्रीट फूड में
भुट्टा, जूस, मोमोज, इडली-सांभर, बड़ा-सांभर, डोसा, अनरसा, झालमुड़ी, मूंगफली, मैगी, आइसक्रीम, नूडल्स, चाऊमीन, बगैर, बिरयानी, रेवाड़ी, कचौड़ी, पूरी-सब्जी, जलेबी, कॉफी, चाय, लस्सी, रबड़ी, इमरती, चिप्स के अलावा आलू चाट, चाट-पकौड़े, समोसा, आलू टिक्की, गोलगप्पा सहित दर्जनों स्ट्रीट फूड ऐसे हैं, जिनका नाम लेते ही मुंह में पानी आ जाता है. इन स्ट्रीट फूड का स्वाद ऐसा कि बार-बार खाने के बाद इससे मन नहीं भरता है.

पर्यटकाें को हाइजीनिक खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराना मकसद

स्ट्रीट फूड हब विकसित करने का मकसद स्ट्रीट फूड वेंडर, ढाबा संचालक, खाद्य पदार्थ सामग्री के विक्रेता के कारोबार को बढ़ाने और स्थानीय लोगों के साथ पर्यटकों को हाइजीनिक खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराना है. चिह्नित स्ट्रीट फूड हब में अपना काउंटर लगाने के लिए नगर निगम से रजिस्ट्रेशन कराना होगा.


मोतीझील ब्रिज से कल्याणी चौक के बीच के हिस्से को स्ट्रीट फूड हब बनाने पर मंथन चल रहा है. जब इसकी शुरुआत होगी. तब मोतीझील ब्रिज के गोलंबर व कल्याणी चौक के बीच गाड़ियों की आवाजाही पूरी तरह बंद रहेगी. इस बीच के हिस्से को नो व्हीकल जोन घोषित किया जायेगा. बीते जुलाई महीने से ही योजना पर काम चल रहा है. नवीन कुमार, नगर आयुक्त

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