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Bihar News: बिहार के विकास में आएगी रफ्तार, सरकार ने डीएम और कमिश्नर को दिए खास अधिकार

Bihar News: राज्य के नगर निकाय यानी शहरों का विकास अब मुख्यमंत्री समग्र शहरी विकास योजना के अंतर्गत किये जायेंगे. कैबिनेट से मिली मंजूरी के बाद नगर विकास एवं आवास विभाग की तरफ से संकल्प जारी कर दिया गया है. इसमें कई बदलाव किये गये हैं, जो तीव्र गति से शहर के विकास के लिए कारगर साबित होगा.

By Anshuman Parashar | September 14, 2024 10:41 PM

Bihar News: राज्य के नगर निकाय यानी शहरों का विकास अब मुख्यमंत्री समग्र शहरी विकास योजना के अंतर्गत किये जायेंगे. कैबिनेट से मिली मंजूरी के बाद नगर विकास एवं आवास विभाग की तरफ से संकल्प जारी कर दिया गया है. इसमें कई बदलाव किये गये हैं, जो तीव्र गति से शहर के विकास के लिए कारगर साबित होगा. नयी व्यवस्था के तहत अब एक करोड़ रुपये तक की योजना की प्रशासनिक स्वीकृति संबंधित जिला के डीएम देंगे.

ढाई करोड़ रुपये तक की योजनाओं की स्वीकृति

वहीं एक से ढाई करोड़ रुपये तक की योजनाओं की स्वीकृति संबंधित प्रमंडल के आयुक्त से स्तर से मिल जायेगी. अब तक बड़ी योजनाओं की प्रशासनिक स्वीकृति विभाग से मिल रही थी. संकल्प के अनुसार, मुख्यमंत्री समग्र शहरी विकास योजना के अंतर्गत योजनाओं की प्राथमिकता के निर्धारण के लिए एक राज्य स्तरीय संचालन समिति का भी गठन किया गया है.

कमेटी के अध्यक्ष संबंधित जिला के प्रभारी मंत्री होंगे. स्थानीय विधायक (सिर्फ संबंधित शहरी क्षेत्र), संबंधित जिला के सभी विधान पार्षद, एसपी नगर निकाय के कार्यपालक पदाधिकारी व बुडको के कार्यपालक अभियंता सदस्य होंगे. वहीं, सदस्य सचिव जिला पदाधिकारी होंगे.

डीएम व कमिश्नर को मिला है अधिकार

पूरे राज्य में अभी 261 नगर निकायों की संख्या हो गयी है. सभी नगर निकायों से चयनित योजनाओं की प्रशासनिक स्वीकृति विभागीय स्तर पर देना मुश्किल है. इसलिए, विभाग ने यह फैसला लिया है कि चयनित योजनाओं की तकनीकी स्वीकृति मिलने के बाद प्रशासनिक स्वीकृति संबंधित जिला के डीएम व प्रमंडल के आयुक्त ही देंगे. इसके लिए एक व ढाई करोड़ रुपये तक की राशि तय कर दी गयी है.

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इन कार्यों से संबंधित योजनाओं की मिली स्वीकृति

शहरी क्षेत्र में जल निकासी सहित चौड़ी सड़क, पार्क का निर्माण व जीर्णोद्धार, गुणवत्ता युक्त सड़कों के निर्माण आदि कार्य होंगे. हालांकि, योजनाओं का कार्य बुडको से होना है. अब तक बुडको की जो कार्य प्रणाली रही. इसके अनुसार, योजनाओं को धरातल पर उतारने में कठिनाई हो सकती है.

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