Bihar News: BRABU ने रिसर्च एंड इनोवेशन की दिशा में पहल की है. विश्वविद्यालय ने इंक्यूवेशन सेंटर में अपना प्रोडक्ट तैयार करने और विश्वविद्यालय के विभागों में ही उसे ट्रायल के तौर पर उपयोग करने की योजना बनायी है. ट्रायल सफल होने पर उस प्रोडक्ट को बाजार में भी उतारा जाएगा. इससे न सिर्फ विश्वविद्यालय को कम खर्च में अपने से तैयार किया प्रोडक्ट मिलेगा. बल्कि बाजार में प्रोडक्ट के उतरने पर उससे आमद भी होगी. छात्र-छात्राओं को इस दौरान इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग भी दी जाएगी. स्टार्टअप और स्वरोजगार को बढ़ावा देने में यह इंक्यूवेशन सेंटर अहम भूमिका निभाएगा.
पीजी रसायनशास्त्र विभाग में इंक्यूवेशन सेंटर की शुरुआत
विश्वविद्यालय के पीजी रसायनशास्त्र विभाग में इंक्यूवेशन सेंटर की शुरुआत की जाएगी. यहां सबसे पहले फ्लोर क्लीनर तैयार किया जाएगा. विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों और प्रशासनिक भवन में इस प्रोडक्ट का उपयोग कर उसकी गुणवत्ता देखी जाएगी. साथ ही यहां से प्रयोग सफल होने पर अधिक मात्रा में इसका उत्पादन कर बाजार में उतारा जाएगा.
विद्यार्थियों को इंडस्ट्रियल प्रशिक्षण के लिए बाहर नहीं जाना
विश्वविद्यालय में इस प्रकार की पहल का लाभ नैक मूल्यांकन में भी मिलेगा. एक तो विद्यार्थियों को इंडस्ट्रियल प्रशिक्षण के लिए बाहर नहीं जाना होगा. वहीं यहां उत्पादन अधिक मात्रा में शुरू होने की स्थिति में रोजगार के भी अवसर मिलेंगे. विश्वविद्यालय की ओर से गठित इंक्यूवेशन सेल अन्य उत्पादों की भी सूची तैयार कर रहा है जिसका शुरुआत में कम लागत में उत्पादन की उसकी गुणवत्ता जांची जाएगी. प्रयोग सफल हाेने पर उसे भी बाजार में उतारा जाएगा.
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एमओयू वाले संस्थानों से भी मिलेगा सहयोग
इंक्यूवेशन सेंटर को स्थापित करने में बीआरए बिहार विश्वविद्यालय अन्य संस्थानों से भी मदद लेगा. इसको लेकर जिन विश्वविद्यालयों के साथ बीआरएबीयू का करार हुआ है. उनमें जिन संस्थानों में यह प्रयोग पहले हुआ होगा. वहां के विशेषज्ञों की मदद भी ली जाएगी. विश्वविद्यालय के इंक्यूवेशन सेल ने इसको लेकर कार्ययोजना तैयार की है.