Bihar News : हो जाएं सावधान! आपके पैन से लोन फ्रॉड, इस जिले में साइबर गिरोह का भंडाफोड़, दो गिरफ्तार
Bihar News: साइबर अपराध के बढ़ते ट्रेंड के बीच शातिर अपराधियों ने पैन और आधार कार्ड नंबर बदलकर फर्जीवाड़ा करने का नया तरीका अपनाया है. ये अपराधी उन लोगों का पैन नंबर प्राप्त करते हैं जिनका नाम उनके नाम से मेल खाता हो, और फिर उसे अपने पैन पर दर्ज कर लेते हैं.
Bihar News: साइबर अपराध के बढ़ते ट्रेंड के बीच शातिर अपराधियों ने पैन और आधार कार्ड नंबर बदलकर फर्जीवाड़ा करने का नया तरीका अपनाया है. ये अपराधी उन लोगों का पैन नंबर प्राप्त करते हैं जिनका नाम उनके नाम से मेल खाता हो, और फिर उसे अपने पैन पर दर्ज कर लेते हैं. इसके बाद, स्थानीय पते का इस्तेमाल करके आधार कार्ड बनवाया जाता है. बिहार के मुजफ्फरपुर और दरभंगा में साइबर अपराधियों ने कई घटनाओं को अंजाम दिया है.
अपराधी बजाज फाइनेंस और अन्य कंपनियों से ईएमआई(EMI) पर महंगे प्रोडक्ट्स जैसे एसी(AC) और मोबाइल खरीदते हैं और फिर उन्हें बेच देते हैं. मुजफ्फरपुर और दरभंगा में इन अपराधियों ने बजाज फाइनेंस से 6 लाख 6 हजार 7 सौ रुपये का लोन लेकर 5 एसी और 4 मोबाइल खरीदे. लोन की राशि चुकता नहीं करने पर, बजाज फाइनेंस ने शनिवार को साइबर थाने में प्राथमिकी दर्ज करवाई है. ऐसे मामलों में सावधान रहें, क्योंकि आपके पैन और आधार का गलत इस्तेमाल किया जा सकता है.
दो शातिर साइबर अपराधी गिरफ्तार
इसके बाद साइबर थाने की पुलिस ने विशेष टीम गठित कर दो शातिर साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है. रविवार को SDPO नगर एक सीमा देवी ने प्रेस वार्ता कर यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इस मामले में मुजफ्फरपुर के कथैया थाना क्षेत्र के दिस्तौलिया परसौनी निवासी प्रदीप कुमार और सिकंदरपुर निवासी आदित्य कुमार को गिरफ्तार किया गया है. इनके पास से फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड बरामद किया गया है. दोनों को न्यायिक हिरासत में भेजा जा रहा है. वहीं इन्होंने पूछताछ के दौरान कई और शातिर साइबर अपराधियाें के बारे में पुलिस को जानकारी दी है. उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है.
दिल्ली और हरियाणा के लोगों के पैन-आधार नंबर बदलकर किया था फर्जीवाड़ा
ये साइबर अपराधी इतने शातिर हैं कि अपने ही नाम के दूसरे व्यक्ति का पैन नंबर किसी तरह प्राप्त कर लेते हैं. उससे पैन नंबर और जन्मतिथि कॉपी कर दूसरा पैन तैयार कर देते हैं. उसके बेस पर किसी आधार सेंटर से सांठ-गांठ कर आधार कार्ड तैयार कर लेते हैं. इसपर पता अलग-अलग होता है.
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इन दस्तावेजों की मदद से ये बजाज फाइनेंस समेत अन्य लोन पर प्रोडक्ट देने वाली कंपनियों से एसी और मोबाइल जैसे मंहगे प्रोडक्ट की खरीदारी करते हैं. बाद में उस प्रोडक्ट को दूसरों के हाथों बेच देते हैं. इएमआइ चुकता नहीं करने पर लोन देने वाली कंपनी संबंधित व्यक्ति के सिविल स्कोर पर असर डालती है. जब बजाज फाइनेंस ने सिविल पर असर डाला तो हरियाणा और नई दिल्ली के रहने वाले दो लोगों ने बिना लोन लिए ही सिविल स्कोर खराब करने की शिकायत करा दी. इसके बाद लोन देने वाली कंपनी ने खेल को समझा. साथ ही साइबर थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी.