Bihar News: मुजफ्फरपुर में रंग-बिरंगे झालर, रोशनी से नहाया हुआ शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा और गेंदा की माला से सजा खुदीराम बोस का सेल. लोगों की नम आंखें और हर चेहरे पर देशभक्ति की ओज. यह दृश्य 11 अगस्त की अहले सुबह 4.20 बजे शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा का था. चारों तरफ धीमी आवाज में गूंजते गीत एक बार विदाई दे मां घूरे आसो… ऐसा लग रहा था मानो खुदीराम बोस की शहादत के कुछ ही दिन बीते हों. शहीद की शहादत दिवस पर लोगों की जुबां तो खामोश थी, लेकिन आंखें संवाद कर रही थी. सबसे पहले शहीद के सेल पर जाकर लोगों ने श्रद्धांजलि दी. सेल को दीपों और गेंदा की माला से सजाया गया था. सेल के अंदर शहीद की तस्वीर रखी थी, यहां हवन किया जा रहा था.
शहादत दिवस पर विभिन्न संगठन से 110 लोग शामिल हुए
लोग एक-एक कर लोग फूल चढ़ा कर नमन कर रहे थे. इसके बाद शहीद के फांसी स्थल पर जाकर लोगों ने शहीद के चित्र पर माल्यार्पण किया. इस मौके पर प्रशाासनिक अधिकारियों सहित काफी संख्या में समाजसेवियों ने खुदीराम बोस को श्रद्धांजलि दी. इस मौके पर तिरहुत रेंज के आइजी शिवदीप लांडे, एसएसपी राकेश कुमार, नगर आयुक्त नवीन कुमार, सिटी एसपी अवधेश दीक्षित, एसडीओ पूर्वी अमित कुमार, जेल अधीक्षक बृजेश सिंह मेहता, निगम पार्षद केपी पप्पू सहित खुदीराम बोस कि जन्मभूमि से आए लोगों ने श्रद्धा सुमन अर्पित किया. यहां 110 लोग विभिन्न संगठन के शामिल हुए. इसके बाद कंपनीबाग स्थित शहीद खुदीराम बोस और प्रफुल्ल चाकी की प्रतिमा स्थल पर भी जिला प्रशासन ने श्रद्धांजलि दी. अधिकारियों ने दोनों शहीदों को नमन किया.
केंद्रीय कारा में खुदीराम बोस के नाम पर बनेगा म्यूजियम
श्रद्धांजलि के बाद तिरहुत प्रमंडल के आयुक्त गोपाल मीणा ने कहा कि केंद्रीय कारा में अमर बलिदानी खुदीराम बोस के नाम पर म्यूजियम बनाया जाएगा और फांसी स्थल को विकसित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सबसे कम उम्र में बलिदान देने वाले खुदीराम बोस के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता. उन्होंने कहा कि जेल मैनुअल में जेल के अंदर जाकर आम आदमी को शहीद के सेल और फांसी स्थल को दर्शन पूजन की व्यवस्था नहीं है, लेकिन आने वाले दिनों में यह पहल होगी कि अमर शहीद खुदीराम बोस से जुड़े फांसी स्थल और सेल का दर्शन आम आदमी भी कर सके. डीएम सुब्रत कुमार सेन ने कहा कि युवा पीढ़ी को अमर बलिदानी खुदीराम बोस के जीवन से प्रेरणा मिलती है. देश की गौरवशाली परंपरा को याद कर हम समाज और राष्ट के निर्माण में अपनी भागीदारी निभा सकते हैं. उन्होंने अमर बलिदानी खुदीराम बोस के गांव से आए लोगों का अभिनंदन किया. साथ ही शहीद खुदीराम की चिता भूमि पर भी जाकर श्रद्धांजलि दी.
11 अगस्त 1908 को खुदीराम बोस को हुई थी फांसी
खुदीराम बोस केंद्रीय कारा में 11 अगस्त, 1908 को खुदीराम बोस को फांसी दी गयी थी. खुदीराम बोस पं. बंगाल के मिदनापुर के रहने वाले थे. जज किंग्सफोर्ड को मारने के लिए उन्होंने मुजफ्फरपुर के कंपनीबाग में 30 अप्रैल, 1908 को बम फेंका था. दुर्भाग्य से जिस बग्धी पर बम फेंका गया था, उस पर दो यूरोपियन महिला सवार थी. दोनों बम से मारी गयी. इसके बाद खुदीराम बोस गिरफ्तार किये गये. उन पर मुकदमा चला और उन्हें जेल में फांसी दे दी गयी. उस समय बिहार बंगाल प्रेसीडेंसी का हिस्सा था.
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पं.बंगाल से आए लोगों ने अर्पित की माटी
खुदीराम बोस की अंतिम इच्छा को पूरा करने के लिए पं.बंगाल के सिलदा से लोगों की टोली आयी थी. इसका नेतृत्व अमर शहीद खुदीराम बोस स्मृति विद्यालय के संस्थापक प्रकाश हलधर कर रहे थे. उन्होंने खुदीराम बोस के फांसी स्थल पर माटी अर्पित किया. प्रकाश ने कहा कि वह खुदीराम बोस के गांव की मिट्टी व सिद्धेश्वरी काली माता मंदिर का प्रसाद लेकर आए हैं. इसके साथ एक पौधा भी लाये हैं, जिसे कारा प्रशासन को दिया है. उनके साथ उषा हलधर, प्रीति लता हलधर, अनिरूद्ध हलधर, देवेश हलधर, मामूनी दत्ता घोष, एंजल घोष व संतोष गताइत शामिल थे. हलधर ने बताया कि वह 1995 से यहां हर साल आकर शहीद को श्रद्धांजलि देते हैं. उन्होंने सिद्धेश्वरी काली माता का प्रसाद और गांव की माटी को उनकेचिता भूमि पर भी अर्पित किया.
बंदियों ने तैयार की थी माला, दी श्रद्धांजलि
शहीद खुदीराम बोस केनद्रीय कारा के अधीक्षक बृजेश सिंह मेहता ने कहा कि कारा परिसर में फांसी स्थल व विशेष सेल है. दोनों स्थल का रंग रोगन कराया गया. माला बंदियों ने तैयार की है. अमर बलिदानी को सलामी दी गई. केंद्रीय कारा में अमर बलिदानी से जुड़े कागजात, तस्वीर को सुरक्षित रखा गया है. इधर बिहार बंगाली समाज के सचिव देवाशीष गुहा ने बताया कि समिति अध्यक्ष प्रो.दुर्गापत दास, जोनल सचिवि अमरनाथ चटर्जी, संयुक्त सचिव अर्पणा, चंदन राय ने भी श्रद्धांजलि दी.
खुदीराम बोस से जुड़े स्थल को पर्यटक स्थल करने की मांग
पं.बंगाल से आाये शहीद खुदीराम बोस स्मृति विद्यालय के संस्थापक प्रकाश हलधर सहित अन्य लोगों ने डीएम को हस्ताक्षरित ज्ञापन सौंपा, जिसमें मुजफ्फरपुर में खुदीराम बोस से जुड़े स्थल का पर्यटन स्थल घोषित करने की मांग रखी. ज्ञापन में खुदीराम बोस कॉरिडोर बनाने, मिदनापुर से मुजफ्फरपुर के बीच में सीधी ट्रेन सेवा चालू करने, बिहार, शहीद की चिता स्थल पर पुस्तकालय व संग्रहालय का निर्माण करने, मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन का नाम अमर शहीद खुदीराम बोस के नाम पर करने, केंद्रीय कारा और प्रशासन द्वारा बलिदान दिवस पर एक स्मारिका का प्रकाशन करने की मांग रखी.