मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड में सजायाफ्ता रामानुज ठाकुर उर्फ मामू (70 वर्ष) की दिल्ली की तिहाड़ जेल में मौत हो गयी. वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे. तीन दिसंबर को उनकी मौत हो गयी. दिल्ली के तिहाड़ जेल के महानिदेशक संजय गोयल ने इसकी पुष्टि की है. पोस्टमार्टम के बाद जेल प्रशासन ने उसका शव परिजनों के हवाले कर दिया. जेल प्रशासन ने कोराना या उससे संबंधित किसी लक्षण से मौत होने से इनकार किया है.
वह 23 फरवरी 2019 से तिहाड़ जेल में बंद थे . रामानुज पर बालिकागृह की बच्चियाें के साथ दुष्कर्म करने समेत कई गंभीर आरोप लगे थे.11 फरवरी 2020 को दिल्ली के साकेत कोर्ट ने उनको आजीवन कारावास के साथ 60 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई थी.
समस्तीपुर के रहनेवाले रामानुज ठाकुर बालिका गृह कांड के मुख्य आरोपित ब्रजेश ठाकुर के रिश्ते में मामा लगते थे. वह मुजफ्फरपुर में रहकर ही ब्रजेश ठाकुर की बालिका गृह और उनके एनजीओ की कामकाज देखा करते थे. 2018 में टीस की रिपोर्ट के बाद जब बालिका गृह की बच्चियों के साथ दुष्कर्म का मामला प्रकाश में आया था. तब रामानुज की भूमिका भी संदेह के घेर में आई थी. सीबीआइ की टीम ने उसे मुजफ्फरपुर से ही गिरफ्तार किया था.
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बच्चियों ने महिला थाने की पुलिस व सीबीआइ को दिये अपने बयान में रामानुज पर भी दुष्कर्म करने के साथ- साथ तरह- तरह की यातनाएं देने का आरोप लगाया था. इसके बाद उसे गिरफ्तार कर शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा भेज दिया गया था. बाद में उसे दिल्ली के तिहार जेल में शिफ्ट किया गया.
स्वाधार गृह से 11 महिलाएं और चार बच्चे के गायब होने के मामले में रामानुज ठाकुर चार्जशीटेड थे. उसपर महिला थाने की पुलिस ने 2019 में चार्जशीट दायर की थी. इसकांड में महिला थाने की पुलिस ने साइस्ता प्रवीण उर्फ मधु से भी 24 घंटे के रिमांड पर पूछताछ कर चुकी है. मामले में अभी ब्रजेश ठाकुर के रिमांड को लेकर महिला थाने की पुलिस ने कोर्ट में अर्जी दाखिल की हुई है. सुनवाई के बाद उसे रिमांड पर लिया जायेगा.
Posted by : Thakur Shaktilochan