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मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल कांड पहुंचा पटना हाई कोर्ट, उच्च स्तरीय समिति से जांच की मांग

बिहार में मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल में मोतियाबिंद के ऑपरेशन के दौरान कई व्यक्तियों के आंख की रोशनी खो जाने के मामले को लेकर एक जनहित याचिका पटना हाईकोर्ट में बुधवार को दायर की गई. याचिका में इस मामले की जांच एक उच्च स्तरीय समिति से कराने की मांग की गई है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 22, 2021 8:23 PM

Muzaffarpur News बिहार में मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल में मोतियाबिंद के ऑपरेशन के दौरान कई व्यक्तियों के आंख की रोशनी खो जाने के मामले को लेकर एक जनहित याचिका पटना हाईकोर्ट में बुधवार को दायर की गई. यह जनहित याचिका मुकेश कुमार और अन्य के द्वारा दायर की गई है. जनहित याचिका के माध्यम से हाई कोर्ट से यह अनुरोध किया गया है कि इस मामले की जांच एक उच्च स्तरीय समिति बनाकर कराने का निर्देश राज्य सरकार को दिया जाए.

इस जनहित याचिका में आरोप लगाया गया है कि कथित तौर पर आई हॉस्पिटल के प्रबंधन व राज्य सरकार के अधिकारियों द्वारा बरती गई अनियमितता और गैर कानूनी कार्यों की वजह से कई लोगों की आंखें चली गई. राज्य सरकार के अधिकारियों को भी एक नियमित अंतराल पर अस्पताल का निरीक्षण करना चाहिए था, जो नहीं किया गया. इस मामले को लेकर जिम्मेदार अधिकारियों व अस्पताल प्रबंधन के विरुद्ध प्राथमिकी भी दर्ज की जानी चाहिए, क्योंकि इन्हीं की लापरवाही के कारण सैकड़ों लोगों को अपनी आखें गंवानी पड़ी.

याचिका में यह भी अनुरोध किया गया है कि अस्पताल प्रबंधन व जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही की वजह से अपनी आंख गवां चुके व्यक्तियों को मुआवजा दिया जाए. साथ ही पीड़ितों को अच्छे अस्पताल में उचित इलाज करवाने को लेकर सरकार को आदेश दिया जाए. याचिका में इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि उक्त अस्पताल को राज्य सरकार व केंद्र सरकार से आर्थिक मदद भी मिली है. मालूम हो कि 22 नवंबर से 27 नवंबर, 2021 के बीच 330 व्यक्तियों का मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया गया था. जिसमें अधिकांश लोगों के आंख की रोशनी ऑपरेशन के बाद चली गई थी.

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