Bihar News: बिहार के मुजफ्फरपुर में रेलवे सुरक्षा बल (RPF) और (GRP) ने एक बड़ी कार्रवाई में मानव तस्करी के रैकेट का पर्दाफाश किया. न्यू जलपाईगुड़ी से अमृतसर जा रही कर्मभूमि एक्सप्रेस से 19 नाबालिग बच्चों को तस्करों के चंगुल से मुक्त कराया गया. बचपन बचाओ आंदोलन की सूचना पर इस ऑपरेशन को अंजाम दिया गया. अभियान के दौरान 4 मानव तस्करों को गिरफ्तार किया गया.
कैसे हुआ ऑपरेशन?
बचपन बचाओ आंदोलन को गुप्त सूचना मिली थी कि कर्मभूमि एक्सप्रेस से बच्चों की तस्करी की जा रही है. इस जानकारी पर RPF इंस्पेक्टर मनीष कुमार के नेतृत्व में एक टीम बनाई गई. टीम ने समस्तीपुर स्टेशन से ही ट्रेन पर नजर रखना शुरू कर दिया. मुजफ्फरपुर स्टेशन पर जब ट्रेन रुकी, तो अधिकारियों ने संदिग्ध व्यक्तियों और बच्चों से पूछताछ की। बच्चों के चेहरे पर भय और तनाव स्पष्ट दिख रहा था. पूछताछ में बच्चों ने खुलासा किया कि उन्हें पंजाब के अंबाला, जालंधर और लुधियाना जैसे शहरों में मजदूरी के लिए ले जाया जा रहा था.
डरे हुए बच्चों की आपबीती
बचाए गए बच्चों की उम्र 14 से 17 वर्ष के बीच है। वे बिहार के खगड़िया, भागलपुर, कटिहार और किशनगंज जिलों के रहने वाले हैं. बच्चों ने बताया कि उन्हें मजदूरी के लिए 8,000 रुपये प्रति माह का लालच देकर तस्करों ने बहलाया-फुसलाया था. तस्करों ने उनके परिवारों से संपर्क कर उन्हें बेहतर काम और जीवन का सपना दिखाया था.
गिरफ्तार तस्करों की पहचान
ऑपरेशन के दौरान मानव तस्करी में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. इनमें दीपक कुमार, जो खगड़िया जिले के बेलदौर का निवासी है, प्रमुख आरोपी के रूप में सामने आया है. इसके साथ ही राहुल कुमार, जो खगड़िया का ही रहने वाला है, भी गिरफ्तार हुआ.
भागलपुर के पंचा कुमार और कटिहार जिले के रोतरा गांव के रॉबिन मरांडी को भी इस मामले में पकड़ा गया है. इन सभी पर आरोप है कि ये बच्चों को बहला-फुसलाकर बेहतर काम और उच्च वेतन का झांसा देकर उन्हें मजदूरी के लिए पंजाब जैसे राज्यों में भेजने की योजना बना रहे थे. तस्करों से पूछताछ में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं, जिनकी गहन जांच की जा रही है. तस्करों ने पूछताछ में स्वीकार किया कि वे बच्चों को पंजाब में मजदूरी के लिए भेजने की कोशिश कर रहे थे.
बच्चों को वापस उनके परिवारों तक पहुंचाया जाएगा
ऑपरेशन के बाद बच्चों को आरपीएफ पोस्ट पर ले जाया गया, जहां उनकी काउंसलिंग की गई. औपचारिकताएं पूरी करने के बाद बच्चों को जीआरपी के हवाले कर दिया गया. बचपन बचाओ आंदोलन और प्रशासन अब बच्चों को उनके परिवारों तक सुरक्षित पहुंचाने के लिए काम कर रहे हैं.
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प्रशासन की प्रतिक्रिया
RPF इंस्पेक्टर मनीष कुमार ने बताया कि मानव तस्करी रोकने के लिए रेलवे में सतर्कता बढ़ाई जा रही है. उन्होंने आम जनता से भी अपील की कि वे ऐसे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत रेलवे या पुलिस को दें.