मुजफ्फरपुर में लेखन प्रतियोगिता, छात्रों ने शहर की समस्याओं और पढ़ाई पर साझा की राय
Bihar News: मुजफ्फरपुर में बच्चों की राइटिंग हैबिट और उनकी पढ़ाई के तरीके को जानने के उद्देश्य से प्रभात खबर ने शनिवार को बीबी कॉलेजिएट स्कूल और डॉल्फिन पब्लिक स्कूल में लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया.
Bihar News: मुजफ्फरपुर में बच्चों की राइटिंग हैबिट और उनकी पढ़ाई के तरीके को जानने के उद्देश्य से प्रभात खबर ने शनिवार को बीबी कॉलेजिएट स्कूल और डॉल्फिन पब्लिक स्कूल में लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया. इसमें नवम और दशम वर्ग के छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया. प्रतियोगिता के दौरान छात्रों से सवाल किया गया कि उन्हें पढ़ाई का कौन सा माध्यम पसंद है और वे स्क्रीन टाइम पर कितना समय खर्च करते हैं.
प्रतियोगिता में शामिल छात्रों ने सवालों के जवाब बेझिजक होकर दिए. विशेष रूप से, बच्चों ने पढ़ाई के लिए पसंदीदा माध्यम और उनके द्वारा बिताए गए स्क्रीन टाइम के बारे में ईमानदारी से अपनी राय रखी. इसके साथ ही, शहर की समस्याओं के बारे में भी बच्चों ने विस्तार से लिखा, जैसे कि जाम, प्रदूषण, ट्रैफिक लाइट की समस्या और शहर की सड़कों पर होने वाली परेशानियों का जिक्र किया.
डॉल्फिन स्कूल: ईमानदारी से दी गई प्रतिक्रिया
बीएमपी 6 स्थित डॉल्फिन पब्लिक स्कूल के छात्रों ने सभी सवालों का जवाब बिना किसी रुकावट के दिया. उन्होंने अपनी व्यक्तिगत राय को बिना किसी हिचकिचाहट के व्यक्त किया और अपने स्क्रीन टाइम के बारे में भी पूरी ईमानदारी से बताया. छात्रों ने शहर की समस्याओं के बारे में भी गहराई से लिखा और बताया कि उन्हें किस प्रकार के समाचार पत्र पढ़ना पसंद है. यह छात्रों की सोच और विचारशीलता को उजागर करता है.
बीबी कॉलेजिएट स्कूल: छात्राओं का उत्साहवर्धन
बीबी कॉलेजिएट स्कूल में छात्राओं की भागीदारी विशेष रूप से उत्साहपूर्ण रही. उन्होंने समय सीमा के भीतर सभी सवालों का सही तरीके से जवाब दिया और अपने विचारों को स्पष्ट रूप से व्यक्त किया. यहां भी छात्रों ने शहर की समस्याओं पर ध्यान केंद्रित किया और उनकी चिंताओं को साझा किया। साथ ही, उन्होंने समाचार पत्रों की उपयोगिता और बच्चों के लिए इसके लाभों के बारे में भी बताया.
समाजिक सरोकार से जुड़ा प्रभात खबर का अभियान
प्रभात खबर ने पिछले महीने से इस लेखन अभियान की शुरुआत की थी, जिसका उद्देश्य छात्रों की राइटिंग हैबिट, उनके विचारों और मोबाइल तथा लैपटॉप पर बिताए गए समय को जानना था. इस पहल से छात्र-छात्राओं की सोच को सकारात्मक दिशा देने की कोशिश की गई है. इस आयोजन में विद्यालय के शिक्षक और प्राचार्य की महत्वपूर्ण भूमिका रही, जिन्होंने बच्चों को उत्साहित किया और प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए प्रेरित किया.