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मुजफ्फरपुर में प्रदूषण का स्तर बढ़ा, आठ दिनों में दोगुना हुआ AQI

Bihar News: मुजफ्फरपुर में वायु प्रदूषण एक गंभीर समस्या बन चुकी है. यहां का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 461 तक पहुंच चुका है, जो दिल्ली से केवल 39 अंक कम है.

By Anshuman Parashar | November 23, 2024 9:06 PM
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Bihar News: मुजफ्फरपुर में वायु प्रदूषण एक गंभीर समस्या बन चुकी है. यहां का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 461 तक पहुंच चुका है, जो दिल्ली से केवल 39 अंक कम है. लेकिन दिलचस्प बात यह है कि इस शहर में दिल्ली की तरह पीएम 2.5 और पीएम 5 जैसे प्रदूषक तत्वों का भी उतना प्रभाव नहीं है, फिर भी प्रदूषण स्तर चिंताजनक है. ऐसे में आम लोगों को सांस लेने में दिक्कतें आ रही हैं. प्रशासन और नगर निगम द्वारा प्रदूषण की रोकथाम के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं, और अब यह सवाल उठता है कि इस बढ़ते प्रदूषण के लिए जिम्मेदार कौन है?

प्रदूषण के प्रमुख कारण

वायु प्रदूषण के कारणों की बात करें तो सबसे पहले यह साफ नजर आता है कि ठंड के मौसम में प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है. गर्मियों में हवा शुष्क रहती है, जिससे प्रदूषक गैसें ऊपर की ओर निकल जाती हैं. लेकिन सर्दियों में हवा में नमी रहने के कारण यह प्रदूषक तत्व हवा में ही अटके रहते हैं, जिससे प्रदूषण बढ़ता है.

शहर में प्रदूषण के अन्य प्रमुख कारणों में कंस्ट्रक्शन मटेरियल को खुले में छोड़ना, सड़कों की सफाई में पानी का छिड़काव न होना, और वाहनों की प्रदूषण जांच का अभाव शामिल हैं. इसके अलावा पुराने वाहनों का चलना, गन्ने के जूस के लिए बिना मानक मशीनें, और सड़क पर गीला कचरा छोड़ना भी प्रदूषण बढ़ाने के मुख्य कारण हैं.

घरों में भी बढ़ा प्रदूषण

घर के अंदर भी वायु प्रदूषण कम नहीं है. डब्ल्यूएचओ के अनुसार, बंद स्थानों में प्रदूषक तत्व बाहर से 10 गुना ज्यादा होते हैं, क्योंकि ये घरों और कार्यालयों में फंसे रहते हैं. एयर कंडीशनर्स से निकलने वाली क्लोरोफ्लोरो कार्बन और फैक्ट्री की चिमनियों से निकलने वाला धुंआ भी हवा को खराब करने में योगदान करते हैं.

प्रदूषण से बचाव के उपाय

प्रदूषण को कम करने के लिए निजी वाहनों का इस्तेमाल कम करना, सार्वजनिक परिवहन का अधिक उपयोग करना, और साइकिल का इस्तेमाल बढ़ाना जैसे कदम उठाए जा सकते हैं. इसके अलावा, बिजली का उपयोग सीमित करना, एयर कंडीशनर का इस्तेमाल कम करना, और सड़कों पर पानी का छिड़काव कराना भी प्रभावी उपाय होंगे. निर्माण कार्यों के दौरान सामग्री को ढक कर रखना और ग्रीन कवर का प्रयोग करना भी जरूरी है.

जागरूकता की जरूरत

शहर में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को नियंत्रित करने के लिए सरकार का एक्शन प्लान जरूरी है, लेकिन इसके साथ-साथ जनता को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। छोटे-छोटे कदम जैसे वाहनों की प्रदूषण जांच, सड़कों पर कचरा न फेंकना, और साइकिल का इस्तेमाल बढ़ाना प्रदूषण कम करने में मदद कर सकते हैं. अगर हम जल्द नहीं जागरूक हुए तो आने वाली पीढ़ी को इसके दुष्परिणाम भुगतने पड़ेंगे.

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मुजफ्फरपुर में वायु प्रदूषण का ग्राफ पिछले कुछ दिनों में काफी बढ़ चुका है. 14 नवंबर को AQI 223 था, जो 23 नवंबर को बढ़कर 461 तक पहुंच गया. यह प्रदूषण के स्तर को लेकर चिंता का विषय बन चुका है, और यदि जल्द कोई कदम नहीं उठाए गए, तो यह स्थिति और भी गंभीर हो सकती है.

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