Bihar News: मुजफ्फरपुर में वर्षों की कवायद के बाद सदर अस्पताल में आइ ओटी तो खुल गया, लेकिन यहां मोतियाबिंद के ऑपरेशन की संख्या काफी कम है. पिछले महीने 12 सितंबर को आइ ओटी की शुरुआत की गयी थी. उस दौरान दो मरीजों का मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया गया था. आइ ओटी खुलने के एक महीने छह दिन होने के बाद यहां महज चार मरीजों का मोतियाबिंद का ऑपरेशन हुआ है.
निशुल्क मोतियाबिंद के ऑपरेशन के लिए मरीज नहीं पहुंचे
विडंबना तो यह है कि यहां के आइ ओटी में चार आइ सर्जन नियुक्त हैं, लेकिन मरीजों के नहीं पहुंचने के कारण मोतियाबिंद का ऑपरेशन नहीं किया जा रहा है. सदर अस्पताल में आइ ओटी खुलने के बाद इसके प्रचार प्रसार नहीं होने के कारण यहां निशुल्क मोतियाबिंद के ऑपरेशन के लिए मरीज नहीं पहुंचे रहे हैं. वहीं निजी अस्पतालों में लेंस की कीमत देकर मरीज मोतियाबिंद का ऑपरेशन करा रहे हैं.
सदर अस्पतालों में मरीजों के नहीं पहुंचने का दूसरा कारण
सदर अस्पतालों में मरीजों के नहीं पहुंचने का दूसरा कारण यह भी है कि यहां पीचसी स्तर से मरीजों को रेफर नहीं किया जाता. प्रखंडों के मरीजों को बिचौलिए निजी अस्पताल ले जाते हैं. सदर अस्पताल में आइ ओटी खुलने से पहले यह कहा जा रहा था कि यहां मोतियाबिंद के अलावा सभी तरह के ऑपरेशन होंगे, लेकिन फिलहाल ऐसी कोई योजना नहीं दिख रही है.
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मोतियाबिंद के ऑपरेशन बहुत ज्यादा नही हो रहा
सदर अस्पताल के आइ ओटी कार्य कर रहा है. फिलहाल मोतियाबिंद के ऑपरेशन बहुत ज्यादा नही हो रहा है, लेकिन इसका प्रचार प्रसार किया जा रहा है. मरीज यहां पहुंचेगे तो उनका ऑपरेशन किया जाएगा. जल्द ही आइ की अन्य सर्जरी की योजना भी बनायी जाएगी