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Bihar News सिंडिकेट की बैठक में स्नातक व पीजी के रिजल्ट पर हंगामा, सफाई देते रहे अधिकारी

स्नातक और पीजी के रिजल्ट में हुई गड़बड़ी को लेकर बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के सिंडिकेट की बैठक में बुधवार को जमकर हंगामा हुआ.

धनंजय

मुजफ्फरपुर. बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के सिंडिकेट की बैठक में बुधवार को जमकर हंगामा हुआ. स्नातक और पीजी के रिजल्ट में हुई गड़बड़ी को लेकर सदस्यों ने हंगामा किया. उनका कहना था कि विश्वविद्यालय छात्रों के लिए होता है. लेकिन यहां लगातार परिणाम में गड़बड़ी हो रही है. इससे छात्र परेशान हो है. अधिकारी क्या कर रहे हैं, कुछ समझ में नहीं आ रहा. हंगामा कर रहे आक्रोशित छात्र एजेंसी की कार्यशैली पर भी सवाल उठाये.

उनका कहना था कि विश्वविद्यालय का काम पारदर्शी व समय से पूरा करने के लिए एजेंसी है, लेकिन उसने तो और परेशानी बढ़ा दी है. हालांकि इस पर कुलपति प्रो हनुमान प्रसाद पांडेय की ओर से विचार करने की बात कही गयी. वहीं, स्नातक पार्ट वन के रिजल्ट पर डीएसडब्ल्यू प्रो अजीत कुमार ने कहा पेंडिंग छात्रों की लिस्ट कॉलेजों को भेजी गयी है. उनसे प्रैक्टिकल का मार्क्स मांगा गया है. लेकिन तमाम प्राचार्यों ने विश्वविद्यालय को सूची नहीं भेजी है. कॉलेजों से कोई भी रिपोर्ट समय से नहीं आती, जिससे परेशानी होती है.

बताते चलें कि 10 जनवरी को विश्वविद्यालय के सीनेट की बैठक होनी है. इससे पहले कॉलेजों के संबंधन का प्रस्ताव स्वीकृत कराने के लिए सिंडिकेट की बैठक बुलायी गयी थी. करीब एक घंटा विलंब से सेंट्रल लाइब्रेरी में सिंडिकेट की बैठक कुलपति की अध्यक्षता में शुरू हुई. सदस्यों के विरोध के बीच 56 कॉलेजों के नव संबंधन व स्थायी संबंधन के प्रस्ताव को शर्त के साथ मंजूरी दी गयी. इसके अलावा कुछ इंडीविजुअल प्रस्ताव भी स्वीकृत हुए. बैठक में प्रोवीसी रविंद्र कुमार सिंह, कुलसचिव डॉ आरके ठाकुर, डॉ शिवानंद सिंह, डॉ रेवती रमण, डॉ सतीश कुमार राय, डॉ नरेंद्र कुमार सिंह, डॉ हरेंद्र कुमार, डॉ धनंजय कुमार सिंह आदि थे.

आपत्ति के बाद एफिलिशन कमेटी के प्रस्ताव पर बनी सहमति

सिंडिकेट सदस्यों ने कुछ कॉलेजों के संबंधन पर आपत्ति जतायी. हालांकि शर्तो के साथ सभी को स्वीकृति दे दी गयी. विवि के अधिकारियों की ओर से कहा गया कि जिन कॉलेजों पर आपत्ति है, उनकी दुबारा जांच करा ली जायेगी. एक कॉलेज के बारे में कहा गया कि आस-पास ही स्थित है, जबकि कम से कम पांच किलोमीटर की दूरी होनी चाहिये. इस पर अधिकारियों ने कहा कि दो कॉलेज स्थायी संबंधन के लिए आवेदन किये हैं. पहले से संचालित है, तो किस आधार पर उसमें से एक का प्रस्ताव हटाया जाए. वहीं करीब आधा दर्जन कॉलेजों की जमीन पर सवाल उठा, तो उनकी भी जांच कराने की बात कही गयी.

इन कालेजों को एकेडमिक काउंसिल से सशर्त मंजूरी दी गई थी कि सिंडिकेट की बैठक से पूर्व उन शर्तों को यदि पूरा करते हैं तभी स्वीकृति मिलेगी. विश्वविद्यालय से संबद्धता के लिए 58 कॉलेजों ने विभाग के पोर्टल पर आवेदन किया था. इसमें 56 कॉलेजों ने डॉक्युमेंट दिया है, जिनकी जांच करायी गयी है. दो कॉलेजों को स्थायी संबंधन देने के प्रस्ताव पर भी सदस्यों ने विरोध किया. कहा गया कि अभी दो सत्र और देखने के बाद स्थायी संबंधन देना चाहिये था.

इवनिंग कॉलेजों के स्थल चयन को मंजूरी

10 इवनिंग कॉलेजों ने संबद्धता के लिए आवेदन दिया है. इन कॉलेजों को स्थल चयन के लिए सिंडिकेट से मंजूरी दी गयी. हालांकि सदस्यों की ओर से कहा गया कि इसमें स्पष्ट होना चाहिये कि इवनिंग कॉलेज में किस तरह के छात्रों के एडमिशन की व्यवस्था होती है.

मेमोरेंडम के साथ रखा विवि का बजट

एफओ ने सिंडिकेट के पटल पर वित्तीय वर्ष 2022-23 का बजट मेमोरेंडम के साथ रखा, जिसे स्वीकृति दी गयी. 1070.91 करोड़ रुपये का बजट तैयार किया गया है. सिंडिकेट की पिछली बैठक में बजट के साथ मेमोरेंडम नहीं होने के कारण सदस्यों ने विरोध किया था. छात्र हित में बजट की राशि बढ़ाने के साथ ही प्रस्ताव के साथ मेमोरेंडम रखने की भी मांग की गयी थी. यह बजट वित्तीय वर्ष 2021-22 की तुलना में 13.26 करोड़ घाटे का है.

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